ETV Bharat / state

बांसवाड़ाः माही बांध के फिर खोले गए 16 गेट, नदी में छोड़ा जा रहा है 66000 क्यूसेक पानी - Mahi dam news

बांसवाड़ा में माही बांध के सभी सोलह गेट एक बार फिर खोल दिए गए हैं. जिसके बाद बांध से 66000 क्यूसेक पानी माही नदी में छोड़ा जा रहा है. यह कदम प्रतापगढ़ जिले से पानी की भारी आवक को देखते हुए उठाया गया है.

माही बांध के 16 गेट खुले, 16 gates of Mahi dam opened
author img

By

Published : Sep 28, 2019, 5:43 PM IST

बांसवाड़ा. मध्य प्रदेश के निकटवर्ती प्रतापगढ़ जिले से पानी की भारी आवक को देखते हुए उदयपुर संभाग के सबसे बड़े माही बांध के गेट एक बार फिर खोल दिए गए हैं. जिसके बाद लगभग 48,000 क्यूसेक पानी की आवक चल रही है.

बता दें कि बांध के 10 गेट आधा-आधा मीटर, तो वहीं छह गेट एक 1 मीटर तक खोले गए हैं. बांध से 66000 क्यूसेक पानी माही नदी में छोड़ा जा रहा है. यह पानी बेणेश्वर धाम होता हुआ गुजरात के कडाणा बांध पहुंच रहा है. जहां से अरब सागर जा रहा है. बांध के गेट खुलने की सूचना के साथ ही शहर से बड़ी संख्या में लोग पिकनिक की दृष्टि से वहां पहुंच रहे हैं. सुरक्षा की दृष्टि से बांध स्थल पर पुलिस का जाब्ता तैनात किया गया है.

माही बांध के फिर खोले गए सभी 16 गेट

वहीं माही बांध का केचमेंट एरिया प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश का धार इलाका माना जाता है. इन दोनों ही एरियाज में भारी बारिश से पानी माही बांध पहुंच रहा है. हालांकि बांसवाड़ा में भी बारिश का दौर बना हुआ है लेकिन रिमझिम से आगे नहीं बढ़ रहा है.

पढ़ें: स्पेशल रिपोर्ट: देश भर को अलवर की प्याज का इंतजार, इस बार किसानों के खिले चेहरे

आपको बता दें कि माही बांध के गेट इस मानसून सीजन में अब तक सातवीं बार खोले गए हैं. एक बार तो गेट को 9 मीटर तक खोला गया था. बांध की भराव क्षमता 281.50 मीटर है. जिसके लबालब होने के बाद से ही पानी की आवक के आधार पर गेट खोले जा रहे हैं.

बांसवाड़ा. मध्य प्रदेश के निकटवर्ती प्रतापगढ़ जिले से पानी की भारी आवक को देखते हुए उदयपुर संभाग के सबसे बड़े माही बांध के गेट एक बार फिर खोल दिए गए हैं. जिसके बाद लगभग 48,000 क्यूसेक पानी की आवक चल रही है.

बता दें कि बांध के 10 गेट आधा-आधा मीटर, तो वहीं छह गेट एक 1 मीटर तक खोले गए हैं. बांध से 66000 क्यूसेक पानी माही नदी में छोड़ा जा रहा है. यह पानी बेणेश्वर धाम होता हुआ गुजरात के कडाणा बांध पहुंच रहा है. जहां से अरब सागर जा रहा है. बांध के गेट खुलने की सूचना के साथ ही शहर से बड़ी संख्या में लोग पिकनिक की दृष्टि से वहां पहुंच रहे हैं. सुरक्षा की दृष्टि से बांध स्थल पर पुलिस का जाब्ता तैनात किया गया है.

माही बांध के फिर खोले गए सभी 16 गेट

वहीं माही बांध का केचमेंट एरिया प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश का धार इलाका माना जाता है. इन दोनों ही एरियाज में भारी बारिश से पानी माही बांध पहुंच रहा है. हालांकि बांसवाड़ा में भी बारिश का दौर बना हुआ है लेकिन रिमझिम से आगे नहीं बढ़ रहा है.

पढ़ें: स्पेशल रिपोर्ट: देश भर को अलवर की प्याज का इंतजार, इस बार किसानों के खिले चेहरे

आपको बता दें कि माही बांध के गेट इस मानसून सीजन में अब तक सातवीं बार खोले गए हैं. एक बार तो गेट को 9 मीटर तक खोला गया था. बांध की भराव क्षमता 281.50 मीटर है. जिसके लबालब होने के बाद से ही पानी की आवक के आधार पर गेट खोले जा रहे हैं.

Intro:
बांसवाड़ा। मध्य प्रदेश के धार और निकटवर्ती प्रतापगढ़ जिले से पानी की भारी आवक को देखते हुए उदयपुर संभाग के सबसे बड़े माही बांध के गेट एक बार फिर खोल दिए गए। बाद में लगभग 48,000 क्यूसेक पानी की आवक चल रही है। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग द्वारा आज फिर गेट खोल दिए गए। Body:10 गेट आधा-आधा मीटर वहीं छह गेट एक 1 मीटर तक खोले गए हैं। बांध से 66000 क्यूसेक पानी माही नदी में छोड़ा जा रहा है। यह पानी बेणेश्वर धाम होता हुआ गुजरात के कडाणा बांध पहुंच रहा है जहां से अरब सागर जा रहा है। बांध के गेट खुलने की सूचना के साथ ही शहर से बड़ी संख्या में लोग पिकनिक की दृष्टि से पहुंच रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से बांध स्थल पर पुलिस का जाब्ता तैनात किया गया है।
केचमेंट एरिया में भारी बारिश
राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े माही बांध का केचमेंट एरिया प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश का धार इलाका माना जाता है। इन दोनों ही एरियाज में भारी बारिश से पानी माही बांध पहुंच रहा है। हालांकि बांसवाड़ा में भी बारिश का दौर बना हुआ है लेकिन रिमझिम से आगे नहीं बढ़ रहा है
Conclusion:। आपको बता दें कि माही बांध के गेट इस मानसून सीजन में अब तक सातवीं बार खोले गए हैं। एक बार तो गेट को नो नो मीटर तक खोला गया था। बांध की भराव क्षमता 281.50 मीटर है जिसके लबालब होने के बाद से ही पानी की आवक का आधार पर गेट खोले जा रहे हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.