अलवर. जिले में खुलेआम अवैध खनन हो रहा है. अलवर से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक पत्थर रोड़ी व अन्य निर्माण कार्य में काम आने वाले सामान के दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, एनसीआर के शहरों में जाते है. रातों-रात अवैध खनन का खेल चलता है, लेकिन सरकारी विभाग यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि अलवर में अवैध खनन होता है.
हालांकि, कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने अलवर में अवैध खनन की बात कहते हुए अरावली के 31 पहाड़ गायब होने की बात कही थी तो वहीं एसएफआई ने सर्वे करते हुए अरावली में अलवर क्षेत्र में 224 जगहों पर अवैध खनन के पॉइंट चिन्हित किए थे. इसके बाद सरकारी विभागों की नींद टूटी. जिला कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व, खनन विभाग व वन विभाग की एक संयुक्त टीम बनाई गई थी.
इस टीम ने सभी 224 जगहों का सर्वे किया. इस दौरान 142 जगह वन क्षेत्र में पाई गई. जहां पर अवैध खनन के अवशेष मिले. इसके अलावा 83 जगह खनन विभाग के अधिकार क्षेत्र में मिली. इस पर खनन विभाग, खुद को बचाने के लिए जिन जगहों पर अवैध खनन मिला, वहां जुर्माना वसूल रहा है.
खनन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सभी जगह पर उनकी लिस्ट जारी की गई है. अब तक विभाग द्वारा 5 से 6 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं. इसके अलावा खनन का अनुमान लगाते हुए संबंधित लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा है. खनन विभाग के अधिकारी आरएन मंगल ने बताया कि वन विभाग को अवैध खनन प्वाइंटों की जानकारी दे दी गई है और कार्रवाई करने के लिए कहा गया है तो वहीं खनन विभाग के जिन क्षेत्रों में खनन के अवशेष मिले हैं. वहां विभाग द्वारा लीज जारी की गई है. ऐसे में लीज के अलावा अन्य खनन किए गए क्षेत्र को लेकर संबंधित पर जुर्माना लगाया जा रहा है.