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Alwar Panchayat Election : घूंघट की ओट में भरा नामांकन, पति के भरोसे निभाएंगी जिम्मेदारी

राजस्थान में भले ही आधी आबादी को पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत का आरक्षण मिल गया हो पर ग्रामीण इलाकों में महिलाएं आज भी घूंघट में ही दिखती हैं. अलवर में नामांकन भरने आई महिलाएं घूंघट में दिखीं, उनके बदले उनके परिवार जन नामांकन की प्रक्रिया पूरा करते आए. वहीं कुछ महिलाओं को चुनाव के बारे में जानकारी ही नहीं थी.

Alwar news, Alwar Panchayat election
अलवर में नामांकन भरने घूंघट में आईं महिलाएं
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Published : Oct 8, 2021, 4:13 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 6:48 PM IST

अलवर. पंचायत चुनाव (Alwar Panchayat election) में नामांकन प्रक्रिया के लिए आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती महिलाएं भी नामांकन करने पहुंची. घूंघट में महिलाएं अपने पति और परिवार के सदस्यों के साथ नामांकन करने पहुंची. इस दौरान परिवार के सदस्य नामांकन प्रक्रिया करते हुए नजर आए. वहीं कई महिलाएं घूंघट में महिलाएं चुपचाप खड़ी दिखाई दी. कुछ ने कहा कि वो अपने क्षेत्र का विकास करेंगी तो कुछ को चुनाव और उसकी जिम्मेदारी का पता तक नहीं था.

नामांकन प्रक्रिया की शुक्रवार को अंतिम तारीख थी. ऐसे में सभी तहसील मुख्यालय और जिला मुख्यालय पर बड़ी संख्या में लोग जिला परिषद सरपंच व अन्य पदों के लिए नामांकन करने के लिए पहुंचे. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं ग्रामीण वेशभूषा में नजर आई.

अलवर में नामांकन भरने घूंघट में आईं महिलाएं

वहीं घूंघट में महिलाओं ने अपने परिवार के साथ नामांकन पत्र दाखिल किया. महिलाओं को फार्म भरने के दौरान खासी दिक्कतें हुई. उनके परिजनों को नामांकन भरने की सही जानकारी नहीं थी. इस दौरान न्यायालय परिसर में मौजूद अधिवक्ताओं ने प्रत्याशियों की मदद की.

यह भी पढ़ें. राजस्थान : उपचुनाव और पंचायती राज के नामांकन समाप्त, अब बागियों को साधने की चुनौती

नामांकन भरने आई एक प्रत्याशी ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद वो अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगी. आवेदन करने पहुंची महिलाओं ने बताया कि सड़क बिजली, नाली और पानी ग्रामीण क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता है. महिलाओं को पानी के लिए कई किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता है. ऐसे में महिला का घर का काम प्रभावित होता है और सबसे ज्यादा महिलाएं परेशान होती है. घर के पुरुष कामकाज के लिए घर से बाहर चले जाते हैं. पीछे से महिलाएं पानी जैसी समस्या से जुझती रहती हैं.

वहीं नामांकन के दौरान कुछ महिला प्रत्याशी सवालों के जवाब नहीं दे पाई. उनको नहीं पता था कि वो किस वार्ड से चुनाव लड़ रही हैं. चुनाव लड़ने के लिए क्या आवश्यक है. उनके क्षेत्र में क्या काम होने चाहिए. लोगों की क्या आवश्यकता है. चुनाव जीतने के बाद वो करेंगी. जिस पद के लिए वह चुनाव लड़ रही हैं, उस पद की क्या प्राथमिकता है और क्या जिम्मेदारियां हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए महिलाओं ने कहा कि परिवार के कहने पर वो यहां आई हैं. हां चुनाव लड़ने के बाद उनकी झिझक और शर्म खुल जाएगी. जिससे वो आगे अपने क्षेत्र के लिए काम कर सकेंगी और लोगों से बातचीत करके उनके समस्या सुन सकेंगी.

अलवर. पंचायत चुनाव (Alwar Panchayat election) में नामांकन प्रक्रिया के लिए आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती महिलाएं भी नामांकन करने पहुंची. घूंघट में महिलाएं अपने पति और परिवार के सदस्यों के साथ नामांकन करने पहुंची. इस दौरान परिवार के सदस्य नामांकन प्रक्रिया करते हुए नजर आए. वहीं कई महिलाएं घूंघट में महिलाएं चुपचाप खड़ी दिखाई दी. कुछ ने कहा कि वो अपने क्षेत्र का विकास करेंगी तो कुछ को चुनाव और उसकी जिम्मेदारी का पता तक नहीं था.

नामांकन प्रक्रिया की शुक्रवार को अंतिम तारीख थी. ऐसे में सभी तहसील मुख्यालय और जिला मुख्यालय पर बड़ी संख्या में लोग जिला परिषद सरपंच व अन्य पदों के लिए नामांकन करने के लिए पहुंचे. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं ग्रामीण वेशभूषा में नजर आई.

अलवर में नामांकन भरने घूंघट में आईं महिलाएं

वहीं घूंघट में महिलाओं ने अपने परिवार के साथ नामांकन पत्र दाखिल किया. महिलाओं को फार्म भरने के दौरान खासी दिक्कतें हुई. उनके परिजनों को नामांकन भरने की सही जानकारी नहीं थी. इस दौरान न्यायालय परिसर में मौजूद अधिवक्ताओं ने प्रत्याशियों की मदद की.

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नामांकन भरने आई एक प्रत्याशी ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद वो अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगी. आवेदन करने पहुंची महिलाओं ने बताया कि सड़क बिजली, नाली और पानी ग्रामीण क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता है. महिलाओं को पानी के लिए कई किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता है. ऐसे में महिला का घर का काम प्रभावित होता है और सबसे ज्यादा महिलाएं परेशान होती है. घर के पुरुष कामकाज के लिए घर से बाहर चले जाते हैं. पीछे से महिलाएं पानी जैसी समस्या से जुझती रहती हैं.

वहीं नामांकन के दौरान कुछ महिला प्रत्याशी सवालों के जवाब नहीं दे पाई. उनको नहीं पता था कि वो किस वार्ड से चुनाव लड़ रही हैं. चुनाव लड़ने के लिए क्या आवश्यक है. उनके क्षेत्र में क्या काम होने चाहिए. लोगों की क्या आवश्यकता है. चुनाव जीतने के बाद वो करेंगी. जिस पद के लिए वह चुनाव लड़ रही हैं, उस पद की क्या प्राथमिकता है और क्या जिम्मेदारियां हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए महिलाओं ने कहा कि परिवार के कहने पर वो यहां आई हैं. हां चुनाव लड़ने के बाद उनकी झिझक और शर्म खुल जाएगी. जिससे वो आगे अपने क्षेत्र के लिए काम कर सकेंगी और लोगों से बातचीत करके उनके समस्या सुन सकेंगी.

Last Updated : Oct 8, 2021, 6:48 PM IST
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