अलवर. राजगढ़ में अतिक्रमण हटाने के नाम पर दुकान, मकान और 300 साल पुराने मंदिर तोड़ने के विरोध (Alwar temple demolition case) में ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठे हुए थे. ये अनशन रविवार को समाप्त हो गया. राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा और राजगढ़ प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर अनशन कारियों की 5 मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद अनशन समाप्त होने की सहमति बनी. इस पर विधायक ने जूस पिलाकर आमरण अनशन समाप्त करवाया.
राजगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में गौरव पथ निर्माण के लिए अतिक्रमण हटाया गया. इस दौरान मकान और दुकानों (Villagers ended death Strike in Alwar) को तोड़ने के साथ 300 साल पुराने तीन मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई थी. इस दौरान ग्रामीणों ने मूर्ति खंडित करने का आरोप लगाते हुए पूरे देश में जमकर राजनीति हुई. भाजपा ने गहलोत सरकार को हिंदू विरोधी बताते हुए कई गंभीर आरोप लगाए. कांग्रेस की तरफ से भी राजगढ़ में विरोध प्रदर्शन और धरना दिया गया.
एक महीने से धरने पर बैठे हैं ग्रामीण: कांग्रेस इस पूरे मामले पर भाजपा नगर पालिका बोर्ड को घेरने में लगी थी. लेकिन लोगों की समस्या जस की तस बनी रही. इस पूरे मामले के विरोध में स्थानीय लोगों ने आमरण अनशन शुरू किया. करीब एक माह से लोग धरने पर बैठे हुए थे. व्यापारियों ने घटना के विरोध में राजगढ़ बंद का भी आह्वान किया. स्थानीय लोग मुआवजा देने, मंदिर का निर्माण करवाने, मूर्तियों को फिर से स्थापित करने सहित पांच प्रमुख मांग को लेकर अनशन पर बैठे हुए थे.
राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा अपने समर्थकों और राजगढ़ प्रशासन के साथ रविवार को मौके पर पहुंचे. उन्होंने अनशन पर बैठे सभी लोगों की पांच मांगे मानने का आश्वासन दिया. उन्होंने पीड़ितों को मुआवजा देने की भी बात कही. इस आश्वासन के बाद स्थानीय लोगों ने आमरण अनशन समाप्त करने का फैसला लिया. विधायक ने जूस पिलाकर लोगों का अनशन समाप्त करवाया. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन की तरफ से वादे पूरे नहीं किए गए. तो आने वाले समय में फिर से आमरण अनशन पर बैठेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे.