अलवर. जिले के सरिस्का क्षेत्र से निकलने वाली बाराबियर नदी का पानी अब नटनी का बारा से भरतपुर नहीं जाएगा. अभी तक नटनी का बारा से आधा पानी भरतपुर जाता है और आधा अलवर आता थे लेकिन आने वाले समय में यह पानी अलवर में ही रुक जाया करेगा. प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि नटनी का बारा से पानी भरतपुर न जाए, इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की जाएगी.
स्टेट टाइम में नटनी का बारा से 50 प्रतिशत पानी भरतपुर व 50 प्रतिशत पानी अलवर भेजने का एक प्रस्ताव पास हुआ था. उसके अनुसार फिलहाल पानी दोनों जिलों में जाता है. लेकिन अलवर क्षेत्र में नहर के आसपास अतिक्रमण होने के कारण 80 प्रतिशत पानी भरतपुर चला जाता है, जबकि केवल 20 प्रतिशत पानी ही अलवर में रह जाता है. ऐसे में अलवर के लोगों को बाराबियर नदी का फायदा नहीं मिल पाता है.
पढ़ें. राजस्थान में नगर पालिकाओं की संख्या 213, 17 नगर पालिकाओं में वार्ड परिसीमन का काम अभी भी लंबित
अलवर में भूमिगत जल स्तर में लगातार गिरावट देखी जा रही है. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता है. पूरा जिला ट्यूबवेल पर निर्भर हो गया है. ऐसे में ग्रामीण लंबे समय से भरतपुर की तरफ जाने वाले पानी को रोकने की मांग कर रहे हैं.
अलवर ग्रामीण विधानसभा के कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि नटनी का बारा से भरतपुर जाने वाले पानी को रोका जाएगा. इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात की जाएगी. स्टेट टाइन में हुए पानी के बंटवारे को समाप्त किया जाएगा. अलवर में भूमिगत जलस्तर में लगातार गिरावट हो रही है. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. अलवर में पानी रुकने से यहां भूमिगत जल स्तर में सुधार होगा साथ ही किसानों को फायदा मिलेगा.