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तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बुक सेलर्स सेमिनार में जुटे 10 देशों के बुक सेलर्स

बहरोड़ के एक निजी होटल में तीन दिवसीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा सर्वेयर बयार सेलर मीट का शुभारम्भ किया गया. जिसमें प्रमुख 10 देशों के बुक सेलर्स भाग ले रहे हैं. जानकारी के मुताबिक सर्वेयर बयार सेलर मीट में 65 भारतीय विक्रेता अपनी पुस्तक लेकर दिल्ली, मुम्बई, आगरा आदि से पहुंचे है.

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बहरोड़ में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बुक सेलर्स सेमिनार
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Published : Feb 18, 2020, 10:58 AM IST

बहरोड़(अलवर). शहर के एक निजी होटल में तीन दिवसीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा सर्वेयर बयार सेलर मीट का शुभारम्भ किया गया है. जिसमें प्रमुख 10 देशों के बुक सेलर्स भाग ले रहे हैं. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से प्रमाणित संस्था कैपेक्सिल (CAPEXIL) के चेयरमैन रमेश कुमार मित्तल ने बताया कि सर्वेयर बयार सेलर मीट में अफ्रीका, नाइजीरिया, दुबई, इंडोनेशिया, मॉरीशस सहित दस देशों के बुक सेलर्स भाग ले रहे हैं.

बहरोड़ में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बुक सेलर्स सेमिनार

उन्होंने जानकारी दी कि यहां 65 भारतीय विक्रेता अपनी पुस्तक लेकर दिल्ली, मुम्बई और आगरा से पहुंचे हैं. भारतीय किताब विदेशों में शिक्षा, विज्ञान, प्रबंधन सहित विभिन्न विषयों को लेकर प्रसिद्ध हैं. जिनकी खरीददारी के लिए विदेशी लोग यहां पहुंचे हैं. भारतीय किताबो का निर्यात बढ़ाना और आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करना हमारा उद्देश्य है. ऐसे सेमिनार में हम विदेशियों को सभी तरह की सुविधाओं से अवगत करवाते हैं.

रमेश कुमार मित्तल ने बताया कि यहां प्रिंटिंग, कंटेंट राइटर से लेकर अच्छी पुस्तकें बनाने की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां लेखक भी अच्छे हैं और इन सभी खूबियों के साथ हम सभी भाषाओं में काम कर सकते हैं, विदेशों में उन्हें दे पाते हैं. इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य हम उनको सभी तरह की सुविधाएं से अवगत करवाना है. अच्छे बेस पर हम अपना निर्यात बढ़ा पाते हैं. उन्होंने कहा कैपेक्सिल संस्था भारत सरकार द्वारा संचालित है. पहले यहां आयात ज्यादा और निर्यात बहुत कम था लेकिन पिछले कुछ सालों में यह बदल गया है. 1958 में भारत सरकार द्वारा बनाई गई यह एकमात्र ऐसी संस्था है जिसके अंतर्गत यह सब कार्य संपन्न होते हैं.

पढ़ें: अलवर में फिर मॉब लिंचिंग, 2 गौ तस्करों पर हमला

उन्होंने कहा इस कंपनी ने अपने एक्सपोर्टर को नए-नए रास्ते बताए व व्यापार करने के नये-नये तरीके बताए गए हैं. इसी के बेस पर यहां अधिक निर्यात हो पा रहा है. वहीं मित्तल का कहना है कि हमने बहुत ज्यादा इंप्लीमेंट कर लिया है. पहले हमारे यहां मेडिकल की पुस्तकें विदेशों से मंगवाई जाती थी. लेकिन अब इसके विपरीत विदेश में भी भारत की पुस्तकें पढ़ी जा रही हैं.

बता दें, विदेशों में शिक्षा, विज्ञान, प्रबंधन सहित विभिन्न विषयों को लेकर भारतीय किताबें प्रचलित हैं. वहीं, विदेशों से आए बुक सेलर्स ने भी इस मीट को खास और उपयोगी बताया.

बहरोड़(अलवर). शहर के एक निजी होटल में तीन दिवसीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा सर्वेयर बयार सेलर मीट का शुभारम्भ किया गया है. जिसमें प्रमुख 10 देशों के बुक सेलर्स भाग ले रहे हैं. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से प्रमाणित संस्था कैपेक्सिल (CAPEXIL) के चेयरमैन रमेश कुमार मित्तल ने बताया कि सर्वेयर बयार सेलर मीट में अफ्रीका, नाइजीरिया, दुबई, इंडोनेशिया, मॉरीशस सहित दस देशों के बुक सेलर्स भाग ले रहे हैं.

बहरोड़ में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बुक सेलर्स सेमिनार

उन्होंने जानकारी दी कि यहां 65 भारतीय विक्रेता अपनी पुस्तक लेकर दिल्ली, मुम्बई और आगरा से पहुंचे हैं. भारतीय किताब विदेशों में शिक्षा, विज्ञान, प्रबंधन सहित विभिन्न विषयों को लेकर प्रसिद्ध हैं. जिनकी खरीददारी के लिए विदेशी लोग यहां पहुंचे हैं. भारतीय किताबो का निर्यात बढ़ाना और आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करना हमारा उद्देश्य है. ऐसे सेमिनार में हम विदेशियों को सभी तरह की सुविधाओं से अवगत करवाते हैं.

रमेश कुमार मित्तल ने बताया कि यहां प्रिंटिंग, कंटेंट राइटर से लेकर अच्छी पुस्तकें बनाने की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां लेखक भी अच्छे हैं और इन सभी खूबियों के साथ हम सभी भाषाओं में काम कर सकते हैं, विदेशों में उन्हें दे पाते हैं. इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य हम उनको सभी तरह की सुविधाएं से अवगत करवाना है. अच्छे बेस पर हम अपना निर्यात बढ़ा पाते हैं. उन्होंने कहा कैपेक्सिल संस्था भारत सरकार द्वारा संचालित है. पहले यहां आयात ज्यादा और निर्यात बहुत कम था लेकिन पिछले कुछ सालों में यह बदल गया है. 1958 में भारत सरकार द्वारा बनाई गई यह एकमात्र ऐसी संस्था है जिसके अंतर्गत यह सब कार्य संपन्न होते हैं.

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उन्होंने कहा इस कंपनी ने अपने एक्सपोर्टर को नए-नए रास्ते बताए व व्यापार करने के नये-नये तरीके बताए गए हैं. इसी के बेस पर यहां अधिक निर्यात हो पा रहा है. वहीं मित्तल का कहना है कि हमने बहुत ज्यादा इंप्लीमेंट कर लिया है. पहले हमारे यहां मेडिकल की पुस्तकें विदेशों से मंगवाई जाती थी. लेकिन अब इसके विपरीत विदेश में भी भारत की पुस्तकें पढ़ी जा रही हैं.

बता दें, विदेशों में शिक्षा, विज्ञान, प्रबंधन सहित विभिन्न विषयों को लेकर भारतीय किताबें प्रचलित हैं. वहीं, विदेशों से आए बुक सेलर्स ने भी इस मीट को खास और उपयोगी बताया.

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