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खुलासा: 'पपला' को छुड़ाने के मामले में बदमाशों ने बहरोड़ में ही छुपाए थे हथियार - पपला फरारी मामला

बहरोड़ पुलिस थाने पर फायरिंग कर हवालात में बंद विक्रम उर्फ पपला को छुड़ाकर ले जाने के मामले में एसओजी की चार्जशीट में कई खुलासे हुए है. इसके तहत पपला को रात के पकड़ने के दौरान फरार हुए उसके 2 साथियों ने बहरोड़ में ही हथियार छुपाए जाने की बात सामने आई है.

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पपला फरारी मामले में खुलासा
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Published : Dec 14, 2019, 3:04 PM IST

बहरोड़ (अलवर). बहरोड़ थाने पर फायरिंग कर हवालात में बंद विक्रम उर्फ पपला को छुड़ाकर ले जाने के मामले में एसओजी की ओर से कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में कई खुलासे हुए है. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से नियुक्त विशिष्ट लोक अभियोजक जितेंद्र शर्मा ने बताया कि चार्जशीट के अनुसार 5 सितंबर की रात को पकड़े गए हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव खैरोली निवासी विक्रम उर्फ पपला के साथ इसी गांव का राजवीर गुर्जर तथा तिजारा का टिहली निवासी नरेन्द्र गुर्जर भी मौजूद था.

पपला फरारी मामले में खुलासा

इन सभी के पास हथियार थे, लेकिन पुलिस को पीछे देखकर दोनों हथियार सहित वहां से भाग गए थे. इन लोगों ने अलवर रोड पर एक सूने मकान में हथियार छिपा दिए थे और वहां से आलनपुर पहुंच गए थे. इसके बाद पपला की गिरफ्तारी की खबर गैंग को दी.

यह भी पढ़ें : बहरोड़ जेल में बनेगी 150 कैदियों की क्षमता वाली बिल्डिंग, जेल डीआईजी ने किया निरीक्षण

इसके बाद आलनपुर में कोटकासिम के गांव गुर्जरीवास निवासी सुनील गुर्जर साथी अशोक के साथ कार लेकर आ गया. यहां सभी ने अन्य साथियों के साथ मिलकर एकजुट होकर थाने पर फायरिंग कर पपला को हवालात से छुड़ाने का षड़यंत्र रचा था. शर्मा ने बताया कि मामले में अब तक 23 आरोपी पकड़े जा चुके हैं. इनमें से 8 आरोपियों की जमानत याचिकाएं एडीजे कोर्ट संख्या एक न्यायाधीश बृजेश कुमार शर्मा ने पिछले 15 दिनों में खारिज की है.

यह भी हुआ खुलासा...

आरोपियों को सुनील ने कार और मोबाइल मुहैया कराए थे. फिर आरोपी बहरोड़ स्थित एक कॉलोनी में उस मकान पर पहुंचे, जहां हथियार छिपाए थे. ये हथियार AK-47, AK-56 तथा पिस्टल थे. इन्हें लेकर बाकी साथियों को बुलाया और थाने की रैकी करते हुए पुलिस नफरी की जानकारी भी ली थी. गांव खैरोली निवासी दीक्षांत गुर्जर, इसी गांव के अशोक उर्फ मेजर ने अन्य साथियों के साथ पुलिस थाने के गेट पर खड़े होकर आने-जाने वालों को रोका तथा पुलिस थाने के सामने गोलियों की आवाज सुनकर रुकने वालों को भगाया था. हवालात से छुड़ाने के बाद पपला को साथ लेकर गए थे.

बहरोड़ (अलवर). बहरोड़ थाने पर फायरिंग कर हवालात में बंद विक्रम उर्फ पपला को छुड़ाकर ले जाने के मामले में एसओजी की ओर से कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में कई खुलासे हुए है. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से नियुक्त विशिष्ट लोक अभियोजक जितेंद्र शर्मा ने बताया कि चार्जशीट के अनुसार 5 सितंबर की रात को पकड़े गए हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव खैरोली निवासी विक्रम उर्फ पपला के साथ इसी गांव का राजवीर गुर्जर तथा तिजारा का टिहली निवासी नरेन्द्र गुर्जर भी मौजूद था.

पपला फरारी मामले में खुलासा

इन सभी के पास हथियार थे, लेकिन पुलिस को पीछे देखकर दोनों हथियार सहित वहां से भाग गए थे. इन लोगों ने अलवर रोड पर एक सूने मकान में हथियार छिपा दिए थे और वहां से आलनपुर पहुंच गए थे. इसके बाद पपला की गिरफ्तारी की खबर गैंग को दी.

यह भी पढ़ें : बहरोड़ जेल में बनेगी 150 कैदियों की क्षमता वाली बिल्डिंग, जेल डीआईजी ने किया निरीक्षण

इसके बाद आलनपुर में कोटकासिम के गांव गुर्जरीवास निवासी सुनील गुर्जर साथी अशोक के साथ कार लेकर आ गया. यहां सभी ने अन्य साथियों के साथ मिलकर एकजुट होकर थाने पर फायरिंग कर पपला को हवालात से छुड़ाने का षड़यंत्र रचा था. शर्मा ने बताया कि मामले में अब तक 23 आरोपी पकड़े जा चुके हैं. इनमें से 8 आरोपियों की जमानत याचिकाएं एडीजे कोर्ट संख्या एक न्यायाधीश बृजेश कुमार शर्मा ने पिछले 15 दिनों में खारिज की है.

यह भी हुआ खुलासा...

आरोपियों को सुनील ने कार और मोबाइल मुहैया कराए थे. फिर आरोपी बहरोड़ स्थित एक कॉलोनी में उस मकान पर पहुंचे, जहां हथियार छिपाए थे. ये हथियार AK-47, AK-56 तथा पिस्टल थे. इन्हें लेकर बाकी साथियों को बुलाया और थाने की रैकी करते हुए पुलिस नफरी की जानकारी भी ली थी. गांव खैरोली निवासी दीक्षांत गुर्जर, इसी गांव के अशोक उर्फ मेजर ने अन्य साथियों के साथ पुलिस थाने के गेट पर खड़े होकर आने-जाने वालों को रोका तथा पुलिस थाने के सामने गोलियों की आवाज सुनकर रुकने वालों को भगाया था. हवालात से छुड़ाने के बाद पपला को साथ लेकर गए थे.

Intro:बहरोड़ पुलिस थाने पर फायरिंग कर हवालात में बंद विक्रम उर्फ पपला को छुड़ाकर ले जाने के मामले में एसओजी द्वारा कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि 6 सितंबर की वारदात की साजिश आलनपुर में रची गई थीBody:बहरोड - एंकर- बहरोड़ पुलिस थाने पर फायरिंग कर हवालात में बंद विक्रम उर्फ पपला को छुड़ाकर ले जाने के मामले में एसओजी द्वारा कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि 6 सितंबर की वारदात की साजिश आलनपुर में रची गई थी। विशिष्ट लोक अभियोजक जितेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि 5 सितंबर की रात को पकड़े गए हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के गांव खैरोली निवासी विक्रम उर्फ पपला के साथ इसी गांव का राजवीर पुत्र रणसिंह गुर्जर तथा तिजारा के टिहली निवासी नरेन्द्र गुर्जर पुत्र कंवर सिंह गुर्जर भी मौजूद था। इन सभी के पास हथियार थे, लेकिन पुलिस को पीछे देखकर दोनों हथियार सहित वहां से भाग गए। इन लोगों ने अलवर रोड़ पर एक सूने मकान में हथियार छिपा दिए और वहां से आलनपुर पहुंच गए। फिर पपला की गिरफ्तारी की खबर गैंग को दी। इसेक बाद आलनपुर में कोटकासिम के गांव गुर्जरीवास निवासी सुनील गुर्जर पुत्र जगनीराम साथी अशोक गुर्जरिवास के साथ कार लेकर अा गया। यहां सभी ने अन्य साथियों के साथ मिलकर एकजुट होकर पुलिस थाने पर फायरिंग कर पपला को हवालात से छुड़ाने का षडयंत्र रचा था। शर्मा ने बताया कि मामले में अब तक 23 आरोपी पकड़े गए हैं। इनमें से 8 आरोपियों की जमानत याचिकाएं एडीजे कोर्ट संख्या एक न्यायाधीश बृजेश कुमार शर्मा ने पिछले 15 दिनों में खारिज की है। 

यह भी हुआ खुलासा : आरोपियों को सुनील ने कार और मोबाइल मुहैया कराए थे। िफर आरोपी बहरोड़ स्थित एक कॉलोनी में उस मकान पर पहुंचे जहां हथियार छिपाए थे। ये हथियार AK-47, AK-56 तथा पिस्टल थे। इन्हें लेकर बाकी साथियों को बुलाया और थाने की रैकी करते हुए पुलिस नफरी की जानकारी भी ली। गांव खैरोली निवासी दीक्षांत गुर्जर पुत्र ओमप्रकाश गुर्जर, इसी गांव के अशोक उर्फ मैजर पुत्र ग्यारसीलाल ने अन्य साथियाें के साथ पुलिस थाने के गेट पर खड़े होकर आने-जाने वालों को रोका तथा पुलिस थाने के सामने गोलियों की आवाज सुनकर रुकने वालों को भगाया था। हवालात से छुडाने के बाद पपला को साथ लेकर गए थे। 

इन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज : ़झूंझनू के गुर्जरवास निवासी कैलाश चंद पुत्र श्याम लाल, खैरथल थाने के गांव खैरोला निवासी जगन खटाना पुत्र बनवारी लाल खटाना, खैरथल थाने के गांव खैरोला निवासी महिपाल पुत्र लेखराज गुर्जर, ़किशनगढ़बास थाने के गांव तरवाला निवासी सुभाष पुत्र भरतसिंह गुर्जर, कोटकासीम के गांव गुर्जरीवास निवासी अजय उर्फ बिल्लू पुत्र जीतराम गुर्जर, हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के गांव खैरोली निवासी दिक्षांत गुर्जर पुत्र ओमप्रकाश गुर्जर, हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के गांव खैरोली निवासी अशोक उर्फ मैजर पुत्र ग्यारयीलाल गुर्जर, कोटकासीम थाने के गांव गुर्जरीवास निवासी सुनील गुर्जर पुत्र जगनीराम गुर्जर की जमानत खारिज की गई है।  byte: जितेंद्र शर्मा - सरकारी वकीलConclusion:विशिष्ट लोक अभियोजक जितेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि 5 सितंबर की रात को पकड़े गए हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के गांव खैरोली निवासी विक्रम उर्फ पपला के साथ इसी गांव का राजवीर पुत्र रणसिंह गुर्जर तथा तिजारा के टिहली निवासी नरेन्द्र गुर्जर पुत्र कंवर सिंह गुर्जर भी मौजूद था। इन सभी के पास हथियार थे, लेकिन पुलिस को पीछे देखकर दोनों हथियार सहित वहां से भाग गए। इन लोगों ने अलवर रोड़ पर एक सूने मकान में हथियार छिपा दिए और वहां से आलनपुर पहुंच गए। फिर पपला की गिरफ्तारी की खबर गैंग को दी। इसेक बाद आलनपुर में कोटकासिम के गांव गुर्जरीवास निवासी सुनील गुर्जर पुत्र जगनीराम साथी अशोक गुर्जरिवास के साथ कार लेकर अा गया। यहां सभी ने अन्य साथियों के साथ मिलकर एकजुट होकर पुलिस थाने पर फायरिंग कर पपला को हवालात से छुड़ाने का षडयंत्र रचा था। शर्मा ने बताया कि मामले में अब तक 23 आरोपी पकड़े गए हैं।
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