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मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने की एवज में रिश्वत मांगने वाले डॉक्टर को तीन साल की सजा - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने की एवज में रिश्वत (sentenced a doctor to three years imprisonment) लेने वाले डॉक्टर को एसीबी विशेष कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है.

ACB Special Court in Alwar,  ACB Special Court sentenced a doctor
रिश्वत मांगने वाले डॉक्टर को तीन साल की सजा.
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Published : Jun 23, 2023, 7:16 PM IST

अलवर. मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने की एवज में रिश्वत मांगने वाले डॉक्टर को अलवर के एसीबी विशेष न्यायालय ने 3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. साल 2014 में एसीबी ने ढाई हजार रुपए रिश्वत मांगने के मामले में डॉक्टर को गिरफ्तार किया था.

सरकारी वकील ने बताया कि 20 मई 2014 को पाल सिंह नाम के व्यक्ति ने एसीबी को शिकायत दी थी. शिकायत में बताया था कि अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में तैनात डॉ अमरचंद मावर ने उसकी मानसिक विकलांग बहन का विकलांग प्रमाण पत्र बनाने की एवज में ढाई हजार रुपए की रिश्वत मांगी है. एसीबी की ओर से मामले का सत्यापन करवाया गया. इस दौरान मामला सही पाया गया. इस पर 21 मई 2014 को एसीबी की टीम ने डॉ अमरचंद मावर को ढाई हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया.

पढ़ेंः अजमेर विकास प्राधिकरण का गिरदावर 20 हजार रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार

इस मामले में एसीबी ने डॉक्टर के घर व बैंक खातों की जांच पड़ताल की. जिसमें एसीबी को कई अहम दस्तावेज मिले. एसीबी को जांच पड़ताल के दौरान कई अहम जानकारियां मिली. इसके आधार पर एसीबी टीम ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया. उसके बाद लगातार न्यायालय में मामले की सुनवाई चली. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एसीबी विशेष न्यायालय ने डॉक्टर को दोषी करार दिया. इस मामले में कोर्ट ने डॉक्टर को 3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है.

अलवर. मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने की एवज में रिश्वत मांगने वाले डॉक्टर को अलवर के एसीबी विशेष न्यायालय ने 3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. साल 2014 में एसीबी ने ढाई हजार रुपए रिश्वत मांगने के मामले में डॉक्टर को गिरफ्तार किया था.

सरकारी वकील ने बताया कि 20 मई 2014 को पाल सिंह नाम के व्यक्ति ने एसीबी को शिकायत दी थी. शिकायत में बताया था कि अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में तैनात डॉ अमरचंद मावर ने उसकी मानसिक विकलांग बहन का विकलांग प्रमाण पत्र बनाने की एवज में ढाई हजार रुपए की रिश्वत मांगी है. एसीबी की ओर से मामले का सत्यापन करवाया गया. इस दौरान मामला सही पाया गया. इस पर 21 मई 2014 को एसीबी की टीम ने डॉ अमरचंद मावर को ढाई हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया.

पढ़ेंः अजमेर विकास प्राधिकरण का गिरदावर 20 हजार रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार

इस मामले में एसीबी ने डॉक्टर के घर व बैंक खातों की जांच पड़ताल की. जिसमें एसीबी को कई अहम दस्तावेज मिले. एसीबी को जांच पड़ताल के दौरान कई अहम जानकारियां मिली. इसके आधार पर एसीबी टीम ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया. उसके बाद लगातार न्यायालय में मामले की सुनवाई चली. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एसीबी विशेष न्यायालय ने डॉक्टर को दोषी करार दिया. इस मामले में कोर्ट ने डॉक्टर को 3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है.

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