अलवर. थानागाजी के निजरां गांव में वन्यजीव बिज्जू का रेस्क्यू करने वन विभाग की टीम पहुंची. वनकर्मियों ने ग्रामीणों से बिज्जू को रास्ता देने के लिए कहा. इस पर ग्रामीणों ने बिज्जू पर पथराव कर दिया. वनकर्मियों ने रोका, तो ग्रामीणों ने वनकर्मियों पर भी पथराव शुरू कर (Villagers pelted stone on foresters) दिया. इस दौरान वनकर्मी अपनी जान बचाकर मौके से भागे. कई वनकर्मी घायल हो गए. उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि थानागाजी के प्रतापगढ़ के पास निजरां गांव में बिज्जू के होने की सूचना थानागाजी वन विभाग टीम को मिली. थानागाजी के रेंजर लल्लू राम मीणा अपनी टीम के साथ गांव में पहुंचे. वहां एक व्यक्ति के फार्म पॉन्ड में बिज्जू गिरा हुआ था. इसे रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया. ग्रामीणों ने वन विभाग से बिज्जू को साथ ले जाने के लिए कहा. लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों ने कहा कि वन्यजीव है व जंगल में रहता है. ग्रामीणों ने बिज्जू को चारों तरफ से घेर लिया. वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों से बिज्जू को रास्ता देने के लिए कहा. इस पर ग्रामीणों ने बिज्जू पर पथराव शुरू कर दिया. वनकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. तो ग्रामीणों ने वनकर्मियों पर भी पथराव शुरू कर दिया. इस दौरान किसी तरह से बिज्जू जंगल की तरफ भाग गया.
इस घटना में रेंजर लल्लू राम मीणा व अन्य वन्यकर्मियों के हल्की चोटें आईं. वो किसी तरह से मौके से जान बचाकर भागे व मामले की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने 11 ग्रामीणों सहित अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया (FIR filed against villagers) है. लोगों की तलाश शुरू कर दी गई है. वन अधिकारियों ने कहा कि वन विभाग के नियमानुसार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. वनकर्मियों पर पथराव करने वाले लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा. 11 लोग चिन्हित हो चुके हैं. जबकि अन्य लोगों को भी चिन्हित करने का काम चल रहा है. पहले भी कई बार वन विभाग की टीम पर हमले हो चुके हैं. लेकिन फोर्स की कमी होने के कारण आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती है.