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अलवर: चीन से अभी तक नहीं आई तीसरी फ्लाइट, ESIC अस्पताल में अलर्ट पर है स्टॉफ - ESIC Hospital Alert

चीन में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के चलते भारत सरकार की तरफ से वहां रहने वाले भारतीयों को एअरलिफ्ट करके भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी. चीन से तीसरी फ्लाइट में लोगों को अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के भवन में लाना था. लेकिन अभी तक तीसरी फ्लाइट के आने का कुछ पता नहीं चला है.

ESIC अस्पताल में अलर्ट पर स्टॉफ, Staff on alert at ESIC Hospital
ESIC अस्पताल में अलर्ट पर स्टॉफ
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Published : Feb 6, 2020, 4:30 AM IST

अलवर. भारत सरकार की तरफ से अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, आइटीबीपी कैंप और आर्म फोर्स कैंप को चीन से आने वाले लोगों के लिए चिन्हित किया गया था. यहां पर सभी लोगों को ऑब्जर्वेशन में रखने की व्यवस्था है. दो फ्लाइटों में आए लोगों को आइटीबीपी में भेजा गया.

ESIC अस्पताल में अलर्ट पर स्टॉफ

जबकि ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन में अभी तक किसी को शिफ्ट नहीं किया गया है. लेकिन उसके बाद भी ईएसआईसी अस्पताल में तैनात स्टाफ पूरे अलर्ट पर है. आने वाले संकट को देखते हुए ईएसआईसी की तरफ से 31 सदस्यों की टीम लगाई गई है. इसमें जयपुर, झुंझुनू, उदयपुर सहित कई जगह से मेडिकल स्टाफ अलवर में लगाया गया था.

पढ़ें- सरकार पर भारी अफसरशाही! अधिकारियों ने रिपोर्ट नहीं दी तो मंत्रिमंडल सब कमेटी ने समीक्षा करने से किया इनकार

एक सप्ताह से सभी यहां तैनात हैं और 24 घंटे अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. लेकिन अभी तक यहां लोगों को शिफ्ट करने की सूचना नहीं मिली है. 300 लोगों के रहने की पूरी व्यवस्था करने में लाखों रुपए का खर्चा आया है. रातों रात लोगों को रहने के लिए नए गद्दे मंगवाए गए थे. दोनों भावनाओं में गीजर प्रत्येक व्यक्ति के रहने के लिए अलग इंतजाम सहित होटल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. लेकिन भारत सरकार की तरफ से अभी तक तीसरी फ्लाइट नहीं भेजी गई है.

अलवर. भारत सरकार की तरफ से अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, आइटीबीपी कैंप और आर्म फोर्स कैंप को चीन से आने वाले लोगों के लिए चिन्हित किया गया था. यहां पर सभी लोगों को ऑब्जर्वेशन में रखने की व्यवस्था है. दो फ्लाइटों में आए लोगों को आइटीबीपी में भेजा गया.

ESIC अस्पताल में अलर्ट पर स्टॉफ

जबकि ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन में अभी तक किसी को शिफ्ट नहीं किया गया है. लेकिन उसके बाद भी ईएसआईसी अस्पताल में तैनात स्टाफ पूरे अलर्ट पर है. आने वाले संकट को देखते हुए ईएसआईसी की तरफ से 31 सदस्यों की टीम लगाई गई है. इसमें जयपुर, झुंझुनू, उदयपुर सहित कई जगह से मेडिकल स्टाफ अलवर में लगाया गया था.

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एक सप्ताह से सभी यहां तैनात हैं और 24 घंटे अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. लेकिन अभी तक यहां लोगों को शिफ्ट करने की सूचना नहीं मिली है. 300 लोगों के रहने की पूरी व्यवस्था करने में लाखों रुपए का खर्चा आया है. रातों रात लोगों को रहने के लिए नए गद्दे मंगवाए गए थे. दोनों भावनाओं में गीजर प्रत्येक व्यक्ति के रहने के लिए अलग इंतजाम सहित होटल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. लेकिन भारत सरकार की तरफ से अभी तक तीसरी फ्लाइट नहीं भेजी गई है.

Intro:अलवर
चीन में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के चलते भारत सरकार की तरफ से वहां रहने वाले भारतीयों को एअरलिफ्ट करके भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। दो फ्लाइट चीन से लोगों को लेकर भारत पहुंची थी। उन लोगों को आईटीबीपी कैम्प में भेजा गया था। लेकिन अभी तक अलवर के ईएसआईसी अस्पताल में एक भी व्यक्ति नहीं भेजा गया है। लेकिन उसके बाद भी अस्पताल में डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ की टीम पूरी मुस्तैद है व अलर्ट पर है।


Body:भारत सरकार की तरफ से अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, आइटीबीपी कैंप व आर्म फोर्स कैंप को चीन से आने वाले लोगों के लिए चिन्हित किया था। यहां पर सभी लोगों को ऑब्जर्वेशन में रखने की व्यवस्था है। दो फ्लाइटों में आए लोगों को आइटीबीपी में भेजा गया। जबकि ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन में अभी तक किसी को शिफ्ट नहीं किया गया है। लेकिन उसके बाद भी ईएसआईसी अस्पताल में तैनात स्टाफ पूरे अलर्ट पर है। आने वाले संकट को देखते हुए ईएसआईसी की तरफ से 31 सदस्यों की टीम लगाई गई। इसमें जयपुर, झुंझुनू उदयपुर सहित कई जगह से मेडिकल स्टाफ अलवर में लगाया गया था। एक सप्ताह से सभी यहां तैनात हैं व 24 घंटे अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। लेकिन अभी तक यहां लोगों को शिफ्ट करने की सूचना नहीं मिली है। ईएसआईसी की तरफ से अलवर में 300 पेड़ लगाए गए हैं। 300 लोगों के रहने की पूरी व्यवस्था करने में लाखों रुपए का खर्चा आया है।


Conclusion:रातो रात लोगों को रहने के लिए नए गद्दे मंगवाए गए थे। दोनों भावनाओं में गीजर प्रत्येक व्यक्ति के रहने के लिए अलग इंतजाम सहित होटल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। लेकिन भारत सरकार की तरफ से अभी तक तीसरी फ्लाइट नहीं भेजी गई है। ऐसे में तीसरी फ्लाइट में आने वाले लोगों को अलवर लाया जाएगा। हालांकि चीन में अब भी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र युवा लोग फंसे हुए हैं। लगातार लोग भारत सरकार से एअरलिफ्ट करके बाहर लाने की मांग कर रहे हैं। वहां रहने वाले छात्रों के परिजन भी खासे परेशान है।
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