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लॉकडाउन: पैदल घर लौट रहे लोगों की प्रशासन ने शुरू की स्क्रीनिंग - Alwar police started screening

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया है. इस दौरान देशभर में बस, ट्रेनें और हवाई यात्रा पूरी तरह बंद कर दी गई है. लॉकडाउन के कारण मजदूरों को खाने पर भी संकट खड़ा हो गया है. जिसकी वजह से हजारों मजदूर घर जाने के लिए पैदल ही निकल रहे हैं. वहीं, अलवर में पैदल लौट रहे लोगों की प्रशासन ने रविवार से स्क्रीनिंग शुरू की है.

कोविड 19, Alwar News
प्रशासन ने शुरू की स्क्रीनिंग
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Published : Mar 29, 2020, 7:39 PM IST

मुण्डावर (अलवर). दुनियाभर में फैली वैश्विक महामारी के बाद देश में लॉकडाउन का दौर चल रहा है. राजस्थान, दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से पैदल चलकर मजदूरों को अपने-अपने गृह जिले और राज्य में पहुंचने का सिलसिला जारी है. बता दें कि इन लोगों को राजस्थान के विभिन्न जिलों सहित सागर, झांसी, बदायूं, अलीगढ़, एटा, इटावा, कन्नौज पूर्वांचल के आदि जिलों तक इन्हें जाना है.

प्रशासन ने शुरू की स्क्रीनिंग

दरअसल, दिल्ली एनसीआर में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के लोग नौकरी और मजदूरी करते है. लॉकडाउन के कारण मजदूरों को खाने पर भी संकट खड़ा हो गया है. जिसकी वजह से हजारों मजदूर घर जाने के लिए पैदल ही निकल रहे हैं. वहीं, पैदल जा रहे मजदूरों के लिए कई समाजसेवी और प्रशासन खाना का व्यवस्था करवा रहा है. लोगों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने रोडवेज बसों से इन्हें घर पहुंचाने का निर्णय लिया है.

पढ़ें- लॉकडाउन का पांचवां दिन : बसों में भारी भीड़, एलपीजी आपूर्ति को लेकर सऊदी से संपर्क

बता दें कि पैदल जा रहे मजदूरों को छोड़ने के लिए सरकारी और निजी बसों को लगाया गया है. इसके लिए उपखंड प्रशासन की ओर से क्षेत्र के अजरका, सोडावास और करतारपुर में 3 चेक पोस्ट बनाए गए हैं, जहां चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों की ओर से इनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. स्क्रीनिंग करने के बाद ही मजदूरों को बस में बैठाया जा रहा है.

तहसीलदार सूर्यकांत शर्मा का कहना है, कि जो भी लोग सड़कों पर आ रहे हैं, उनको भोजन कराने के बाद थर्मल स्कैनिंग कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्हें बसों से रवाना किया जा रहा है.

मुण्डावर (अलवर). दुनियाभर में फैली वैश्विक महामारी के बाद देश में लॉकडाउन का दौर चल रहा है. राजस्थान, दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से पैदल चलकर मजदूरों को अपने-अपने गृह जिले और राज्य में पहुंचने का सिलसिला जारी है. बता दें कि इन लोगों को राजस्थान के विभिन्न जिलों सहित सागर, झांसी, बदायूं, अलीगढ़, एटा, इटावा, कन्नौज पूर्वांचल के आदि जिलों तक इन्हें जाना है.

प्रशासन ने शुरू की स्क्रीनिंग

दरअसल, दिल्ली एनसीआर में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के लोग नौकरी और मजदूरी करते है. लॉकडाउन के कारण मजदूरों को खाने पर भी संकट खड़ा हो गया है. जिसकी वजह से हजारों मजदूर घर जाने के लिए पैदल ही निकल रहे हैं. वहीं, पैदल जा रहे मजदूरों के लिए कई समाजसेवी और प्रशासन खाना का व्यवस्था करवा रहा है. लोगों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने रोडवेज बसों से इन्हें घर पहुंचाने का निर्णय लिया है.

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बता दें कि पैदल जा रहे मजदूरों को छोड़ने के लिए सरकारी और निजी बसों को लगाया गया है. इसके लिए उपखंड प्रशासन की ओर से क्षेत्र के अजरका, सोडावास और करतारपुर में 3 चेक पोस्ट बनाए गए हैं, जहां चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों की ओर से इनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. स्क्रीनिंग करने के बाद ही मजदूरों को बस में बैठाया जा रहा है.

तहसीलदार सूर्यकांत शर्मा का कहना है, कि जो भी लोग सड़कों पर आ रहे हैं, उनको भोजन कराने के बाद थर्मल स्कैनिंग कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्हें बसों से रवाना किया जा रहा है.

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