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Sariska Tiger ST 13 missing: सरिस्का से बाघ ST-13 एक माह से गायब, नर बाघों की बढ़ती संख्या बनी वजह

सरिस्का जंगल से बाघ ST-13 एक माह से गायब है. उसकी सघन स्तर पर तलाश की जा रही है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संतुलन के लिए एक मेल बाघ दो से तीन फीमेल बाघ के साथ घूमता है. बाघों के बफर जोन में जाने या गायब हो जाने की एक वजह नर बाघों की संख्या बढ़ जाना (Male tigers increasing in Sariska Tiger Reserve) भी है.

Sariska Tiger ST 13 missing
सरिस्का से बाघ ST-13 एक माह से गायब
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Published : Feb 26, 2022, 7:51 PM IST

Updated : Feb 26, 2022, 11:03 PM IST

अलवर. सरिस्का से बाघ ST-13 एक माह से गायब है. उसकी तलाश में 35 टीमें लगी हुई है. जंगल, नाला, कुआं, नदी, तालाब व गड्डों में वनकर्मी बाघ की तलाश कर चुके हैं. लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. इसके साथ ही अन्य युवा बाघ भी चिंता बढ़ा रहे हैं. युवा बाघ आए दिन अन्य जंगलों में पहुंच रहे (Sariska Tigers moving to other forests) हैं. इसका एक बड़ा कारण सरिस्का में नर बाघों की संख्या ज्यादा होना भी है.

सरिस्का में इन दिनों बाघों का कुनबा बढ़कर 25 पहुंच गया है. इनमें 9 मेल बाघ, 11 फीमेल बाघ और 5 शावक हैं. बाघ ST-13 के बाद अब ST-23 भी सरिस्का के जंगल से बाहर निकल गया है. बाघ ST-23 सरिस्का से बाहर निकलकर राजगढ़ के वन क्षेत्र में पहुंच गया है. यह जंगल घना होने के कारण बाघों को खूब रास आता है. इससे पहले भी बाघ ST-13 सरिस्का से बाहर निकल एक साल से ज्यादा समय तक राजगढ़ वन क्षेत्र में रह चुका है. इसके अलावा बाघ ST—11 बफर जोन में आया था. बाघ 18 व बाघिन 19 लंबे समय से बफर जोन में रह रहे हैं. बाघों के सरिस्का जंगल से बाहर निकलने के चलते सरिस्का प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं.

पढ़ें: Tiger ST-13 missing: सरिस्का में बाघों की दहाड़ पर लगने लगा 'ग्रहण'...2005 के बाद से 2 बाघ और एक बाघिन का हो चुका शिकार

इसके अलावा सरिस्का में मेल बाघों की संख्या ज्यादा होने के कारण भी लगातार बाघ सरिस्का से बाहर निकल रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संतुलन के लिए एक मेल बाघ दो से तीन फीमेल बाघ के साथ घूमता है. इस हिसाब से सरिस्का में फीमेल बाघ की तुलना में नर बाघ की संख्या ज्यादा है. सरिस्का में नर बाघ बढ़ने से बाघों के जंगल से बाहर निकलने की समस्या आने लगी है. यह समस्या आगामी समय में और बढ़ने की आशंका है.

पढ़ें: Tiger sight in Sariska Tiger Reserve: बाघ ST-13 के गायब होने के बाद पर्यटकों को ST-21 के ही हो पा रहे दीदार

बाघों की मॉनिटरिंग बड़ी चुनौती: सरिस्का में बाघों की मॉनिटरिंग बड़ी चुनौती है. एक बाघ की मॉनिटरिंग के लिए दो से तीन टीमें लगती हैं. एक टीम में एक वनकर्मी, एक फॉरेस्ट गार्ड और एक स्थानीय ग्रामीण होता है. प्रत्येक बाघ की मॉनिटरिंग के लिए टीम को एक बाइक दी जाती है. फुटमार्क व कैमरा ट्रैकिंग के माध्यम से यह टीम 24 घंटे बाघ की मॉनिटरिंग करती है.

पढ़ें: Panther body found in Alwar : अलवर में लगातार मिल रहे पैंथर के शव, आज दो पैंथर के संघर्ष में एक की जान चली गई

रेडियो कॉलर खराब: सरिस्का में पांच बाघ व बाघिन के रेडियो कॉलर लगे हुए हैं. लेकिन सभी के रेडियो कॉलर खराब हैं. ऐसे में बाघ की लोकेशन का पता नहीं चल पाता है. नए बाघों के रेडियो कॉलर लगाने की योजना बनाई जा रही है. कुछ का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. तो हाल ही में एक कार्यक्रम में रेडियो कॉलर लगाने की संभावनाओं पर चर्चा की गई.

अनिरुद्ध सिंह ने ट्वीट कर जताई आपत्तिः गहलोत सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह ने सरिस्का में गायब होने वाले बाघों को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि 'मैं बाघों को रणथंभौर से सरिस्का स्थानांतरित करने के विचार का कड़ा विरोध करता हूं. जब निवास स्थान को सरिस्का में बदल दिया गया तो कई बाघ खो गए हैं. बाघों को रखने के लिए जंगल को बेहतर ढंग से संरचित करने की आवश्यकता है. रणथंभोर की तुलना भारत के किसी भी वन से नहीं की जा सकती.

अलवर. सरिस्का से बाघ ST-13 एक माह से गायब है. उसकी तलाश में 35 टीमें लगी हुई है. जंगल, नाला, कुआं, नदी, तालाब व गड्डों में वनकर्मी बाघ की तलाश कर चुके हैं. लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. इसके साथ ही अन्य युवा बाघ भी चिंता बढ़ा रहे हैं. युवा बाघ आए दिन अन्य जंगलों में पहुंच रहे (Sariska Tigers moving to other forests) हैं. इसका एक बड़ा कारण सरिस्का में नर बाघों की संख्या ज्यादा होना भी है.

सरिस्का में इन दिनों बाघों का कुनबा बढ़कर 25 पहुंच गया है. इनमें 9 मेल बाघ, 11 फीमेल बाघ और 5 शावक हैं. बाघ ST-13 के बाद अब ST-23 भी सरिस्का के जंगल से बाहर निकल गया है. बाघ ST-23 सरिस्का से बाहर निकलकर राजगढ़ के वन क्षेत्र में पहुंच गया है. यह जंगल घना होने के कारण बाघों को खूब रास आता है. इससे पहले भी बाघ ST-13 सरिस्का से बाहर निकल एक साल से ज्यादा समय तक राजगढ़ वन क्षेत्र में रह चुका है. इसके अलावा बाघ ST—11 बफर जोन में आया था. बाघ 18 व बाघिन 19 लंबे समय से बफर जोन में रह रहे हैं. बाघों के सरिस्का जंगल से बाहर निकलने के चलते सरिस्का प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं.

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इसके अलावा सरिस्का में मेल बाघों की संख्या ज्यादा होने के कारण भी लगातार बाघ सरिस्का से बाहर निकल रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संतुलन के लिए एक मेल बाघ दो से तीन फीमेल बाघ के साथ घूमता है. इस हिसाब से सरिस्का में फीमेल बाघ की तुलना में नर बाघ की संख्या ज्यादा है. सरिस्का में नर बाघ बढ़ने से बाघों के जंगल से बाहर निकलने की समस्या आने लगी है. यह समस्या आगामी समय में और बढ़ने की आशंका है.

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बाघों की मॉनिटरिंग बड़ी चुनौती: सरिस्का में बाघों की मॉनिटरिंग बड़ी चुनौती है. एक बाघ की मॉनिटरिंग के लिए दो से तीन टीमें लगती हैं. एक टीम में एक वनकर्मी, एक फॉरेस्ट गार्ड और एक स्थानीय ग्रामीण होता है. प्रत्येक बाघ की मॉनिटरिंग के लिए टीम को एक बाइक दी जाती है. फुटमार्क व कैमरा ट्रैकिंग के माध्यम से यह टीम 24 घंटे बाघ की मॉनिटरिंग करती है.

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रेडियो कॉलर खराब: सरिस्का में पांच बाघ व बाघिन के रेडियो कॉलर लगे हुए हैं. लेकिन सभी के रेडियो कॉलर खराब हैं. ऐसे में बाघ की लोकेशन का पता नहीं चल पाता है. नए बाघों के रेडियो कॉलर लगाने की योजना बनाई जा रही है. कुछ का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. तो हाल ही में एक कार्यक्रम में रेडियो कॉलर लगाने की संभावनाओं पर चर्चा की गई.

अनिरुद्ध सिंह ने ट्वीट कर जताई आपत्तिः गहलोत सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह ने सरिस्का में गायब होने वाले बाघों को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि 'मैं बाघों को रणथंभौर से सरिस्का स्थानांतरित करने के विचार का कड़ा विरोध करता हूं. जब निवास स्थान को सरिस्का में बदल दिया गया तो कई बाघ खो गए हैं. बाघों को रखने के लिए जंगल को बेहतर ढंग से संरचित करने की आवश्यकता है. रणथंभोर की तुलना भारत के किसी भी वन से नहीं की जा सकती.

Last Updated : Feb 26, 2022, 11:03 PM IST
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