अलवर. दिवाली के मौके पर सरिस्का के जंगल में शिकार (Possibility of hunting in Sariska forest) के साथ ही पटाखों की चिंगारी से आग लगने के मामले भी सामने आते रहे हैं. ऐसे में सरिस्का प्रशासन ने अब जंगल में दीवाली के दौरान विशेष चौकसी की व्यवस्था की है, ताकि समय रहते किसी भी अनहोनी से निपटा जा सके. वहीं, सभी कर्मचारी व अधिकारियों की छुट्टी भी कैंसिल कर दी गई है. साथ ही सभी को कंट्रोल रूम पर पल-पल की सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं, बताया गया कि अबकी दिवाली पर सरिस्का में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. 22 से 26 अक्टूबर तक संवेदनशील सरिस्का व बफर जोन के 7 रूटों पर विशेष गश्ती की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा मॉनिटरिंग के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. क्षेत्रीय वन अधिकारियों व स्टाफों को वाहन के साथ रात्रि गश्त करने के लिए प्लान तैयार किया गया है. जिसके तहत 24 घंटे जंगल पर नजर रखी जाएगी.
सरिस्का के डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि दिवाली की छुट्टियों के दौरान जंगल में शिकार का खतरा बना रहता है. कई बार शिकार के मामले सामने आ चुके हैं. साथ ही दिवाली के मौके पर चलने वाले पटाखों के कारण जंगल क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं घटती रही हैं. इन खतरों को देखते हुए चिन्हित अस्थायी रास्तों को बंद किया गया है. इसके अलावा अन्य जगहों पर वनकर्मियों की नजर रहेगी.