अलवर. रणथम्भौर की युवा बाघिन T-135 की दहाड़ अब सरिस्का में सुनाई देगी. गुरुवार रात 10 बजे तक बाघिन सरिस्का पहुंचेगी. रणथम्भौर से बाघिन को ट्रेंकुलाइज करके सरिस्का लाया जा रहा है. युवा बाघिन के सरिस्का आने के बाद यहां बाघों का कुनबा 28 हो जाएगा.
रणथम्भौर में बढ़ती संख्या को देखते हुए बाघों को सरिस्का शिफ्ट किया जा रहा है. कुछ समय पहले एक युवा बाघ T-114 को सरिस्का में शिफ्ट किया गया था. अब एक युवा बाघिन को भी रणथम्भौर से सरिस्का शिफ्ट किया जा रहा है. सरिस्का की टीम ने रणथम्भौर के जंगलों में गुरुवार सुबह बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया. इसके बाद उसे रेडियो कॉलर लगाया गया. इस प्रकिया के बाद बाघिन को सड़क मार्ग से सरिस्का लाया जा रहा है. गुरुवार रात 10 बजे तक वन विभाग की टीम सरिस्का पहुंचेगी. जंगल में छोड़ने से पहले कुछ दिनों तक बाघिन को सरिस्का में बने नए एंक्लोजर में रखा जाएगा.
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तीन साल की है बाघिन : रणथम्भौर की बाघिन T-93 की युवा शावक T-135 रणथम्भौर क्षेत्र में टेरिटरी की तलाश कर रही थी. इसकी उम्र करीब तीन साल से ज्यादा है. अभी तक यह बाघिन मां नहीं बनी है. इसलिए सरिस्का प्रशासन ने बाघिन को सरिस्का में शिफ्ट करने का फैसला लिया है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि बाघिन सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ाएगी. सरिस्का में लंबे समय से बाघिन की जरूरत महसूस हो रही थी. ऐसे में दो बाघिन को सरिस्का में शिफ्ट किया जाएगा. एक बाघिन शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. कुछ समय बाद एक और बाघिन को रणथम्भौर से सरिस्का लाया जाएगा.