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अलवर : रामगढ़ में लूहडासाद बाबा मेले का आयोजन, हजारों श्रद्धालुओं ने टेका मत्था

अलवर के रामगढ़ में हर वर्ष की तरह इस साल भी लूहडासाद बाबा मेले का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा लूहडासाद के दर पर मत्था टेक कर प्राथनाएं की.

Luhadasad Baba fair, लूहडासाद बाबा मेला
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Published : Oct 13, 2019, 8:37 PM IST

रामगढ़ (अलवर). जिले के पिपरौली गांव में रविवार को प्रसिद्ध लूहडासाद बाबा मेले का आयोजन किया गया. वहीं इस बार मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और प्रसादी ग्रहण की. इस मेले में बारिश के सीजन के बाद नई फसल की उम्मीद को लेकर किसान बाबा लूहडासाद के दर पर मत्था टेक कर अच्छी पैदावार की कामना की है.

लूहडासाद बाबा मेले का आयोजन

बता दें कि रामगढ़ क्षेत्र की पिपरोली ग्राम पंचायत में शरद पूर्णिमा के दिन लूहडासाद का मेला हर वर्ष लगता हैं. शरद की पूर्णमा के बाद मौसम में ठंडक हो जाती है. जिसमें सरसों और चना की बुवाई शुरू हो जाती है. ऐसे में किसान अच्छी फसल की उम्मीद में इस मेले में बाबा लूहडासाद का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं.

रामगढ़ सहित दूर दराज के हरियाणा, दिल्ली, अलवर, भरतपुर, दौसा क्षेत्र के श्रद्धालु बाबा की समाधि के दर्शन कर मत्था टेक सुख समृद्धि की दुआ मांगते हैं, ग्रामीणों की मान्यता है कि बाबा लूहडासाद ने जिंदा समाधि ली थी और यहां सच्चे मन से की गई प्राथनाएं अवश्य पूरी होती है.

पढ़े: कोटा के बाइक शोरूम में लग गई आग, 12 गाड़ियां जल गई

ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच गुरबक्श ने बताया कि मेला कमेटी द्वारा मेले की हर प्रकार की व्यवस्था की जाती है. कमेटी द्वारा मेला स्थल के चारों तरफ सुरक्षा की दृष्टि से चार दिवारी बनाईं गई है. दूर दराज से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था की जाती है. इसी प्रकार मेला स्थल पर सभी श्रद्धालुओं के लिए टेंट की व्यवस्था की गई है. मेला स्थल पर ठहरने, स्नान, शौचालयों की व्यवस्था भी मेला कमेटी द्वारा की गई है.

रामगढ़ (अलवर). जिले के पिपरौली गांव में रविवार को प्रसिद्ध लूहडासाद बाबा मेले का आयोजन किया गया. वहीं इस बार मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और प्रसादी ग्रहण की. इस मेले में बारिश के सीजन के बाद नई फसल की उम्मीद को लेकर किसान बाबा लूहडासाद के दर पर मत्था टेक कर अच्छी पैदावार की कामना की है.

लूहडासाद बाबा मेले का आयोजन

बता दें कि रामगढ़ क्षेत्र की पिपरोली ग्राम पंचायत में शरद पूर्णिमा के दिन लूहडासाद का मेला हर वर्ष लगता हैं. शरद की पूर्णमा के बाद मौसम में ठंडक हो जाती है. जिसमें सरसों और चना की बुवाई शुरू हो जाती है. ऐसे में किसान अच्छी फसल की उम्मीद में इस मेले में बाबा लूहडासाद का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं.

रामगढ़ सहित दूर दराज के हरियाणा, दिल्ली, अलवर, भरतपुर, दौसा क्षेत्र के श्रद्धालु बाबा की समाधि के दर्शन कर मत्था टेक सुख समृद्धि की दुआ मांगते हैं, ग्रामीणों की मान्यता है कि बाबा लूहडासाद ने जिंदा समाधि ली थी और यहां सच्चे मन से की गई प्राथनाएं अवश्य पूरी होती है.

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ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच गुरबक्श ने बताया कि मेला कमेटी द्वारा मेले की हर प्रकार की व्यवस्था की जाती है. कमेटी द्वारा मेला स्थल के चारों तरफ सुरक्षा की दृष्टि से चार दिवारी बनाईं गई है. दूर दराज से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था की जाती है. इसी प्रकार मेला स्थल पर सभी श्रद्धालुओं के लिए टेंट की व्यवस्था की गई है. मेला स्थल पर ठहरने, स्नान, शौचालयों की व्यवस्था भी मेला कमेटी द्वारा की गई है.

Intro:.अलवर जिले के रामगढ़ क्षेत्र के पिपरौली गांव में आज प्रसिद्द लूहडा साद बाबा मेले में हजारो की संख्या में श्रदालुओ ने भाग लिया और प्रसादी ग्रहण की। बारिस के सीजन के बाद नई फसल की उम्मीद को लेकर किसान बाबा लुहड़ासाद बाबा के दर पर मत्था टेक कर अच्छी पैदावार की कामना की है। 

Body:रामगढ़ क्षेत्र की पिपरोली ग्राम पंचायत में शरद पूर्णिमा के दिन लूहडासाद का मेला हर वर्ष भरता है।  शरद की पूर्णमा के बाद मौसम में ठंडक हो जाती है सरसों ओर चना की बुवाई शुरू हो जाती है। किसानों को सरसों ओर चना की फसल से मेवात क्षेत्र में सबसे अधिक आय होती है।
रामगढ़ सहित दूर दराज के हरियाणा,दिल्ली, अलवर, भरतपुर,दौसा क्षेत्र के श्रृद्धालु बाबा की समाधि के दर्शन कर मत्था टेक सुख समृद्धि की दुआ मांगते हैं। ग्रामीणों की मान्यता है कि बाबा लुहडासिद्ध ने जिंदा समाधि ली थी और यंहा सच्चे मन से की गई प्राथना अवश्य पूरी होती है।
Conclusion:
ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच गुरबक्श ने बताया कि मेला कमेटी द्वारा मेले की हर प्रकार व्यवस्था की जाती है।मेला कमेटी द्वारा मेला स्थल के चारों तरफ सुरक्षा की दृष्टि से चार दिवारी बनाईं हुई है।दूर दराज से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए भंडारे कि व्यवस्था एक ही व्यक्ति द्वारा की जाती है।इसी प्रकार मेला स्थल पर सभी श्रद्धालुओं के लिए टेंट की व्यवस्था भी एक ही व्यक्ति द्वारा की जाती है।मेला स्थल पर ठहरने,स्नान,शौचालयों कि व्यवस्था मेला कमेटी द्वारा की जाती है।

बाईट:----गुरुबक्स(पूर्व सरपंच पिपरौली)
बाईट:---श्रद्धलु(दिल्ली निवासी)
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