अलवर. अलवर सहित एनसीआर में आतिशबाजी पर रोक लगी हुई थी. आतिशबाजी रोकने के लिए सरकार व प्रशासन की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए गए. कई बडी कार्यवाही की गई. लेकिन उसके बाद भी अलवर में जमकर आतिशबाजी हुई. आतिशबाजी के दौरान धुएं का गुबार आसमान में दिखाई दिया.
दिल्ली सहित एनसीआर में बढ़ते स्मॉग को देखते हुए अलवर सहित पूरे एनसीआर में पटाखों की बिक्री व पाठकों के चलाने पर रोक लगी हुई थी. लेकिन उसके बाद भी अलवर में जमकर आतिशबाजी हुई. शाम होते ही पटाखों की आवाज सुनाई देने लगी. जमीन पर पटाखे फूटते रहे और आसमान धुएं में छिपता दिखाई दिया. प्रशासन की तरफ से पटाखे चलाने वाले लोगों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. अलवर प्रशासन ने दिवाली से पहले पटाखे बेचने वालों के खिलाफ छुटपुट कार्रवाई करके खानापूर्ति की. इसी का नतीजा था कि दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई.
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आतिशबाजी का असर बढ़े प्रदूषण स्तर ने भी जता दिया. अलवर का एक्यूआई (Alwar Air Quality Index) 170 यूजी से ज्यादा दर्ज हुआ. वहीं भिवाड़ी में 156 से ज्यादा यूजी दर्ज किया गया. अलवर में प्रदूषण का स्तर तय मानकों से कम रहता है. एक्यूआई का सामान्य स्तर 100 यूजी होता है. लेकिन दिवाली पर हुई आतिशबाजी के चलते अलवर की आबोहवा भी जहरीली हो गई. ऐसे में बुजुर्गों के बच्चों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. लोगों की आंखों में जलन हुई. तो अस्थमा के लोगों को सांस लेने में भी थोड़ी दिक्कत हुई.