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Delhi-Mumbai Expressway पकडे़गा राजस्थान की भी राह, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़ेंगे अलवर के तार!

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Published : Aug 4, 2021, 8:36 AM IST

दिल्ली मुबंई एक्सप्रेस वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. अब राजस्थान का अलवर भी इस वे का हिस्सा बनने को तैयार है. तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों से भी जुड़ पाएंगे. कैसे? सो इस संदर्भ में ही उत्तर प्रदेश सरकार ने हरियाणा को खत लिखा है 31 किलोमीटर की लेन के लिए.

Delhi-mumbai expressway
राजस्थान से भी गुजरेगा दिल्ली-मुम्बई एक्स्प्रेस वे

अलवर। केन्द्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट 2023 में बनकर तैयार हो जाएगा. ये प्रोजेक्ट व्यावसायिक गतिविधियों को गति देने के लिए और दूरियों को पाटने का काम करेगा. ये 1350 किलोमीटर लंबा दिल्ली मुबंई एकस्प्रेस वे है. जो दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. राजस्थान में इसका काम तेजी से चल रहा है पहले फेस का काम लगभग पूरा हो चुका है.

इस एक्सप्रेस वे का बड़ा हिस्सा अलवर से होकर गुजर रहा है. अलवर के पास एक्सप्रेस वे से एक सड़क की लेन उतारी जाएगी. ऐसे में अलवर के लोग 12 घंटे में सीधे मुंबई पहुंच सकेंगे. इसके अलावा गुजरात और मध्य प्रदेश के जिन शहरों ये एक्सप्रेस वे गुजरेगा, उन शहरों से अलवर के लोग सीधे तौर पर जुड़ सकेंगे.

इस एक्सप्रेस वे को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने की तैयारी चल रही है. हरियाणा के बल्लभगढ़ से गौतमबुद्धनगर के जेवर (Ballabhgarh To Jevar) तक 31 किलोमीटर का एक नया एक्सप्रेसवे बनाने को लेकर उत्तर प्रदेश व हरियाणा सरकार की बातचीत चल रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस को मंजूरी देते हुए हरियाणा सरकार को पत्र लिखा है. 31 किलोमीटर हाईवे का खर्च उत्तर प्रदेश व हरियाणा सरकार मिलकर उठाएंगी.

सरकार ने मानी किरोड़ी लाल मीणा की मांग, आमागढ़ के अंबामाता मंदिर के खुले ताले
अलवर के लोगों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, हाथरस, बागपत, अलीगढ़, बुलंदशहर, पलवल बल्लभगढ़, सोनहा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व हरियाणा के शहरों में जाने के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा. इन्हें लंबे जाम से छुटकारा मिल सकेगा.

अभी तक लोगों को दिल्ली के जाम से रूबरू होना पड़ता है. समय की खपत ज्यादा होती थी. अब उम्मीद है कि इस पर थोड़ा ब्रेक लगेगा. सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश सरकार इस हाइवे को लेकर बेहद उत्साहित है. यहां तक हाईवे पर आने वाला खर्च भी आधा उठाने के लिए तैयार है.

31 किलोमीटर के इस हाईवे का 7 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में आता है. जबकि 24 किलोमीटर का क्षेत्र हरियाणा में पड़ता है. हाईवे बनाने का खर्च NHAI की तरफ से उठाया जाएगा. उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहित करके देंगी. जमीन का खर्चा दोनों सरकारों को उठाना होगा. इस हाइवे के बनने के बाद अलवर भरतपुर, दौसा,जयपुर व आसपास के लोगों को दिल्ली एयरपोर्ट और जेवर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट जाने के लिए सीधा और नया मार्ग मिल सकेगा.

अलवर। केन्द्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट 2023 में बनकर तैयार हो जाएगा. ये प्रोजेक्ट व्यावसायिक गतिविधियों को गति देने के लिए और दूरियों को पाटने का काम करेगा. ये 1350 किलोमीटर लंबा दिल्ली मुबंई एकस्प्रेस वे है. जो दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. राजस्थान में इसका काम तेजी से चल रहा है पहले फेस का काम लगभग पूरा हो चुका है.

इस एक्सप्रेस वे का बड़ा हिस्सा अलवर से होकर गुजर रहा है. अलवर के पास एक्सप्रेस वे से एक सड़क की लेन उतारी जाएगी. ऐसे में अलवर के लोग 12 घंटे में सीधे मुंबई पहुंच सकेंगे. इसके अलावा गुजरात और मध्य प्रदेश के जिन शहरों ये एक्सप्रेस वे गुजरेगा, उन शहरों से अलवर के लोग सीधे तौर पर जुड़ सकेंगे.

इस एक्सप्रेस वे को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने की तैयारी चल रही है. हरियाणा के बल्लभगढ़ से गौतमबुद्धनगर के जेवर (Ballabhgarh To Jevar) तक 31 किलोमीटर का एक नया एक्सप्रेसवे बनाने को लेकर उत्तर प्रदेश व हरियाणा सरकार की बातचीत चल रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस को मंजूरी देते हुए हरियाणा सरकार को पत्र लिखा है. 31 किलोमीटर हाईवे का खर्च उत्तर प्रदेश व हरियाणा सरकार मिलकर उठाएंगी.

सरकार ने मानी किरोड़ी लाल मीणा की मांग, आमागढ़ के अंबामाता मंदिर के खुले ताले
अलवर के लोगों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, हाथरस, बागपत, अलीगढ़, बुलंदशहर, पलवल बल्लभगढ़, सोनहा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व हरियाणा के शहरों में जाने के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा. इन्हें लंबे जाम से छुटकारा मिल सकेगा.

अभी तक लोगों को दिल्ली के जाम से रूबरू होना पड़ता है. समय की खपत ज्यादा होती थी. अब उम्मीद है कि इस पर थोड़ा ब्रेक लगेगा. सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश सरकार इस हाइवे को लेकर बेहद उत्साहित है. यहां तक हाईवे पर आने वाला खर्च भी आधा उठाने के लिए तैयार है.

31 किलोमीटर के इस हाईवे का 7 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में आता है. जबकि 24 किलोमीटर का क्षेत्र हरियाणा में पड़ता है. हाईवे बनाने का खर्च NHAI की तरफ से उठाया जाएगा. उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहित करके देंगी. जमीन का खर्चा दोनों सरकारों को उठाना होगा. इस हाइवे के बनने के बाद अलवर भरतपुर, दौसा,जयपुर व आसपास के लोगों को दिल्ली एयरपोर्ट और जेवर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट जाने के लिए सीधा और नया मार्ग मिल सकेगा.

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