बहरोड़(अलवर). राजस्थान सरकार चिकित्सा सेवाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन कहीं अस्पतालों में स्टाफ नहीं तो कहीं स्टाफ समय पर आता ही नहीं है. जिसका नजारा अलवर में बहरोड़ के नीमराना क्षेत्र के कुतींना गांव के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला है.
जहां कोरोना काल के समय से लेकर बीते चार महीनों से अस्पताल में डॉक्टर का पद खाली चल रहा है. यहां पहले ही डॉक्टर की कोरोना में ड्यूटी लगा देने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सर्दी के मौसम में बदलाव के चलते मरीजों की संख्या बढ़ रही है.
साथ ही अस्पताल में कार्यरत कम्पाउंडर की तबीयत खराब होने की वजह से वह भी छुट्टी पर चल रहा है और बचा एक लैब टैक्निशियन वो भी पोलियों में दवाई सप्लाई में लगा हुआ है. बता दें कि जिस डॉक्टर को अस्पताल में लगाया गया है, उसकी ड्यूटी कोरोना सेंटर में लगने से पद खाली चल रहा है.
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वहीं अस्पताल में स्टाफ नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक महिला ने सरपंच से शिकायत करते हुए बताया कि अस्पताल में दवाई नहीं मिल रही है. जिसको लेकर ग्राम सरपंच ने जांच की और BCMHO से बात की तो अस्पताल में जल्द डॉक्टर लगाने का आश्वासन दिया गया. साथ ही नीमराणा तहसील से कुतिना गांव की दूरी 15 किलोमीटर है. जिसपर मरीजों को या तो शाहजहांपुर आना पड़ता है या फिर नीमराणा.