बहरोड़ (अलवर). 5 सितंबर की रात को बहरोड़ पुलिस ने करीब 31.70 लाख रुपये के साथ विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को गिरफ्तार किया था. लेकिन अगली सुबह 6 सितंबर को बदमाश पपला गुर्जर के साथियों ने बहरोड़ पुलिस थाने पर एके47 से हमला कर पपला गुर्जर को बहरोड़ पुलिस थाने के लॉकअप से फायरिंग कर छुड़ा ले गए थे.
पपला फरारी मामले में पुलिस की हुई किरकिरी के बाद राज्य सरकार ने पूरे मामले की जांच एसओजी को सौंपी थी. जिसपर एसओजी और राजस्थान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए के करीब 32 बदमाशों को गिरफ्तार किया. जबकि पपला को पकड़ने के लिए पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है. लेकिन पुलिस पपला को अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है.
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बता दें कि पपला के थाने से फरार हो जाने के बाद बहरोड़ थाना इंचार्ज रहे सुगन सिंह को निलंबित कर दिया था. जबकि हेड कांस्टेबल विजयपाल सिंह और रामवतार को नौकरी से बर्खास्त कर पूरे थाने के स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया था. पपला के फरार होने के हेड कांस्टेबल विजयपाल सिंह और रामावतार की मिली भगत सामने आने पर बदमाशों और पुलिस की मिलीभगत की पोल खुल गई थी.डीएसपी बहरोड़ महावीर सिंह ने बताया कि पपला फरारी मामले में अबतक 32 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जबकि अन्य फरार बदमाशों की तलाशी जारी है.