अलवर. लोकसभा सीट से भाजपा ने बालक नाथ को अपना उम्मीदवार बनाया है. बालक नाथ के नाम की घोषणा के साथ ही अलवर भाजपा में विरोध के सुर नजर आने लगे हैं व बयानबाजी का दौर चल रहा है. तो वहीं भाजपाइयों ने बालक नाथ से दूरी बना ली है.
पार्टी कार्यालय पहुंचे बालक नाथ के साथ केवल भाजपा जिला अध्यक्ष संजय नरूका नजर आए. उसके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधायक गायब रहे. ऐसे में साफ है कि भाजपाइयों को बालक नाथ का टिकट सहन नहीं हो रहा है. यही हालत रहे तो इसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है.
भाजपा प्रत्याशी बालक नाथ रोहतक के अस्थल बोहर स्थित नाथ संप्रदाय के बाबा मस्तनाथ मठ के महंत है. पूर्व सांसद महंत चांदनाथ के निधन के बाद बालक नाथ को मठ की गद्दी सौंपी गई. राजनीतिक विशेषज्ञों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व बाबा रामदेव की सिफारिश पर बालक नाथ को अलवर लोकसभा सीट से भाजपा का टिकट मिला है.
वहीं भाजपा के टिकट की कतार में अलवर के कई पूर्व मंत्री, सांसद व विधायक लाइन में लगे हुए थे. कुछ दिन पहले राजस्थान के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर जब अलवर पहुचे. तो करीब 40 लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया था.
अलवर में टिकट के दावेदारों की कतार लंबी थी. इसमें कई उत्तर प्रदेश व हरियाणा के बड़े दिग्गजों का नाम भी शामिल था. ऐसे में सभी को पीछे छोड़ते हुए बालक नाथ ने टिकट हासिल किया. इसको लेकर अलवर भाजपा में खासा विरोध नजर आ रहा है.
टिकट मिलने से कुछ दिन पहले भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पंडित धर्मवीर शर्मा ने बाबा बालक नाथ पर टिप्पणी करते हुए विवादित बयान बाजी की थी. तो वहीं टिकट मिलने के बाद भाजपा सरकार में रहे पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा ने बालक नाथ की डगर को मुश्किल भरा बताया है.
उन्होंने कई अन्य भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी टिप्पणी की है. वही बालक नाथ के साथ नजर आने वाले भाजपाइयों की संख्या भी नहीं के बराबर है. भाजपा पार्टी कार्यालय पहुंचे बालक नाथ का स्वागत करने के लिए केवल भाजपा जिला अध्यक्ष संजय नरूका मौजूद रहे.
इसके अलावा पार्टी के इक्का-दुक्का नेता थे. जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री विधायक नजर नहीं आए. ऐसे में साफ है कि कहीं ना कहीं लोगों में बालक नाथ के टिकट को लेकर विरोध है. अगर इसी तरह के हालात रहे, तो आने वाले लोकसभा चुनाव में अलवर में भाजपा को नुकसान झेलना पड़ सकता है.