अलवर. 2 नवंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खैरथल आ रहे हैं. उससे पहले अलवर में मंत्री टीकाराम जूली के खिलाफ मेव समाज ने मोर्चा खोल दिया है. शहर में अखेपुरा स्थित कब्रिस्तान की जमीन के मामले को लेकर मेव समाज ने हाथ में काली पट्टी बांध शहीद स्मारक से कलेक्टर तक मौन जुलूस निकाला. सबकी एक ही मांग थी कि जिस मंत्री की शह पर यह किया गया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की (Demand of action against Tikaram Jully in Alwar) जाए.
कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री नसरू खान ने कहा कि कब्रिस्तान की जमीन हथियाने के मामले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था. उसके बाद अलवर एसडीओ व तहसीलदार को सरकार ने निलंबित किया. उसके बाद भी मेव समाज ने बुधवार को मौन जुलूस निकाला गया. कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में सरकार द्वारा निलंबित किए गए उपखंड अधिकारी और तहसीलदार के ऑर्डर की कॉपी लेंगे. मेव समाज के लोगों ने कहा कि जब तक मंत्री टीकाराम जूली के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती, वो अपना विरोध जारी रखेंगे. समाज की नाराजगी व यह मुद्दा प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने भी रखेंगे.
पढ़ें: अलवर में मेव समाज ने मंत्री टीकाराम जूली के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- अब होगी आरपार की लड़ाई
मेव समाज के प्रतिनिधि गफरु खान ने आरोप लगाया कि कब्रिस्तान की जमीन पर मंत्री टीकाराम जूली के कहने पर दूसरे के नाम डिक्री की गई. गंभीर बात यह है कि 6 माह में ही पूरा मामला निपटा दिया गया. जबकि एक-एक पेशी को 3 से 4 माह लग जाते हैं. साजिश इतनी तगड़ी थी कि एक माह में ही 4-4 पेशी लगाई गई. उन्होंने कहा कि इस मामले में जब तक मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. जब तक वो लोग पीछा नहीं छोड़ेंगे. मेव समाज के लोगों ने इस संबंध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया.