अलवर. जम्मू कश्मीर के शोपियां में गुरुवार को सेना का वाहन पलटने के दौरान अलवर का लाल शहीद हो गया. शहीद राम अवतार का पार्थिव शरीर शनिवार को उसके पैतृक गांव (Shahid ram avtar dead body reached alwar) पहुंचा तो परिवार वालों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. शहीद की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था. इस दौरान घर पर जुटे ग्रामीण भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे. पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार (Last rites of Shahid ram avtar in alwar) किया गया. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था.
अलवर के कोटकासिम स्थित लालपुर गांव निवासी राम अवतार अपने साथियों के साथ ड्यूटी पर तैनात थे. कश्मीर के शोपियां जाते समय अचानक सेना का वाहन पलट गया जिससे उनकी मौत हो गई. इस हादसे में राम अवतार सहित तीन जवानों की गाड़ी के नीचे दबने से मौत हो गई. जबकि कई जवान घायल हो गए थे. सेना के अधिकारियों ने मामले की सूचना मृत जवान के परिजनों को दी. शहीद के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था. हालांकि घर की महिलाओं को शुक्रवार को हादसे की जानकारी नहीं दी गई थी. शनिवार को सेना के अधिकारी शव लेकर पैतृक गांव पहुंचे तो परिजनों फूट-फूटकर रो पड़े.
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परिजनों रिश्तेदार व ग्रामीणों ने शहीद के शव पर पुष्प और माला चढ़ाएं. इस दौरान जिला प्रशासन और सेना के अधिकारी भी मौजूद रहे. विधायक और नेताओं ने भी पुष्प चक्र चढ़ाया. उसके बाद अंतिम शव यात्रा निकाली गई. अंतिम शव यात्रा में डीजे पर देशभक्ति गाने चलाए गए. ग्रामीणों ने 'भारत माता की जय' और 'राम अवतार अमर रहें' नारे लगाए. इस दौरान अंतिम यात्रा में हजारों लोग मौजूद रहे. पूरे राजकीय सम्मान के साथ राम अवतार का अंतिम संस्कार किया गया. सेना की तरफ से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
छुट्टी पर आने वाला था राम अवतार
परिजनों ने बताया कि रामअवतार छुट्टी पर घर आने वाला था. परिवार के सभी लोग उसका इंतजार कर रहे थे. लंबे समय बाद उसे छुट्टी मिली थी. घर में उसकी बहन की शादी थी. रामअवतार के दो बच्चे हैं. एक की उम्र करीब 12 साल है, तो दूसरे की उम्र करीब 9 साल है. उसका पूरे गांव व परिवार में अच्छा व्यवहार था. वह जब भी छुट्टी पर घर आता था तो गांव में सभी के घर मिलने जाता था। राम अवतार 6 भाइयों में सबसे छोटा था.