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CM गहलोत और सचिन पायलट के बीच कोई विवाद नहीं: श्रम मंत्री - टीकाराम जूली ने बाबा बालकनाथ को घेरा

CM अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच फिर से विवाद उत्पन्न होने की चर्चाएं तेज हैं. इसी बीच श्रम मंत्री ने दोनों के बीच किसी भी प्रकार के विवाद से इंकार किया है.

controversy between CM and pilot, अलवर न्यूज
गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद पर श्रम मंत्री का बयान
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Published : Oct 13, 2020, 10:04 AM IST

अलवर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच एक बार फिर से विवाद सामने आ रहा है. बीते दिनों जोधपुर दौरे पर पायलट के काफिले को लेकर ये विवाद उत्पन्न हुआ था. वहीं अब इसी बीच श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने बयान दिया है कि CM गहलोत और सचिन पायलट के बीच कोई विवाद नहीं है.

गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद पर श्रम मंत्री का बयान

बता दें कि बीते दिनों सचिन पायलट जोधपुर पहुंचे. इस दौरान गाड़ियों का काफिला उनके साथ नजर आया. ऐसे में बयानबाजी का दौर शुरू हुआ. कहीं ना कहीं इस काफिले को शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा गया. इन सबके बीच प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच कोई विवाद नहीं है. पूरी पार्टी और सरकार एक साथ मिलकर प्रदेश के विकास में लगी हुई है.

सचिन पायलट बीते दिनों अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में पहुंचे. उनके साथ गाड़ियों का एक लंबा काफिला नजर आया. जोधपुर दौरे के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद जमकर राजनीति हुई कई तरह की बयानबाजी का दौर चला.

यह भी पढ़ें. गहलोत सरकार पर दिलावर का बड़ा आरोप, कहा- राजस्थान में गौ तस्करों को दे रही संरक्षण

कुछ लोग इसको सचिन पायलट का शक्ति प्रदर्शन बताने लगे हुए थे, तो कुछ ने इस पर अपनी खास टिप्पणी की. इन सबके बीच प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने सफाई दी है. श्रम मंत्री का कहना है कि इस पूरे मामले को राजनीतिक रूप नहीं दिया जाए. ना ही यह शक्ति प्रदर्शन था, ना ही सरकार में कोई तनाव की स्थिति है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. पूरी कांग्रेस व सरकार मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि लगातार सरकार की तरफ से जनहित की योजनाएं आमजन के लिए लाई जा रही हैं. जोधपुर मैं भी गया था. कई अन्य नेता भी वहां गए थे. सचिन पायलट बड़े नेता हैं. इसलिए उनके समर्थक वह लोग उनका स्वागत करने के लिए पहुंचते हैं.

अलवर में लंबित योजनाओं को लेकर बाबा बालकनाथ को घेरा

अलवर जिले में दर्जनों योजनाएं की फाइलें अटकी हुई हैं. इन योजनाओं के शुरू होने से अलवर को नई दिशा में नई रफ्तार मिल सकती है. ऐसे में प्रदेश के श्रम मंत्री ने अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ से जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर योजनाएं केंद्र सरकार की हैं और केंद्र सरकार ने लंबे समय से उनको रोक रखा है. ऐसे में बालक नाथ आम जनता अलवर के लोगों को जवाब दें.

अलवर में हाई स्पीड मेट्रो ट्रेन, चंबल के पानी की योजना, हवाई अड्डा, दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, इंटरनेशनल स्पोर्ट्स स्टेडियम, मेडिकल कॉलेज और ट्रेनिंग सेंटर सहित कई ऐसे दर्जनों योजनाएं हैं, जो सालों से फाइलों में अटकी हुई है. एक सवाल के जवाब में प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा यह सभी योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा रोकी गई हैं. ऐसे में अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ को इन सवालों का जवाब देना चाहिए.

बाबा बालकनाथ को अलवर की जनता को जवाब देना चाहिए कि केंद्र सरकार ने अलवर के लिए क्या किया है. उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अपने कार्यकाल में अलवर के लिए कई योजनाएं शुरू की थी. जिनका काम तेजी से चल रहा था लेकिन केंद्र में भाजपा की सरकार आते ही उन सभी योजनाओं को रोक दिया गया है.

विकास कार्यों को लेकर आरोप

इससे अलवर कई साल पीछे हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के कार्यकाल के दौरान अलवर में आईटीबीपी, एसएसबी, दिल्ली पुलिस, राजस्थान पुलिस, डॉग स्क्वायर सहित कई सेनाओं के ट्रेनिंग सेंटर खोले गए. अलवर में सैनिक स्कूल की घोषणा हुई. हाई स्पीड और मेट्रो ट्रेन की योजना तैयार हुई. कोटकासिम में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनना था.

यह भी पढ़ें. कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं, विधायक बैरवा ने मंत्री रघु शर्मा और कल्ला पर लगाए ये गंभीर आरोप

अलवर में 900 करोड़ रुपए की लागत से ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन बनकर तैयार हुआ. इंटरनेशनल स्टेडियम सहित कई योजनाएं अलवर में शुरू होनी थी लेकिन केंद्र में भाजपा सरकार के आते ही उन सभी योजनाओं पर रोक लगा दी गई. ऐसे में कांग्रेस की तरफ से लगातार केंद्र सरकार व अलवर के सांसद को घेरने का प्रयास किया जा रहा है. अलवर एनसीआर का हिस्सा है. लेकिन उसके बाद भी अलवर के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.

अलवर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच एक बार फिर से विवाद सामने आ रहा है. बीते दिनों जोधपुर दौरे पर पायलट के काफिले को लेकर ये विवाद उत्पन्न हुआ था. वहीं अब इसी बीच श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने बयान दिया है कि CM गहलोत और सचिन पायलट के बीच कोई विवाद नहीं है.

गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद पर श्रम मंत्री का बयान

बता दें कि बीते दिनों सचिन पायलट जोधपुर पहुंचे. इस दौरान गाड़ियों का काफिला उनके साथ नजर आया. ऐसे में बयानबाजी का दौर शुरू हुआ. कहीं ना कहीं इस काफिले को शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा गया. इन सबके बीच प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच कोई विवाद नहीं है. पूरी पार्टी और सरकार एक साथ मिलकर प्रदेश के विकास में लगी हुई है.

सचिन पायलट बीते दिनों अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में पहुंचे. उनके साथ गाड़ियों का एक लंबा काफिला नजर आया. जोधपुर दौरे के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद जमकर राजनीति हुई कई तरह की बयानबाजी का दौर चला.

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कुछ लोग इसको सचिन पायलट का शक्ति प्रदर्शन बताने लगे हुए थे, तो कुछ ने इस पर अपनी खास टिप्पणी की. इन सबके बीच प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने सफाई दी है. श्रम मंत्री का कहना है कि इस पूरे मामले को राजनीतिक रूप नहीं दिया जाए. ना ही यह शक्ति प्रदर्शन था, ना ही सरकार में कोई तनाव की स्थिति है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. पूरी कांग्रेस व सरकार मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि लगातार सरकार की तरफ से जनहित की योजनाएं आमजन के लिए लाई जा रही हैं. जोधपुर मैं भी गया था. कई अन्य नेता भी वहां गए थे. सचिन पायलट बड़े नेता हैं. इसलिए उनके समर्थक वह लोग उनका स्वागत करने के लिए पहुंचते हैं.

अलवर में लंबित योजनाओं को लेकर बाबा बालकनाथ को घेरा

अलवर जिले में दर्जनों योजनाएं की फाइलें अटकी हुई हैं. इन योजनाओं के शुरू होने से अलवर को नई दिशा में नई रफ्तार मिल सकती है. ऐसे में प्रदेश के श्रम मंत्री ने अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ से जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर योजनाएं केंद्र सरकार की हैं और केंद्र सरकार ने लंबे समय से उनको रोक रखा है. ऐसे में बालक नाथ आम जनता अलवर के लोगों को जवाब दें.

अलवर में हाई स्पीड मेट्रो ट्रेन, चंबल के पानी की योजना, हवाई अड्डा, दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, इंटरनेशनल स्पोर्ट्स स्टेडियम, मेडिकल कॉलेज और ट्रेनिंग सेंटर सहित कई ऐसे दर्जनों योजनाएं हैं, जो सालों से फाइलों में अटकी हुई है. एक सवाल के जवाब में प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा यह सभी योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा रोकी गई हैं. ऐसे में अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ को इन सवालों का जवाब देना चाहिए.

बाबा बालकनाथ को अलवर की जनता को जवाब देना चाहिए कि केंद्र सरकार ने अलवर के लिए क्या किया है. उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अपने कार्यकाल में अलवर के लिए कई योजनाएं शुरू की थी. जिनका काम तेजी से चल रहा था लेकिन केंद्र में भाजपा की सरकार आते ही उन सभी योजनाओं को रोक दिया गया है.

विकास कार्यों को लेकर आरोप

इससे अलवर कई साल पीछे हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के कार्यकाल के दौरान अलवर में आईटीबीपी, एसएसबी, दिल्ली पुलिस, राजस्थान पुलिस, डॉग स्क्वायर सहित कई सेनाओं के ट्रेनिंग सेंटर खोले गए. अलवर में सैनिक स्कूल की घोषणा हुई. हाई स्पीड और मेट्रो ट्रेन की योजना तैयार हुई. कोटकासिम में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनना था.

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अलवर में 900 करोड़ रुपए की लागत से ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन बनकर तैयार हुआ. इंटरनेशनल स्टेडियम सहित कई योजनाएं अलवर में शुरू होनी थी लेकिन केंद्र में भाजपा सरकार के आते ही उन सभी योजनाओं पर रोक लगा दी गई. ऐसे में कांग्रेस की तरफ से लगातार केंद्र सरकार व अलवर के सांसद को घेरने का प्रयास किया जा रहा है. अलवर एनसीआर का हिस्सा है. लेकिन उसके बाद भी अलवर के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.

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