अजमेर. किशनगढ़ विधायक सुरेश टांक ने खुद पर लगे जमीन अतिक्रमण के आरोपों को निराधार बताया है. टांक का कहना है कि मेरी खरीदी हुई जमीन से एक इंच भी अधिक निकली, तो पूरी जमीन महिला कॉलेज को दान कर दूंगा. टांक ने कहा कि विरोधी उन्हें बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं लेकिन मैं डरने वाला नहीं. किशनगढ़ की जनता के लिए दोगुने उत्साह के साथ काम करता रहूंगा.
टांक पर निर्मला धाभाई नाम की एक महिला ने उसकी जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया था. टांक ने बताया कि उनके पुत्र और उसके पार्टनर ने 17 बीघा जमीन खातेदार से खरीदी थी. जमीन का नाप करवाया गया, तो उसमें जमीन कम निकली. आरोप लगाने वाली महिला की पड़ोस में ही 6 बीघा जमीन है. उल्टा उसने जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है.
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उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर उन्हें जमीन पर अतिक्रमण करने वाला बताकर बदनाम करने की साजिश की गई है. उन्होंने कहा कि राजनीति से जुड़े कुछ लोगों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा कि किशनगढ़ में विकास कार्य हो रहे हैं. क्षेत्र की जनता खुश है. टांक ने कहा कि मेरे पुत्र की ओर से खातेदार से खरीदी गई जमीन का सीमा ज्ञान होने के बाद दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. मुझ पर जमीन पर अतिक्रमण करने के लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित (Kishangarh MLA reply to allegations of encroachment) हैं.
उन्होंने बताया कि मुझे बदनाम और परेशान कर विरोधी चाहते हैं कि मैं किशनगढ़ की जनता के लिए काम ना करूं. मैं हमेशा अतिक्रमण का विरोधी रहा हूं. जिला प्रशासन की सतर्कता समिति में सबसे ज्यादा अतिक्रमण के प्रकरण किशनगढ़ के मैंने ही रखें हैं. यदि मैंने जमीन पर अतिक्रमण साबित हो जाए, तो किशनगढ़ में प्रस्तावित महिला कॉलेज के लिए मैं अपनी पूरी जमीन दान दे दूंगा. मैं इन साजिशों से घबराने वाला नहीं हूं. बल्कि मेरे क्षेत्र की जनता के लिए दुगने उत्साह के साथ कार्य करूंगा. कुछ दिनों में सच सबके सामने आएगा.
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महिला का आरोप: निर्मला धाभाई नाम की महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी लमाना के पास पहाड़ी से सटी खातेदारी की जमीन के कुछ हिस्से पर सुरेश टांक के पुत्र राहुल टांक और उसके पार्टनर महावीर जैन ने शनिवार को कब्जा कर लिया. किशनगढ़ में पुलिस थाना मदनगंज और एसडीएम कार्यालय में उसने शिकायत की थी, लेकिन एमएलए के खिलाफ कोई शिकायत लेने को तैयार नहीं हुआ. निर्मला का आरोप था कि विधायक के बेटे राहुल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर धमकी भी दी थी. उसका कहना है कि किशनगढ़ पुलिस और प्रशासन से उसे न्याय की उम्मीद नहीं है. इसलिए अजमेर कलेक्टर और एसपी को शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है.