बानसूर (अलवर). केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के तत्वावधान में गांव गूंता में कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से किसानों के लिए जल शक्ति मेले का आयोजन किया गया. जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार ने मेले में आए सभी अतिथियों का स्वागत किया.
इस मौके पर सरपंच ने किसानों को वर्षा जल को संग्रहित कर उससे खेती करने की उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी. केवीके वैज्ञानिक डॉ. सुशील शर्मा ने किसानों को बताया कि गेहूं की फसल में पानी ज्यादा मात्रा में लगता है, इसीलिए वे सरसों की पैदावार करें. जो कि कम पानी में पैदा होती है. साथ ही उन्होंने बागवानी की भी जानकारी दी.
कार्यक्रम में अलवर नाबार्ड के प्रदीप कुमार ने किसानों को दोगुनी उपज और जैविक खेती करने के उपायों के बारे में जानकारी दी. वहीं किसानों को अलवर जिले मे पानी कम होने के साथ साथ बागवानी खेती करने के बारे में जानकारी दी गई.
कृषि विस्तार अलवर के उप निदेशक पीसी मीणा ने बताया कि बरसात के पानी को एकत्रित करें और उस पानी का खेती के लिए उपयोग करें. पानी की एक-एक बूंद के जरिए ज्यादा एरिया में सिंचाई की जाए तो पानी की बचत हो सकती है. इसी उद्देश्य से यह किसान मेला लगाया गया है, उन्होंने किसानों से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की अपील की.
किसान मेले में अलग-अलग दुकानों की स्टॉलें भी लगी. जिनमें उन्नत किस्म की सरसों एवं बीज देखने को मिले और बूंद-बूंद से सिंचाई करने वाले कृषि उपकरण एवं आधुनिक कृषि यंत्र भी प्रदर्शनी में लगाए गए. किसान मेले में उद्देश्य यही था कि कम पानी में खेती किस प्रकार की जाए. इस मौके पर कृषि विज्ञान केन्द्र के पशुपालन निदेशक डॉ अरविंद वर्मा, बागवानी विशेषज्ञ डॉक्टर प्रेमचंद गढ़वाल सहित वैज्ञानिक और अधिकारी मौजूद रहे.