अलवर/जयपुर. एसीबी की स्पेशल इंटेलिजेंस यूनिट ने देर रात एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 9 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के प्रकरण में थानागाजी विधायक के दो बेटों, स्थानीय महिला प्रधान के बेटे और बीडीओ को गिरफ्तार किया है. एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि परिवादी के हैंडपंप खुदाई कार्य के पेंडिंग चल रहे 14 लाख रुपए के बिल पास करने की एवज में उससे बतौर कमीशन 9 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई. 5 लाख रुपए की रिश्वत प्रकरण में गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को एसीबी टीम ने सिरसी रोड स्थित जज उपेंद्र शर्मा के आवास पर पेश किया. जज ने चारों आरोपियों को जेल भेजने के आदेश दिए,
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीबी की स्पेशल इंटेलिजेंस यूनिट को रिश्वतखोरों को पकड़ने का टास्क दिया गया. इसके बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाकर शुक्रवार रात जयपुर और अलवर में कार्रवाई करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को एसीबी मुख्यालय लाया गया है जहां पर उनसे पूछताछ की जा रही है.
विधायक के एक बेटे के कहने पर दूसरे बेटे ने जयपुर में ली रिश्वत- थानागाजी विधायक कांतिलाल के बेटे लोकेश मीणा के कहने पर दूसरे बेटे कृष्णकांत ने जयपुर में परिवादी से 5 लाख रुपए की रिश्वत ली. जिस पर एसीबी टीम ने कार्रवाई करते हुए कृष्णकांत को रिश्वत राशि के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद रिश्वतखोरी के इसे पूरे प्रकरण में अलवर में अलग-अलग जगह कार्रवाई करते हुए एसीबी ने विधायक के बेटे लोकेश मीणा, स्थानीय महिला प्रधान के बेटे जयप्रताप सिंह राठौड़ और बीडीओ नेतराम मीणा को गिरफ्तार किया.
इसके बाद चारों आरोपियों को एसीबी मुख्यालय लाया गया है जहां पर उनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही एसीबी की अन्य टीमों द्वारा आरोपियों के आवास व अन्य ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है.
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विधायक और महिला प्रधान के बेटों ने किया बीडीओ के लिए दलाली का काम- रिश्वतखोरी के इस पूरे प्रकरण में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं कि राजगढ़ बीडीओ नेतराम के लिए थानागाजी विधायक कांतिलाल के बेटे लोकेश मीणा, कृष्णकांत मीणा और महिला प्रधान के बेटे जयप्रताप सिंह राठौड़ ने दलाली का काम किया. परिवादी की फर्म ने राजगढ़ में ट्यूबेल खुदाई का काम किया था जिसके तकरीबन 14 लाख रुपए के बिल बकाया चल रहे थे. बिल पास करने की एवज में बीडीओ नेतराम के लिए दलाल लोकेश मीणा और जय प्रताप सिंह ने 9 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की. जिसकी शिकायत परिवादी ने एसीबी मुख्यालय में की और शिकायत के सत्यापन के दौरान परिवादी से 20 हजार रुपए रिश्वत राशि जय प्रताप सिंह ने प्राप्त की.
इसके बाद देर रात लोकेश मीणा के कहने पर उसके बड़े भाई कृष्णकांत मीणा ने परिवादी से जयपुर में 5 लाख रुपए की रिश्वत राशि प्राप्त की. जिस पर एसीबी टीम में सबसे पहले कृष्णकांत मीणा को रिश्वत राशि के साथ दबोचा और उसके बाद अलवर के राजगढ़ से लोकेश मीणा, जय प्रताप सिंह और नेतराम को गिरफ्तार किया.
चारों आरोपियों को भेजा गया जेलः 5 लाख रुपए की रिश्वत प्रकरण में गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को एसीबी टीम ने सिरसी रोड स्थित जज उपेंद्र शर्मा के आवास पर पेश किया. जज ने चारों आरोपियों को जेल भेजने के आदेश दिए, जिसके बाद एसीबी टीम चारों आरोपियों को लेकर जयपुर सेंट्रल जेल पहुंची. फिलहाल इस पूरे प्रकरण में एसीबी की जांच जारी है. आरोपियों के आवास व कार्यालय पर की गई सर्च की कार्रवाई के दौरान एसीबी टीम ने कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं जिनकी जांच की जा रही है.