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Jagannath Rath yatra 2023 : इंद्र विमान पर विराजमान होकर शहर के भ्रमण पर निकले भगवान जगन्नाथ - अलवर में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव 2023

अलवर में पूरे धुम धाम के साथ जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा मंगलवार शाम को शुरू हुई जो देर रात अर्थात बुधवार तड़के सुबह 4 बजे समाप्त हुई. यह मेला तीन दिनों तक चलेगा.

जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा
जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा
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Published : Jun 28, 2023, 8:29 AM IST

इंद्र विमान पर निकले भगवान जगन्नाथ

अलवर. इंद्र विमान पर विराजमान होकर भगवान जगन्नाथ मंगलवार को शहर के भ्रमण पर निकले. शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए रथयात्रा जगन्नाथ मेला स्थल पर पहुंची. यहां अगले 3 दिनों तक मेला चलेगा. इस दौरान 29 जून को भगवान जगन्नाथ व जानकी जी का विवाह होगा और उसके बाद एक जुलाई को रथ यात्रा वापस शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुंचेगी. जगन्नाथपुरी के बाद अलवर की भगवान जगन्नाथ यात्रा व जगन्नाथ जी मेला देश की बड़ी रथ यात्रा रैली में शामिल है.

अलवर की जगन्नाथ रथ यात्रा देश विदेश में खास पहचान रखती है. 3 दिनों तक रूपबास मेला स्थल पर मेला चलता है. इस दौरान भगवान जगन्नाथ व जानकी जी का विवाह होता है. इस विवाह के कार्यक्रम में हजारों लोग साक्षी बनते हैं. मेले में अलवर के अलावा आसपास के जिलों के साथ हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित आसपास के राज्यों के शहरों से भी हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं. 3 दिनों तक चलने वाले इस मेले में झूले व दुकानें लगती हैं. लोग परिवार के साथ भगवान के दर्शन और घूमने आते हैं साथ ही खरीददारी भी करते हैं.

मंगलवार को पुराना कटला स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर से जगन्नाथ जी की रथ यात्रा शुरू हुई. जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक सहित जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की. उसके बाद अलवर पुलिस ने भगवान जगन्नाथ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. भगवान जगन्नाथ इंद्र विमान में विराजमान होकर शहर के भ्रमण के लिए निकले. देर रात 4 बजे रथ यात्रा मेला स्थल पर पहुंची. रथ यात्रा के दौरान शहर के करीब 100 मंदिरों में भगवान जगन्नाथ की आरती हुई. रथ यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. शहर में जगह-जगह प्याऊ लगी व शहर की सभी सड़कें मेले के रूप में नजर आई.

पढ़ें अलवर में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव शुरू, यहां मन्नत पूरी करने के लिए श्रद्धालु बांधते हैं नारियल

जगन्नाथ मंदिर के पुजारी ने बताया कि अलवर की जगन्नाथ रथ यात्रा 150 साल पुरानी है. इसका पुराना इतिहास है. पहले महाराज जयसिंह रथ यात्रा को रवाना करते थे. राज परिवार के लोग इसमें शामिल होते थे. समय बदला तो धीरे-धीरे आमजन इस यात्रा को निकालने लगे. शहर के पुराना कटरा से होते हुए त्रिपोलिया, होप सर्कस, मन्नी का बड़, नंगली का सर्किल, एसएमडी सर्किल, भवानी चौक का चौराहा से रथ यात्रा जगन्नाथ मेला स्थल पर पहुंची. 7 से 8 घंटे में रथ यात्रा मेला स्थल पर पहुंची. इस दौरान बैंड बाजे घोड़े हाथी पुलिस बैंड कई झांकियां इस यात्रा में शामिल हुई. शहर की सभी सड़कें मेले के रूप में नजर आई. शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी रथ यात्रा को देखने के लिए आते हैं.

इंद्र विमान पर निकले भगवान जगन्नाथ

अलवर. इंद्र विमान पर विराजमान होकर भगवान जगन्नाथ मंगलवार को शहर के भ्रमण पर निकले. शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए रथयात्रा जगन्नाथ मेला स्थल पर पहुंची. यहां अगले 3 दिनों तक मेला चलेगा. इस दौरान 29 जून को भगवान जगन्नाथ व जानकी जी का विवाह होगा और उसके बाद एक जुलाई को रथ यात्रा वापस शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुंचेगी. जगन्नाथपुरी के बाद अलवर की भगवान जगन्नाथ यात्रा व जगन्नाथ जी मेला देश की बड़ी रथ यात्रा रैली में शामिल है.

अलवर की जगन्नाथ रथ यात्रा देश विदेश में खास पहचान रखती है. 3 दिनों तक रूपबास मेला स्थल पर मेला चलता है. इस दौरान भगवान जगन्नाथ व जानकी जी का विवाह होता है. इस विवाह के कार्यक्रम में हजारों लोग साक्षी बनते हैं. मेले में अलवर के अलावा आसपास के जिलों के साथ हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित आसपास के राज्यों के शहरों से भी हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं. 3 दिनों तक चलने वाले इस मेले में झूले व दुकानें लगती हैं. लोग परिवार के साथ भगवान के दर्शन और घूमने आते हैं साथ ही खरीददारी भी करते हैं.

मंगलवार को पुराना कटला स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर से जगन्नाथ जी की रथ यात्रा शुरू हुई. जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक सहित जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की. उसके बाद अलवर पुलिस ने भगवान जगन्नाथ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. भगवान जगन्नाथ इंद्र विमान में विराजमान होकर शहर के भ्रमण के लिए निकले. देर रात 4 बजे रथ यात्रा मेला स्थल पर पहुंची. रथ यात्रा के दौरान शहर के करीब 100 मंदिरों में भगवान जगन्नाथ की आरती हुई. रथ यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. शहर में जगह-जगह प्याऊ लगी व शहर की सभी सड़कें मेले के रूप में नजर आई.

पढ़ें अलवर में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव शुरू, यहां मन्नत पूरी करने के लिए श्रद्धालु बांधते हैं नारियल

जगन्नाथ मंदिर के पुजारी ने बताया कि अलवर की जगन्नाथ रथ यात्रा 150 साल पुरानी है. इसका पुराना इतिहास है. पहले महाराज जयसिंह रथ यात्रा को रवाना करते थे. राज परिवार के लोग इसमें शामिल होते थे. समय बदला तो धीरे-धीरे आमजन इस यात्रा को निकालने लगे. शहर के पुराना कटरा से होते हुए त्रिपोलिया, होप सर्कस, मन्नी का बड़, नंगली का सर्किल, एसएमडी सर्किल, भवानी चौक का चौराहा से रथ यात्रा जगन्नाथ मेला स्थल पर पहुंची. 7 से 8 घंटे में रथ यात्रा मेला स्थल पर पहुंची. इस दौरान बैंड बाजे घोड़े हाथी पुलिस बैंड कई झांकियां इस यात्रा में शामिल हुई. शहर की सभी सड़कें मेले के रूप में नजर आई. शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी रथ यात्रा को देखने के लिए आते हैं.

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