भिवाड़ी (अलवर). क्षेत्र में ऑक्सीजन को लेकर सरकार की ओर से युद्ध स्तर पर इंतजाम किए जा रहे है. आईनॉक्स उद्योग इकाई 24 घंटे ऑक्सीजन उत्पादन करते हुए मरीजों को जीवनदान दे रही है. बता दें कि किसी भी मरीज की जान ऑक्सीजन की कमी से ना जाए, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे है.
जहां एक ओर ऑक्सीजन के सिलेंडरों का अधिग्रहण कर ट्रकों के माध्यम से प्रतिदिन 600 या उससे अधिक सिलेंडर भिवाड़ी से अलवर और अलवर से जयपुर पहुंचाए जा रहे हैं. दूसरी ओर नाइट्रोजन गैस के टैंकरों को ऑक्सीजन टैंकरों में कन्वर्ट किया जा रहा है. इस प्रक्रिया को अपनाते हुए अभी तक कई टैंकर तैयार किए जा चुके है.
इसको लेकर ऑक्सीजन कम्पनी के एक्सपर्ट आलोक कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें राजस्थान सकरकर की तरफ से ये आदेश है कि जितने भी गैस वाहक टैंकर है, चाहे वो नाइट्रोजन के हो या कोई अन्य सभी ऑक्सीजन के लिए कन्वर्ट कर आपातकाल के लिए अलर्ट पर रखा जाए.
बता दें कि भिवाड़ी से प्रतिदिन 80 टन ऑक्सीजन राजस्थान को भेजी जा रही है और 20-20 टन हरियाणा और दिल्ली को. इस बड़ी तैयारी से तो लगता है कि सरकार की मंशा है कि किसी भी कोरोना पॉजिटिव की जान ऑक्सीजन की कमी से न जाने पाए. इसलिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. गौरतलब है कि कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए पूर्व में ही औद्योगिक सप्लाई के लिए रोक लगाते हुए मेडिकल सप्लाई को सुचारू रखा है.
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भिवाड़ी से आइनॉक्स एयर प्रोडक्ट उद्योग इकाई सहित अलग-अलग माध्यमों से देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन के सहारे जीवन की डोर को थामे मरीजों के लिए सांईजीवनी भेज रहे है. भिवाड़ी से प्रतिदिन लगभग 120 से 150 टन तक ऑक्सीजन भेजी जा रही है. भिवाड़ी की ये संजीवनी इकाई ना जाने अभी तक कितने मरीजों को जीवनदान दे चुकी है. बहरहाल कही ऑक्सीजन के टैंकर्स की तैयारी तो कही ऑक्सीजन सिलेंडर्स का अधिग्रहण सब बताता है कि तैयारियां कहीं बड़ी है, जो अभी तक आम आदमी की सोच से परे है, अगर कहीं स्थिति बिगड़ती है, तो इंतजाम पुख्ता और मजबूत है.