अलवर. वन विभाग की हर्बल गुलाल होली (herbal colours in holi) के मौके पर धूम मचा रही है. लोग हर्बल गुलाल को खासा पसंद कर रहे हैं. प्रदेश में उदयपुर व अलवर जिले में वन विभाग की तरफ से हर्बल गुलाल तैयार करवाई गई है. वन कर्मी शहर में जगह-जगह स्टॉल लगाकर हर्बल गुलाल (sale of herbal gulal) बेच रहे हैं. लोगों का अच्छा रेस्पांस मिल रहा है. पहली बार वन विभाग ने प्रदेश में दो जगहों पर हर्बल गुलाल तैयार करवाई है.
होली के त्यौहार (Holi celebration 2022) को देखते हुए वन विभाग की ओर से वन क्षेत्र के आसपास की महिलाओं को आर्थिक संबल देने के लिए नवाचार शुरू किया गया है. अलवर के जंगल क्षेत्र में होने वाले पलाश के फूलों से हर्बल गुलाल तैयार की गई है. जिसे शहर के तिलक मार्केट, कलेक्ट्रेट, कचहरी रोड, वन मंडल मुख्यालय, नयाबास चौराहा पर स्टॉल लगाकर बेची जा रही है. स्टॉल पर मौजूद वन विभाग के सहायक वनपाल रामवीर गुर्जर ने बताया कि होली त्यौहार पर वन विभाग की ओर से यह अनूठी पहल की गई है. देहरा वन विभाग के नाके पर अमृत वास में महिलाओं को कुटीर उद्योग देने के लिए विकास समिति द्वारा पलाश के फूलों से हर्बल गुलाल तैयार की गई है. यह गुलाल ना तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और ना ही त्वचा और आंखों पर इसके कोई साइड इफेक्ट होंगे.
यह गुलाल पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगी. विभाग की ओर से शहर में 6 जगह स्टॉल लगाकर यह गुलाल बेची जा रही है. 200 ग्राम गुलाल के पैकेट की कीमत 40 रखी गई है. इससे होने वाली आय महिला समितियों को दी जाएगी. वन विभाग की इस गुलाल को लोग खासा पसंद कर रहे हैं. लोग बड़ी संख्या में गुलाल खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पलास के फूल केवल उदयपुर अलवर क्षेत्र में सबसे ज्यादा मिलते हैं. इसलिए आसानी से गुलाल तैयार हो पाई. साथ ही इससे महिलाओं को रोजगार भी मिला है.