अलवर. लक्ष्मणगढ़ निवासी हवलदार चरण सिंह डागुर की ड्यूटी के दौरान करंट लगने से मौत हो गई. चरण सिंह बिहार के मुज्जफरनगर मे 32 वीं बटालियन में हवलदार के पद पर तैनात थे. आज पैतृक गांव इटेडा में सैनिक का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. हवलदार चरण सिंह के पार्थिव देह को उनके 4 वर्षीय बेटे ने मुखाग्नि दी. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा.
बिहार के मुज्जफरनगर नगर में थे तैनात
जानकारी के अनुसार बिहार के मुज्जफरनगर नगर में सशस्त्र सीमा बल में 32 वीं बटालियन में 24 जून को ड्यूटी के दौरान हवलदार चरण सिंह डागुर करंट की चपेट में आ गये. तब से उनका उपचार चल रहा था जहां गुरुवार को यूपी के लखनऊ में उनकी मौत हो गई. इधर, शनिवार को हवलदार चरण सिंह का शव उनके पैतृक गांव इटेडा पहुंचा. शहीद का पार्थिक शरीर गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. ग्रामीणों की आखें भी नम थीं.
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दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को सैनिक सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई. अंतिम विदाई में हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए. इधर, युवाओं ने भारत माता की जय व शहीद चरण सिंह डागुर अमर रहें के नारे लगाए. बाद सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने तीन राउंड हवाई फायर कर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. बाद में उनके शव के साथ आई सैनिकों की टुकड़ी के अलावा एसडीएम लाखन सिंह गुर्जर, डीएसपी राजेश शर्मा व एसएचओ अजीत सिंह ने पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. अंतिम संस्कार के मौके पर क्षेत्र के अनेक सामाजिक व गणमान्य लोगों ने भाग लिया और उन्हें अपनी श्रद्धाजंलि दी और परिवार के प्रति सवेंदना व्यक्त की.