अलवर. गोविंदगढ़ में एक मंडी व्यापारी से हुई लूट (loot from mandi trader in Alwar) के मामले में पुलिस ने चार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया है. लूट में शामिल एनईबी थाने में तैनात कांस्टेबल अनीश, गंगाराम और शिवाजी पार्क थाने के कांस्टेबल नरेंद्र शामिल थे. जबकि कांस्टेबल रंजीत गुजर गोविंदगढ़ थाने में तैनात था. उसका तबादला सदर थाने में हो गया था.
अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने चारों पुलिस कर्मियों के बर्खास्तगी के आदेश जारी किए हैं. एसपी ने बताया कि इस मामले में तीन पुलिसकर्मी लूट में शामिल थे. जबकि एक पुलिसकर्मी ने समझौता करने के लिए पीड़ित पर दबाव बनाया था. अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने 12 अगस्त को इस घटना का खुलासा किया था.
29 जुलाई को गोविंदपुर में तीन पुलिसकर्मियों समेत 4 लोगों ने मिलकर दो बाइक सवारों से 40 हजार रुपए की लूट थी. जब पीड़ित शख्स इंसाफ के लिए थाने पहुंचा तो चौथे पुलिसकर्मी ने उस पर समझौते का दवाब बनाया.
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पीड़ित ने मामले की शिकायत अलवर पुलिस अधिकारियों से की. जिसके बाद मामले में सख्त एक्शन लेते हुए एसपी ने 13 दिनों बाद तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. वहीं चौथे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था. हैरान करने वाली बात यह थी कि ये चारों पुलिसकर्मी शहर के तीन अलग-अलग थानों में तैनात थे. एनएईबी, शिवाजीपार्क और सदर थाने में तैनात तीनों पुलिसकर्मी लूट की घटना के बाद 30 जुलाई से ही ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे.
क्या था मामला
गोविंदगढ़ के रहने वाले एक मंडी व्यापारी ने लूट के मामले में 29 जुलाई को उसने स्थानीय थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसने बताया कि वो अपने साले के साथ बाइक से जा रहा था. तभी उसे पीछे आ रही एक कार ने उन्हें रुकवा लिया. कार सवार चार लोग जबरदस्ती उन्हें कार में बैठाकर सूनसान जंगल में ले गए थे. जहां उनसे 27 हजार रुपए लूट लिए. उसके बाद धमकी देकर 13 हजार रुपए पेटीएम के जरिए बैंक में ट्रांसफर करवा लिए गए. आरोपी लूट के बाद उन्हें जंगल में ही छोड़कर फरार हो गए थे.