अलवर. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह बुधवार को अलवर पहुंचे. फुल बाग स्थित अपने आवास पर उन्होंने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार टिकट वितरण में भाई भतीजावाद नहीं चलेगा. केवल जिताऊ उम्मीदवार को ही पार्टी टिकट देगी. इसके लिए सर्वे व फीडबैक सहित सभी टेक्निकल मुद्दों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बात का समर्थन करते हुए कहा कि प्रत्याशी को 2 महीने पहले ही टिकट मिलना चाहिए. जिससे वो दमदार तरीके से अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर सके.
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस बार चुनाव में पार्टी सोच समझकर टिकट देगी. केवल जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा इसलिए भाई भतीजावाद बिल्कुल भी नहीं चलेगा. पार्टी की तरफ से सर्वे करवाया जाएगा. साथ ही विधानसभा क्षेत्र में फीडबैक प्रक्रिया भी होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गहलोत सरकार की anti-incumbency नहीं है. इसलिए प्रदेश में पहली बार सभी रिकॉर्ड टूटेंगे और फिर से कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी. हाल ही में प्रदेश में होने वाली कांग्रेस आलाकमान की बैठक पर उन्होंने कहा कि इसमें पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.
आगामी चुनाव के अलावा कांग्रेस की ओर से अन्य राज्यों में किए जा रहे अभियान के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी. जिससे अभियानों को प्रदेश में शुरू किया जा सके. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अशोक गहलोत सचिन पायलट के बीच कोई विवाद नहीं है. यह मीडिया ने बनाई हैं. लेकिन पार्टी एक है और सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
जितेंद्र सिंह ने कहा कि उनको कई राज्यों में जाने और काम करने का मौका मिला है. इस दौरान वहां के हालात भी उन्होंने काफी करीब से देखे हैं. लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की सरकार मजबूत स्थिति में है. गहलोत सरकार से जनता खुश है व सरकार की योजनाओं को लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इसलिए सरकारी कर्मचारी, आम आदमी सभी प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि टिकट वितरण में पार्टी की तरफ से खास ध्यान रखा जाएगा.
उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बात का समर्थन करते हुए कहा कि चुनाव से 2 से 3 माह पहले उम्मीदवारों को टिकट मिलने चाहिए. जिससे उम्मीदवार अपने क्षेत्र में बेहतर तरीके से चुनाव प्रचार कर सके. जिससे उसकी स्थिति मजबूत होगी. क्योंकि बेहतर चुनाव प्रचार का फायदा उम्मीदवार और पार्टी दोनों को मिलेगा. प्रदेश की जनता चाहती है कि राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बने और राजस्थान का पुराना इतिहास टूटे.