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किसान आंदोलन विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलन है: अरुण चतुर्वेदी

पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने किसान आंदोलन को विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलन बताया है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसानों की सबसे महत्वपूर्ण मांगों को सम्मिलित करते हुए सरकार ने तीन कृषि कानून बनाए हैं.

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Published : Jan 10, 2021, 10:41 PM IST

arun chaturvedi, farmers protest
अरुण चतुर्वेदी न्यूज

अलवर. जयपुर से दिल्ली जाते समय बहरोड़ पहुचने पर पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी का bjp कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. मीडिया से बातचीत करते हुए अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने आजादी के बाद पहली बार किसानों की सबसे महत्वपूर्ण मांगों को सम्मिलित करते हुए तीन कृषि कानून बनाए हैं. केन्द्र ने किसानों को अधिकार दिया कि आज जब उनकी चीज की सही कीमत नहीं मिल रही है तो रोक लें और समय आने पर बिक्री करें.

अरुण चतुर्वेदी का किसान आंदोलन को लेकर बयान

पढे़ं: भाजपा में गुटबाजी पर डोटासरा का कटाक्ष कहा- लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए लगी राजस्थान की 7 करोड़ जनता की बद्दुआ

अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार ने नए कानूनों के माध्यम से किसानों को अपनी फसल बेचने के कई विकल्प दिए हैं. किसान आंदोलन को लेकर पूर्व मंत्री ने कहा कि ये आंदोलन विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलन है. केन्द्र सरकार किसानों से बार-बार बात करने का प्रयास कर रही है लेकिन किसान आंदोलन से जुड़े हुए लोग अपने मुद्दों को छोड़कर केवल कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन पर भी अरुण चतुर्वेदी ने तंज कसा और कहा कि राजस्थान सरकार दूसरों के कंधो पर बन्दूक धर कर चलाती है. राजस्थान सरकार ने किसानों के ऋण माफ करने की घोषणा की थी लेकिन वादा पूरा नहीं किया और अब केन्द्र सरकार से ऋण माफ करने की मांग कर रही है. राजस्थान सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतनभत्ता बढ़ाने की घोषणा की थी और वेतनभत्ता भी नहीं बढ़ाया. राज्य सरकार केन्द्र सरकार से भत्ता बढ़ाने की मांग कर रही है.

अलवर. जयपुर से दिल्ली जाते समय बहरोड़ पहुचने पर पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी का bjp कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. मीडिया से बातचीत करते हुए अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने आजादी के बाद पहली बार किसानों की सबसे महत्वपूर्ण मांगों को सम्मिलित करते हुए तीन कृषि कानून बनाए हैं. केन्द्र ने किसानों को अधिकार दिया कि आज जब उनकी चीज की सही कीमत नहीं मिल रही है तो रोक लें और समय आने पर बिक्री करें.

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अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार ने नए कानूनों के माध्यम से किसानों को अपनी फसल बेचने के कई विकल्प दिए हैं. किसान आंदोलन को लेकर पूर्व मंत्री ने कहा कि ये आंदोलन विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलन है. केन्द्र सरकार किसानों से बार-बार बात करने का प्रयास कर रही है लेकिन किसान आंदोलन से जुड़े हुए लोग अपने मुद्दों को छोड़कर केवल कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन पर भी अरुण चतुर्वेदी ने तंज कसा और कहा कि राजस्थान सरकार दूसरों के कंधो पर बन्दूक धर कर चलाती है. राजस्थान सरकार ने किसानों के ऋण माफ करने की घोषणा की थी लेकिन वादा पूरा नहीं किया और अब केन्द्र सरकार से ऋण माफ करने की मांग कर रही है. राजस्थान सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतनभत्ता बढ़ाने की घोषणा की थी और वेतनभत्ता भी नहीं बढ़ाया. राज्य सरकार केन्द्र सरकार से भत्ता बढ़ाने की मांग कर रही है.

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