बानसूर (अलवर). जिले के ग्रामीणों ने नगर पालिका बानसूर के कुछ गांव को छोड़कर दूर के गांव को जोड़ने का विरोध किया है. इस मौके पर भाजपा सरकार में रहे पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा पहुंचे और उन्होंने बताया कि बानसूर विधायक शकुंतला रावत ने जातिवाद को बढ़ावा देने के लिए बानसूर के कुछ गांव ढाणी को छोड़ दिया है और बानसूर से दूर वाले ग्रामीण इलाकों को बानसूर नगर पालिका में जोड़ दिया गया है. जिससे बानसूर नगर पालिका का स्वरूप बिगड़ गया है.
ग्रामीणों ने पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा के नेतृत्व में बानसूर नगर पालिका का विरोध प्रकट किया है और इस मौके पर रोहिताश्व के नेतृत्व में ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. शर्मा ने कहा कि बानसूर विधायक शकुंतला रावत पिछले कुछ माह से बानसूर क्षेत्र में नहीं आ रही है. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है उनकी समस्याएं नहीं सुनी जा रही है.
इसको देखते हुए की बानसूर में कुछ युवकों ने सत्ता का विरोध करते हुए बानसूर विधायक शकुंतला रावत के पोस्टर तक बानसूर में लगा दिए थे, लेकिन विधायक को बानसूर की जनता की कोई फिक्र नहीं है.
शर्मा ने ये भी कहा कि विधायक अपनी सरकार के साथ होटलों में बैठी हुई है, लेकिन क्षेत्र में जनता का कोई काम नहीं हो रहा है जिस से बानसूर के लोगों में विधायक को लेकर आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने कहा कि विधायक शकुंतला रावत ने बानसूर नगर पालिका को जल्द शुरू करने के लिए बानसूर में नगर पालिका अधिशासी अभियंता की पोस्टिंग करवा दी. वहीं, विधायक बाड़ेबंदी में बंद है, लेकिन बानसूर के मतदाता का कोई भी कामकाज नहीं हो रहा है.
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शर्मा ने बताया कि जिस प्रकार राज्य सरकार बिजली की दूरी मार्ग आमजन पर डालकर मनचाहा बिल वसूल कर रही है देखा जाए तो कोरोना में लॉकडाउन के चलते कामकाज ठप हो गया है. वहीं, सरकार बिजली के दामों में वृद्धि कर मन चाहा कर वसूल रही है. बिजली की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रखती है जबकि सरकार बाड़ेबंदी में अय्याशी कर रही है. जनता की कोई चिंता नहीं है और ना ही क्षेत्रीय विधायक अपने क्षेत्र की सुध ले रहे हैं. बानसूर में इन 2 महीनों में बढ़ते अपराधों के चलते भय का माहौल बना हुआ है इसलिए क्षेत्रीय विधायक अपने क्षेत्र में रहकर लोगों की समस्या सुने ताकि आम लोगों को राहत मिल सके.