बहरोड़ (अलवर). प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जताई थी. साथ ही उन्होंने अन्य राज्यों से आने वाले सभी लोगों की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लाने के आदेश दिए थे. लेकिन अब उनके आदेश की सरेआम धज्जियां उड़ रही है.
राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में आज ये देखने को मिला. आंदोलन में कई किसान नेता बगैर कोरोना नेगेटिव जांच के शहीद स्मारक पर पहुंचे. जहां पर प्रशासन के आला अधिकारियों ने उनकी कोई जांच नहीं की. साथ ही आंदोलन में लोगों को भी संबोधित करते नजर आए.
बता दें कि किसी भी नेता और किसानों ने ना तो मास्क लगाया और ना ही सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया. जबकि रविवार की रात को ही जिला कलेक्टर के आदेश के बाद हरियाणा से आने वाले वाहनों को बगैर कोरोना रिपोर्ट के सीमा में नही आने दिया जबकि आज हरियाणा से सैकड़ों किसान बॉर्डर पर पहुंचे थे.
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अब सवाल ये है कि क्या सरकार के दोगले आदेश पर सिर्फ आम आदमी ही इसका शिकार हो रहा है. एक तरफ आम जनता अगर बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के पाई जाती है तो उसका चालान कर जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन कृषि कानून के विरोध में बैठे लोगों पर शायद ये नियम लागू नहीं होता है. किसान आंदोलन में सक्रिय रही पूनम पांडे ने राज्य सरकार के आदेशों को धता बताते हुए कहा कि आज मैं राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर आई हूं ना तो मुझे किसी ने रोका और ना ही मेरी कोरोना नेगेटिव जांच की रिपोर्ट मांगी है.