भिवाड़ी (अलवर). यूआईटी थाना क्षेत्र स्थित खिजरपुर गांव में गत 14 अगस्त को मिले मानव अंगों के टुकड़े प्रकरण में सोमवार को पुलिस ने खुलासा करते हुए बड़ी कामयाबी हासिल की है. मामले का खुलासा करते हुए भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि यह प्रकरण काफी चर्चा में रहा और सनसनीखेज भी था. इसलिए मामले को पूरी तरह से गंभीरता पूर्वक लिया और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरुण माच्या के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और इस प्रकरण का पटाक्षेप किया गया.
पुलिस अधीक्षक ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी ने हत्या के बाद अपनी पत्नी की गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए एक साधारण डाक थाने पर भेजी और गुमशुदगी दर्ज करानी चाही, लेकिन थाना अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने डाक में लिखे मजमून को गंभीरता से लेते हुए आरोपी तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की है. आरोपी भरतपुर निवासी अमित गुप्ता ने अपने कबूल नामें में बताया कि उसे अपनी पत्नी कोमल गुप्ता के चरित्र पर शक था.
जिसे मौत के घाट उतारने के लिए उसने नशीली दवा खिलाई. जब वह पूरी तरह से अचेत हो गई तो उसकी हत्या कर दी गई. हत्या किए जाने के बाद एक धारदार हथियार जो आरोपी ने पहले से ही बनवा कर रखा था. जिसकी सहायता से अलग-अलग टुकड़े किए और 13 अगस्त की रात आरोपी ने खिजरपुर गांव के आसपास अलग-अलग जगह पर फेंक दिए.
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आरोपी ने यह भी कुबूल किया है कि उसने 2013 में भरतपुर में एक होमगार्ड की महिला की भी हत्या की थी. जिसमें वह आजीवन कारावास काट रहा है और इसी मामले में वह जमानत पर बाहर आया था. बाहर आने के बाद उसने कोमल से शादी की और भिवाड़ी आया. लेकिन कोमल के चरित्र पर शक करते हुए आरोपी पति अमित गुप्ता ने कोमल की हत्या कर दी.
राममूर्ति जोशी ने बताया कि जांच के अनुसार कोमल भी एक उद्योग इकाई में काम करती थी और आरोपी अमित गुप्ता भी भिवाड़ी में ही एक नामी कंपनी में काम करता था. इस पूरी तरह से ब्लाइंड अनसुलझे मामले का पटाक्षेप करते हुए भिवाड़ी पुलिस ने बड़ी कामयाबी पाई है. बहरहाल, राहत की बात यह है कि आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और गंभीरता से पूछताछ की जा रही है.