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अब बाघों का स्ट्रेस दूर करेंगे वन अधिकारी, विभाग ने लिए डीएनए सैंपल...रिपोर्ट आने के बाद करेंगे उपाय - tiger reserve

बाघों का कुनबा बढ़ाने और उनके संरक्षण को लेकर वन विभाग गंभीर है. ऐसे में अब बाघों के मेंटल स्ट्रेस का पता लगाकर इसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा. वन विभाग की ओर से बाघों का डीएनए सैंपल लिया गया है. जल्द ही इसकी रिपोर्ट आ जाएगी. इसके बाद बाघों का स्ट्रेस दूर करने के लिए विशेषज्ञों से सलाह कर उपाय किए जाएंगे.

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बाघों का स्ट्रेस का पता लगा जाएगा
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Published : Sep 22, 2021, 5:46 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 7:03 PM IST

अलवर. आम इंसानों की तरह वन्य जीव भी कभी-कभी मेंटल स्ट्रेस की समस्या से परेशान रहते हैं. ऐसे में अब बाघों में होने वाले स्ट्रेस का भी अब पता लगाया जा सकेगा. अलवर सहित देश भर के टाइगर रिजर्व से बाघों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं. इसकी रिपोर्ट जल्द ही आने वाली है. डीएनए रिपोर्ट में बाघों के कुनबे के बारे में भी विस्तार से जानकारी मिल सकेगी. बाघ कितने स्ट्रेस में है इसका पता चलने पर उन्हें इस परेशानी से निकालने के लिए उपाय किए जाएंगे.

जिले के सरिस्का में इस समय 10 बाघिन, 7 बाघ व 6 शावक हैं. अन्य जानवरों की तुलना में बाघों का कुनबा धीरे बढ़ता है. इसके अलावा बाघों में स्ट्रेस की परेशानी भी देखने को मिलती है. पहले की तुलना में बाघ शिकार कम करते हैं. इसके अलावा बाघों के जीवन में कई तरह के बदलाव भी देखने को मिलते रहते हैं. बाघों में होने वाले बदलाव को देखते हुए एनटीसीए ने देश के सभी बाघों का डीएनए सैंपल लिया था. अलवर के सरिस्का से भी डीएनए सैंपल लिए गए थे.

बाघों का स्ट्रेस का पता लगा जाएगा

पढ़ें: सरिस्का को संजीवनी दे सकती है एलिवेटेड रोड, वन्यजीव भी हो सकेंगे सुरक्षित...हर साल सड़क हादसों का शिकार होते हैं जानवर

वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो जल्द ही डीएनए सैंपल की रिपोर्ट आने वाली है. इस रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे व अहम जानकारियां वन विभाग के अधिकारियों को मिल सकती हैं. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघों के कुनबे और परिवार के अलावा छोटी से छोटी जानकारी भी डीएनए रिपोर्ट में मिलती है.

लंबे समय बाद देशभर के बाघों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं. डीएनए रिपोर्ट आने के बाद बाघों पर ज्यादा ध्यान दिया जा सकेगा और स्ट्रेस दूर करने के लिए विशेषज्ञों से सलाह लेकर इसे दूर करने के उपाय किए जाएंगे.

अलवर. आम इंसानों की तरह वन्य जीव भी कभी-कभी मेंटल स्ट्रेस की समस्या से परेशान रहते हैं. ऐसे में अब बाघों में होने वाले स्ट्रेस का भी अब पता लगाया जा सकेगा. अलवर सहित देश भर के टाइगर रिजर्व से बाघों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं. इसकी रिपोर्ट जल्द ही आने वाली है. डीएनए रिपोर्ट में बाघों के कुनबे के बारे में भी विस्तार से जानकारी मिल सकेगी. बाघ कितने स्ट्रेस में है इसका पता चलने पर उन्हें इस परेशानी से निकालने के लिए उपाय किए जाएंगे.

जिले के सरिस्का में इस समय 10 बाघिन, 7 बाघ व 6 शावक हैं. अन्य जानवरों की तुलना में बाघों का कुनबा धीरे बढ़ता है. इसके अलावा बाघों में स्ट्रेस की परेशानी भी देखने को मिलती है. पहले की तुलना में बाघ शिकार कम करते हैं. इसके अलावा बाघों के जीवन में कई तरह के बदलाव भी देखने को मिलते रहते हैं. बाघों में होने वाले बदलाव को देखते हुए एनटीसीए ने देश के सभी बाघों का डीएनए सैंपल लिया था. अलवर के सरिस्का से भी डीएनए सैंपल लिए गए थे.

बाघों का स्ट्रेस का पता लगा जाएगा

पढ़ें: सरिस्का को संजीवनी दे सकती है एलिवेटेड रोड, वन्यजीव भी हो सकेंगे सुरक्षित...हर साल सड़क हादसों का शिकार होते हैं जानवर

वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो जल्द ही डीएनए सैंपल की रिपोर्ट आने वाली है. इस रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे व अहम जानकारियां वन विभाग के अधिकारियों को मिल सकती हैं. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघों के कुनबे और परिवार के अलावा छोटी से छोटी जानकारी भी डीएनए रिपोर्ट में मिलती है.

लंबे समय बाद देशभर के बाघों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं. डीएनए रिपोर्ट आने के बाद बाघों पर ज्यादा ध्यान दिया जा सकेगा और स्ट्रेस दूर करने के लिए विशेषज्ञों से सलाह लेकर इसे दूर करने के उपाय किए जाएंगे.

Last Updated : Sep 22, 2021, 7:03 PM IST
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