अलवर. राजस्थान अलवर नगर परिषद में सोमवार को अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. वार्ड संख्या 11 के पार्षद देवेंद्र रसगनिया नगर परिषद की छत पर चढ़ गए और अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. इस मामले की सूचना मिलते ही नगर परिषद प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई और अन्य साथी पार्षद मौके पर पहुंच गए. उन्होंने पार्षद को समझाया और कई घंटों के प्रयास के बाद छत पर चढ़े पार्षद को नीचे उतारा गया. इस दौरान पार्षद ने नगर परिषद के सभापति से बात करने की मांग रखी. कुछ देर में सभापति भी वहां पहुंच गए और उन्होंने पार्षद को उसकी मांगों पर गौर करने का आश्वासन दिया, जिसके पार्षद नीचे उतरा.
दरअसल, अलवर शहर के वार्ड नंबर 11 के पार्षद देवेंद्र रसगनिया विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार सुबह नगर परिषद की छत पर चढ़ गए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कैंप केवल दिखावा है. उनमें लोगों के काम नहीं हो रहे. नगर परिषद के सभी कर्मचारियों को राहत कैंपों में लगाया गया है. ऐसे में नगर परिषद में आने वाले लोग परेशान हो रहे हैं. कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोगों को पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं. इसके अलावा भी कई मांग उन्होंने प्रशासन के सामने रखी. पहले भी वो अपनी मांगों को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं और प्रशासन को अवगत करा चुके हैं. लेकिन समस्या का समाधान नहीं होने पर परेशान पार्षद नगरपरिषद की छत पर चढ़ा.
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इसकी जानकारी मिलते ही नगर परिषद के कर्मचारी अधिकारियों में हड़कंप मच गया. बड़ी संख्या में कर्मचारी मौके पर पहुंचे. पार्षद के साथ ही पार्षद भी मौके पर आए. उन्होंने देवेंद्र को नीचे उतारने का प्रयास किया. लेकिन इस दौरान पार्षद देवेंद्र अपनी जिद पर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि नगर परिषद सभापति हो बुलाया जाए. कुछ देर में नगर परिषद सभापति घनश्याम गुर्जर मौके पर पहुंचे. उन्होंने पार्षद से समझाइस की व मांग पूरी करवाने का आश्वासन दिया. तब जाकर पार्षद देवेंद्र रसगनिया नीचे उतरे.
पार्षद देवेंद्र रसगनिया ने कहा कि नगर परिषद में घोर लापरवाही व अनियमितताओं का आलम है. जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. जिसके कारण शहर का विकास कार्य रुका हुआ है. उन्होंने बताया कि अलवर नगर परिषद के द्वारा कच्ची बस्ती के लोगों को एक भी पट्टा व स्टेट ग्राण्ट व 69ए की पट्टों की नई फाइलों की विज्ञप्ति जारी नहीं की जा रही है. जबकि 69ए की पट्टो की फाइल के निस्तारण हेतु विभाग में स्थाई बाबू नहीं है. सफाई के नये ठेके को लेकर बोर्ड की मीटिंग होना अतिआवश्यक है. वो भी राम हवाले है.
उन्होंने कहा नगर परिषद के अधिकतर स्टाफ को महंगाई राहत शिविर में लगाया हुआ है. जिसके कारण नगर परिषद के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, जबकि महंगाई राहत शिविर एक कोरा दिखावा है. पूर्व में भी विभिन्न समस्याओं को लेकर नगर परिषद आयुक्त को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया. मजबूरन नगर परिषद व जिला प्रशासन को चेताने के लिए छत पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा.