भिवाड़ी (अलवर). देश में फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रही है. सरकार की जागरूकता अभियान के चलते कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आये लोग खुद चल कर अस्पताल में सैंपलिंग करवाने के लिए पहुंच रहे है. लेकिन उन्हें अस्पताल में डॉक्टरों के द्वारा पुलिस की धमकी देकर वापस भेजा जा रहा है.
ऐसा ही एक मामला सामने आया है, भिवाड़ी के अस्पताल में जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए कुछ लोग खुद अस्पताल पहुंचे. उन्होंने डॉक्टर को बताया कि वे पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आये थे, इसलिए उनका कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लिया जाए. इतना सुनने का बाद डॉक्टर भड़क गए और पुलिस बुलाकर उन्हें बाहर करने की धमकी दी. लेकिन जागरूक युवा अपनी बात पर अड़े रहे.
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कुछ देर बाद पुलिस भी पहुंची और युवाओं को समझा बुझाकर बात रफा-दफा करने की भी कोशिश की, लेकिन जागरूक युवाओं ने कहा कि ऐसी स्थिति में अगर उनके परिजनों को भी संक्रमण फैल गया, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा. मामले पर तिजारा उपखंड अधिकारी से बात की तो बताया गया कि, अब सरकार की गाइडलाइन बदल गई है.
कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए युवाओं का नहीं लिया गया सैंपल
बदली गई गाइडलाइन के तहत सैंपलिंग सिर्फ उन लोगों की हो पा रही है, जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे हो. जागरूक युवाओं ने यह भी बताया कि वो उनके मोहल्ले में आए पॉजिटिव के संपर्क में आये है, उसके साथ खाना खाया है, सिगरेट का भी सेवन किया है और दूसरा पॉजिटिव का रूम मेट है.
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यहां बड़ा सवाल यह है कि पिछले कुछ समय में ऐसे मरीज सामने आए है, जिनमें लक्षण तो नजर नहीं आए लेकिन सैंपलिंग में पॉजिटिव पाए गए. ये ही चिंता इन स्थानीय लोगों को खाये जा रही है. मामले की जानकारी अधिकारियों तक होने के बावजूद भी अभी तक भिवाड़ी में हालत नहीं सुधरे है और लगातार भिवाड़ी में कोरोना संक्रमण फैल रहा है.