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उड़ीसा में शहीद हुआ अलवर का लाल, राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव में अंतिम संस्कार...बीएसएफ में डीएसपी के पद पर थे तैनात - Rajasthan hindi news

अलवर के राकेश यादव रविवार को उड़ीसा में एक ऑपरेशन के दौरान (Alwar son martyred in Orissa) शहीद हो गए थे. सोमवार को उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया गया जहां राजकीय सम्मान के साथ शहीद (martyred Rakesh yadav funeral in alwar) का अंतिम संस्कार किया गया.

Alwar son martyred in Orissa
शहीद राकेश यादव
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Published : Jun 13, 2022, 6:40 PM IST

Updated : Jun 13, 2022, 7:49 PM IST

अलवर. उड़ीसा में एक ऑपरेशन के दौरान अलवर का बेटा राकेश यादव शहीद (Alwar son martyred in Orissa) हो गया. राकेश BSF में DSP के पद पर तैनात थे. उनकी शहादत की जानकारी मिलते ही पैतृक गांव चंडीगढ़ अहीर में माहौल गमहीन हो गया. सोमवार को उनकी अंतिम यात्रा में आसपास गांवों के सैकड़ों ग्रामीण भी शामिल हुए. राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार (martyred Rakesh yadav funeral in alwar) किया गया.

अलवर के गांव चंडीगढ़ अहीर के रहने वाले राकेश यादव BSF में DSP के पद पर कार्यरत थे. उड़ीसा में चल रहे एक सैन्य ऑपरेशन के दौरान वह शाहिद हो गए. परिजनों को रविवार तड़के उनके शहादत की सूचना मिली तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. यह सूचना आसपास के गांव तक फैल गई. इसपर आसपास के ग्रामीण और रिश्तेदारों का घर पर जमावड़ा लग गया. सोमवार को राकेश का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया. सेना के अधिकारियों ने बताया कि विशाखापट्टनम से पार्थिव देह दिल्ली पहुंचा और फिर वहां से अलवर के रामगढ़ क्षेत्र स्थित पैतृक गांव चंडीगढ़ अहीर लाया गया.

अलवार के जवान का अंतिम संस्कार

पढ़ें. अलवर : शहीद राम सिंह जाट की प्रतिमा का अनावरण...4 सितंबर 2017 को कारगिल में हुए थे शहीद

शहीद के भाई सतीश यादव ने बताया कि बीएसएफ ने रविवार तड़के 3 बजे राकेश के किसी ऑपरेशन में शहीद होने की जानकारी दी थी. उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए उमड़े. पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार हुआ. सेना के अधिकारियों ने तिरंगा परिजनों के हवाले किया. इस दौरान एसडीएम, डिप्टी एसपी सहित सभी अधिकारी व विधायक मौजूद रहे. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. वहीं ग्रामीणों की आंखें भी नम थीं.

अलवर. उड़ीसा में एक ऑपरेशन के दौरान अलवर का बेटा राकेश यादव शहीद (Alwar son martyred in Orissa) हो गया. राकेश BSF में DSP के पद पर तैनात थे. उनकी शहादत की जानकारी मिलते ही पैतृक गांव चंडीगढ़ अहीर में माहौल गमहीन हो गया. सोमवार को उनकी अंतिम यात्रा में आसपास गांवों के सैकड़ों ग्रामीण भी शामिल हुए. राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार (martyred Rakesh yadav funeral in alwar) किया गया.

अलवर के गांव चंडीगढ़ अहीर के रहने वाले राकेश यादव BSF में DSP के पद पर कार्यरत थे. उड़ीसा में चल रहे एक सैन्य ऑपरेशन के दौरान वह शाहिद हो गए. परिजनों को रविवार तड़के उनके शहादत की सूचना मिली तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. यह सूचना आसपास के गांव तक फैल गई. इसपर आसपास के ग्रामीण और रिश्तेदारों का घर पर जमावड़ा लग गया. सोमवार को राकेश का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया. सेना के अधिकारियों ने बताया कि विशाखापट्टनम से पार्थिव देह दिल्ली पहुंचा और फिर वहां से अलवर के रामगढ़ क्षेत्र स्थित पैतृक गांव चंडीगढ़ अहीर लाया गया.

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शहीद के भाई सतीश यादव ने बताया कि बीएसएफ ने रविवार तड़के 3 बजे राकेश के किसी ऑपरेशन में शहीद होने की जानकारी दी थी. उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए उमड़े. पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार हुआ. सेना के अधिकारियों ने तिरंगा परिजनों के हवाले किया. इस दौरान एसडीएम, डिप्टी एसपी सहित सभी अधिकारी व विधायक मौजूद रहे. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. वहीं ग्रामीणों की आंखें भी नम थीं.

Last Updated : Jun 13, 2022, 7:49 PM IST
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