अलवर. जालौर व सिरोही के जंगलों में रहने वाले भालू के दो जोड़ों को सिरस्का में शिफ्ट किया जाएगा. हालांकि अभी तक भालुओं को चिह्नित करने में सरिस्का की टीम नाकाम रही है. ऐसे में सरिस्का की तरफ से जालौर के सुंदर माता वन क्षेत्र में 100 से ज्यादा कैमरे लगाए गए हैं, जो लगातार भालुओं पर नजर रख रहे हैं. भालू का जोड़ा चिह्नित होने के बाद उनको शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि सरिस्का में लंबे समय से भालुओं का कुनबा बसाने की मांग चल रही है. ऐसे में सरिस्का प्रशासन ने भालू के दो जोड़ों को सरिस्का में शिफ्ट करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार व राज्य सरकार को भेजा था. इस प्रस्ताव को अनुमति मिल चुकी है. भालू को शिफ्ट करने से पहले उनके गले में रेडियो कॉलर लगाया जाएगा. रेडियो कॉलर भी सरिस्का को मिल चुका है.
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सरिस्का की टीम भालू के जोड़े को ट्रेंकुलाइज करने के लिए जालोर के सुंदर माता वन क्षेत्र पहुंची, लेकिन टीम को सफलता नहीं मिली. ऐसे में सरिस्का प्रशासन की तरफ से सुंदर माता वन क्षेत्र में 100 से ज्यादा कैमरे लगाए गए हैं. साथ ही जालोर के वन कर्मियों को कैमरों से नजर रखने की ट्रेनिंग भी दी गई है.
भालू का जोड़ा चिह्नित होने के बाद उनको ट्रेंकुलाइज किया जाएगा. इसके बाद उन्हें सरिस्का में शिफ्ट किया जाएगा. शुरुआत में एक जोड़े को शिफ्ट किया जाएगा. इसके कुछ समय बाद भालू का दूसरा जोड़ा सरिस्का में शिफ्ट होगा. भालू के शिफ्ट होने से सरिस्का घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को बाघ, पैंथर के साथ भालू की भी साइटिंग हो सकेगी. सरिस्का में आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. सरिस्का के अधिकारियों की मानें तो 15 मार्च के बाद सरिस्का की टीम भालू को ट्रेंकुलाइज करने के लिए सुंदर माता वन क्षेत्र में जा सकती है.