अलवर. जिले में महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं को देखते हुए पुलिस की तरफ से महिलाओं को आत्मरक्षा ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके तहत अलवर पुलिस लाइन में स्थाई शिविर की शुरुआत की गई है.
जिसमें एक बैच को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. तो वहीं लगातार यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी. इसमें कानून के अलावा गुड टच-बैड टच की भी जानकारी दी जाएगी. वहीं इसके लिए पुलिस लाइन में एक ऑफिस भी बनाया गया है. जहां युवती और महिलाएं अपनी परेशानी बता सकती हैं और ट्रेनिंग ले सकती हैं.
अलवर पुलिस अधीक्षक पारिश देशमुख ने बताया कि पहला बैच 1 जनवरी से शुरू हुआ था. जिसका समापन 7 जनवरी को हो चुका है. इसी तरह से लगातार पुलिस लाइन में यह प्रक्रिया चल रही है. शिविर के माध्यम से महिलाओं को हेल्पलाइन, गरिमा हेल्प पुलिस नियंत्रण कक्ष के कार्य और उनके संचालन के बारे में भी बताया जा रहा है.
पढ़ें: रामगढ़ में राजस्थान स्टेट ओपन के 15 दिवसीय शिविर का समापन, 220 स्टूडेंट्स हुए शामिल
आत्मरक्षा ट्रेनिंग मिलने के बाद महिलाएं छोटी मोटी परेशानी का सामना कर सकेंगी. इसके लिए उनको मोटिवेट भी किया जा रहा है. छेड़छाड़, बैग, पर्स, चैन स्नैचिंग, एसिड हमले, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और अन्य महिला विरोधी गतिविधियों और अत्याचारों का सामना करने के लिए विशेष तरह से महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है.
एसपी ने कहा की इन शिविरों के अलावा अलवर के सभी स्कूल और कॉलेजों में बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. फेसबुक पर युवती और महिलाओं को बार-बार रिक्वेस्ट भेजने, व्हाट्सएप पर मैसेज भेजने, फोन के माध्यम से उनको परेशान करने, चैटिंग करके परेशान करने, फोन करने, सीटी बजाने और कमेंट करने सहित सभी तरह की असामाजिक तत्वों की ओर से की जाने वाली हरकतें कानून के हिसाब से गलत हैं.
इन सभी परेशान करने के तरीकों के लिए अलग से सजा और कानून बना हुआ है. इसलिए इन सब के बारे में भी युवतियों को जानकारी दी जा रही है. जिससे किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क कर सकें और समाज में फैली बुराइयों का मुकाबला कर सकें.