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साइबर शातिरों पर नकेल कस रही अलवर पुलिस, पीड़ितों के खाते में लौट रही ठगी की राशि

अलवर, भरतपुर और मेवात क्षेत्र क्राइम के लिए बदनाम है. डिजिटल युग में अब नई पीढ़ी साइबर क्राइम में लिप्त है. मेवात क्षेत्र के गांव के शातिर युवा लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे हैं, लेकिन अलवर पुलिस अब इनपर नकेल कस रही. पुलिस इन शातिरों को पकड़न में सफल भी हो रही है और पीड़ितों ठगी के पैसे भी वापस मिल जा रहे हैं.

cyber crime in Alwar
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Published : Mar 27, 2023, 8:49 PM IST

अलवर में साइबर क्राइम

अलवर. ऑनलाइन ठगी के लिए कुख्यात अलवर व भरतपुर के मेवात में अब ठगी के शिकार लोगों को राहत मिलने लगी है. लोगों के खातों में ठगी का पैसा फिर से लौटने लगा है. हाल ही में अलवर पुलिस की ओर से एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. ऑनलाइन ठगी होने पर यदि हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की जाए तो पुलिस एक्शन लेती है. कई मामलों में ठगी की घटना होने के 24 घंटे के अंदर साइबर सेल में शिकायत पर पुलिस टीम साइबर शातिरों को पकड़ने में कामयाब भी हो रही है.

ऑनलाइन ठगी की घटनाओं के लिए अलवर और भरतपुर का मेवात क्षेत्र पहले से ही बदनाम है. क्षेत्र में साइबर ठग अब गांव में बैठकर बड़ा खेल कर रहे हैं. बीते दिनों पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मेवात क्षेत्र के करीब 150 गांव में करीब 10 हजार से ज्यादा युवा ऑनलाइन ठगी जैसी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं. ये प्रतिदिन देश विदेश में बैठे लोगों से लाखों रुपए ठग रहे हैं.

पढ़ें. #Jagte Raho: इंस्टेंट लोन के चक्कर में ठगों का शिकार बन रहे बेरोजगार, घबराए नहीं ऐसे रहें सुरक्षित...

साल भर में अलवर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम देने वाले 400 से ज्यादा शातिरों को पकड़ा है. इन शातिरों ने हजारों लोगों से करोड़ों रुपए ठगे हैं. लेकिन अब अलवर पुलिस शातिरों के मंसूबों पर पानी फेर दे रही है. अलवर एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि साइबर क्राइम रिस्पांस सेल में अब तक 36 शिकायतें दर्ज की गई हैं जिनमें से 14 मामलों में पुलिस को सफलता मिली है और पीड़ितों के खाते में ठगी का पैसा वापस भी लौटा है.

पढ़ें. ऑनलाइन फ्रॉड होने पर साइबर क्राइम रेस्पांस सेल पर दे सूचना, क्विक होगा रिस्पांस

गृह मंत्रालय ने बनाई जांच कमेटी
ग्रह मंत्रालय की तरफ से ज्वाइंट कमीशन इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई है. इस टीम में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के पुलिस अधिकारियों के अलावा देश के सभी राज्यों के प्रमुख अधिकारी जुड़े हुए हैं. मेवात क्षेत्र में होने वाली पुलिस की कार्रवाई को इन ग्रुपों में डाला जाता है. उसके बाद देश के सभी राज्यों की पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ करती है और अपने यहां दर्ज एफआईआर में बदमाशों को रिमांड वारंट पर लेकर जांच पड़ताल करती है.

पढ़ें. cyber crime in rajasthan: राजस्थान के स्कूल-कॉलेजों में बनेंगे साइबर क्लब, स्टूडेंट्स को साइबर क्राइम से बचने के सिखाएंगे गुर

150 गांव में चलता है ठगी का खेल
अलवर, भरतपुर और भिवाड़ी के 150 गांवों में हजारों युवा साइबर क्राइम से जुड़े हुए हैं. ठग फर्जी कागजात, सिम, खाते व पते इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में उनको पकड़ना मुश्किल होता है. मेवात के ठग देश भर में सैकड़ों ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस के मुताबिक साइबर ठग देश में दमन और दीव, तेलंगाना, गुजरात, अंडमान निकोबार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, मुंबई, छत्तीसगढ़, असम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, गुवाहाटी, गुजरात और केरल के लोगों से ठगी कर चुके हैं.

हेल्पलाइन नंबर पुलिस ने किया जारी
अलवर पुलिस ने साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड से निबटने के लिए जिला स्तर पर साइबर क्राइम रेस्पांस सेल बनाई है. इस सेल का जिला स्तर पर एक हेल्पलाइन नंबर 8764874306 जारी किया गया था. इस हेल्पलाइन नम्बरों पर शिकायतकर्ता 24 घंटे किसी भी समय कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

अलवर में साइबर क्राइम

अलवर. ऑनलाइन ठगी के लिए कुख्यात अलवर व भरतपुर के मेवात में अब ठगी के शिकार लोगों को राहत मिलने लगी है. लोगों के खातों में ठगी का पैसा फिर से लौटने लगा है. हाल ही में अलवर पुलिस की ओर से एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. ऑनलाइन ठगी होने पर यदि हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की जाए तो पुलिस एक्शन लेती है. कई मामलों में ठगी की घटना होने के 24 घंटे के अंदर साइबर सेल में शिकायत पर पुलिस टीम साइबर शातिरों को पकड़ने में कामयाब भी हो रही है.

ऑनलाइन ठगी की घटनाओं के लिए अलवर और भरतपुर का मेवात क्षेत्र पहले से ही बदनाम है. क्षेत्र में साइबर ठग अब गांव में बैठकर बड़ा खेल कर रहे हैं. बीते दिनों पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मेवात क्षेत्र के करीब 150 गांव में करीब 10 हजार से ज्यादा युवा ऑनलाइन ठगी जैसी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं. ये प्रतिदिन देश विदेश में बैठे लोगों से लाखों रुपए ठग रहे हैं.

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साल भर में अलवर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम देने वाले 400 से ज्यादा शातिरों को पकड़ा है. इन शातिरों ने हजारों लोगों से करोड़ों रुपए ठगे हैं. लेकिन अब अलवर पुलिस शातिरों के मंसूबों पर पानी फेर दे रही है. अलवर एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि साइबर क्राइम रिस्पांस सेल में अब तक 36 शिकायतें दर्ज की गई हैं जिनमें से 14 मामलों में पुलिस को सफलता मिली है और पीड़ितों के खाते में ठगी का पैसा वापस भी लौटा है.

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गृह मंत्रालय ने बनाई जांच कमेटी
ग्रह मंत्रालय की तरफ से ज्वाइंट कमीशन इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई है. इस टीम में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के पुलिस अधिकारियों के अलावा देश के सभी राज्यों के प्रमुख अधिकारी जुड़े हुए हैं. मेवात क्षेत्र में होने वाली पुलिस की कार्रवाई को इन ग्रुपों में डाला जाता है. उसके बाद देश के सभी राज्यों की पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ करती है और अपने यहां दर्ज एफआईआर में बदमाशों को रिमांड वारंट पर लेकर जांच पड़ताल करती है.

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150 गांव में चलता है ठगी का खेल
अलवर, भरतपुर और भिवाड़ी के 150 गांवों में हजारों युवा साइबर क्राइम से जुड़े हुए हैं. ठग फर्जी कागजात, सिम, खाते व पते इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में उनको पकड़ना मुश्किल होता है. मेवात के ठग देश भर में सैकड़ों ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस के मुताबिक साइबर ठग देश में दमन और दीव, तेलंगाना, गुजरात, अंडमान निकोबार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, मुंबई, छत्तीसगढ़, असम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, गुवाहाटी, गुजरात और केरल के लोगों से ठगी कर चुके हैं.

हेल्पलाइन नंबर पुलिस ने किया जारी
अलवर पुलिस ने साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड से निबटने के लिए जिला स्तर पर साइबर क्राइम रेस्पांस सेल बनाई है. इस सेल का जिला स्तर पर एक हेल्पलाइन नंबर 8764874306 जारी किया गया था. इस हेल्पलाइन नम्बरों पर शिकायतकर्ता 24 घंटे किसी भी समय कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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