अलवर. जिले के पॉस्को न्यायालय संख्या तीन ने फैसला सुनाते हुए नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल का कठोर कारावास और 25 हजार के जुर्माने से दंडित किया है. 10 मार्च 2020 को अलवर के टपूकड़ा थाने में मामला दर्ज हुआ था. इसमें 2 साल तक सुनवाई चली, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाया.
सरकारी वकील राजकुमार गंगावत बताया कि अलवर के टपूकड़ा थाने में 10 मार्च 2020 को नाबालिग के पिता ने मामला दर्ज करवाया था. रिपोर्ट में बताया कि परिचित उसकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था. दो माह बाद जब नाबालिग अपने घर लौटी तो उसने परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी. नाबालिग ने बताया कि आरोपी ने उसे अलग-अलग जगह ले जाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया.
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पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल कर न्यायालय में चार्जशीट पेश किया. अलवर के पॉस्को न्यायालय संख्या तीन के न्यायाधीश सोहनलाल शर्मा ने मामले में लगातार सुनवाई कर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं. बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा व 25 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है.
जयपुर में दुष्कर्म के अभियुक्त : पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने मेडिकल साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया और दुष्कर्म के अभियुक्त को 20 साल कैद की सजा सुनाई है. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर द्वितीय ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा के साथ ही 7,500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में नाबालिग बयान से मुकर भी गई थी. जिस पर अदालत ने कहा कि नाबालिग पीड़िता की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. इसके साथ ही अदालत ने मेडिकल साक्ष्य और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर माना कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है.