अलवर. अलवर के पॉक्सो न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को बीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही 35 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है. इस मामले में एक अन्य आरोपी को न्यायालय ने मुख्य आरोपी की मदद करने के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई है. दोनों ही आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. बचाव और आरोपी पक्ष की दलील और गवाहों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी माना.
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पीड़िता को बेहोश करके साथ ले गए थे आरोपीः विशिष्ट लोक अभियोजक रोशन दीन खान ने बताया कि टहला थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता अपने घर से शौच के लिए गई थी. उसी समय आरोपी विश्राम और लहरी ने पीड़िता को कोल्ड्रिंग में विषाक्त पदार्थ मिलाकर पीला दिया. उसके बाद पीड़िता बेहोश हो गई. उसके बाद दोनों आरोपी पीड़िता को बांदीकुई लेकर चले गए. जब पीड़िता को होश आया तो उसने देखा कि वो बांदीकुई आ चुकी है. आरोपी लहरी ने विश्राम से कहा कि तुमको यहां छोड़ दिया है और लहरी बाइक लेकर चला गया. उसके बाद आरोपी विश्राम पीड़िता को गाजियाबाद व दिल्ली लेकर गया. उसके बाद वो लखनऊ पहुंचे और खाना खाया. वहां से जगह-जगह घूमते हुए विराट नगर पहुंचे और होटल में विश्राम ने उसके साथ गलत काम किया. उसके बाद आरोपी विश्राम ने लहरी को फोन करके बाइक लेकर मौके पर बुला लिया.
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कोर्ट में पेश किए गए 17 गवाहः कुछ देर में लहरी वहां बाइक लेकर पहुंच गया और बाइक से लहरी, विश्राम व पीड़िता को नारायणी माता के बस स्टैंड पर लेकर गया. वहां से लहरी और विश्राम ने पीड़िता को छोड़ दिया. विश्राम ने पीड़िता को धमकी दी कि अगर वो घर जाकर कुछ बताएगी तो वो उसके दोनों भाइयों को मार देगा. उसके बाद पीड़िता थाने पर पहुंची और मामले की शिकायत पुलिस को दी. उसके बाद पीड़िता के बयान हुए. मामले में पुलिस ने चालान पेश किया और न्यायालय में सुनवाई हुई. इस मामले में 17 गवाहों के बयान करवाए गए. वहीं 39 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए गए. इस मामले में आरोपी विश्राम को 20 साल की सजा और 35,000 का जुर्माना लगाया है. साथ ही आरोपी की मदद करने वाले लहरी को 5 साल की सजा और 15,000 के जुर्माने से दंडित किया है.