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अलवर:सरिस्का में मोबाइल एप से होगी बाघों की मॉनिटरिंग...केंद्र सरकार ने दिया 9.30 करोड़ का बजट

बाघों की लगातार हो रहे मौत के चलते लंबे समय तक विवादों में रहने वाले अलवर के सरिस्का में अब मोबाइल एप से बाघों की मॉनिटरिंग होगी. सरिस्का को केंद्र सरकार से करीब साढे़ नौ करोड़ रुपए का बजट मिला है. जिसके तहत सरिस्का में होमगार्ड का बकाया वेतन दिया जाएगा और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. जिससे बाघों की बेहतर मॉनिटरिंग हो सके.

tigers news in Sariska, सरिस्का न्यूज
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Published : Aug 21, 2019, 4:08 AM IST

अलवर. जिले में बाघों की मौत के चलते, सरिस्का लंबे समय से विवादों में बना हुआ है. साल 2018 में चार बाघों की मौत हुई थी तभी से सरिस्का विवादों में बना हुआ है. सरिस्का में हालात सुधारने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सरिस्का को करीब 9.30 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है. इसके तहत सरिस्का में कब एम स्ट्रीम मोबाइल बेस मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया जाएगा.

जिसमें सभी कर्मचारियों को एक मोबाइल फोन दिया जाएगा जिसमें विशेष सॉफ्टवेयर डला होगा. प्रत्येक गश्त करने वाले कर्मचारी को बाघों से जुड़ी सूचना, फोटो और वीडियो उसमें समय-समय पर अपडेट करने होंगे. जिससे उनकी लोकेशन का सही पता चल सकेगा और बाघों की बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी. सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि इस सिस्टम के परिणाम अन्य जगहों पर बेहतर नजर आए हैं. इसलिए इसे सरिस्का में भी लागू किया जाएगा.

सरिस्का में मोबाइल ऐप से होगी बाघों की मॉनिटरिंग

इससे पहले साल 2005 में सरिस्का बाघ-विहीन हो चुका है. उस समय अन्य जगहों से बाघ शिफ्ट किए गए थे. इसलिए लगातार राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नजरें सरिस्का पर बनी हुई है. दोनों ही सरकारें सरिस्का को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है.

पढ़ें: डिप्टी सीएम पायलट ने पहले गहलोत फिर इशारों-इशारों में धारीवाल-लाटा पर छोड़े सियासी तीर

सरिस्का के डीएफओ शेड्यूग्राम यादव ने बताया सरिस्का में तैनात होमगार्डों को लंबे समय से वेतन नहीं मिला है. उनको कार्य करने में खासी परेशानी हो रही है. इसलिए सबसे पहले होमगार्डों का वेतन दिया जाएगा फिर नया मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरिस्का में अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. संसाधनों की कमी के चलते लंबे समय से सरिस्का में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ दिनों में राज्य सरकार से भी सरिस्का को कुछ बजट मिलेगा जिसके तहत सरिस्का में सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी और संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे.

अलवर. जिले में बाघों की मौत के चलते, सरिस्का लंबे समय से विवादों में बना हुआ है. साल 2018 में चार बाघों की मौत हुई थी तभी से सरिस्का विवादों में बना हुआ है. सरिस्का में हालात सुधारने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सरिस्का को करीब 9.30 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है. इसके तहत सरिस्का में कब एम स्ट्रीम मोबाइल बेस मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया जाएगा.

जिसमें सभी कर्मचारियों को एक मोबाइल फोन दिया जाएगा जिसमें विशेष सॉफ्टवेयर डला होगा. प्रत्येक गश्त करने वाले कर्मचारी को बाघों से जुड़ी सूचना, फोटो और वीडियो उसमें समय-समय पर अपडेट करने होंगे. जिससे उनकी लोकेशन का सही पता चल सकेगा और बाघों की बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी. सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि इस सिस्टम के परिणाम अन्य जगहों पर बेहतर नजर आए हैं. इसलिए इसे सरिस्का में भी लागू किया जाएगा.

सरिस्का में मोबाइल ऐप से होगी बाघों की मॉनिटरिंग

इससे पहले साल 2005 में सरिस्का बाघ-विहीन हो चुका है. उस समय अन्य जगहों से बाघ शिफ्ट किए गए थे. इसलिए लगातार राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नजरें सरिस्का पर बनी हुई है. दोनों ही सरकारें सरिस्का को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है.

पढ़ें: डिप्टी सीएम पायलट ने पहले गहलोत फिर इशारों-इशारों में धारीवाल-लाटा पर छोड़े सियासी तीर

सरिस्का के डीएफओ शेड्यूग्राम यादव ने बताया सरिस्का में तैनात होमगार्डों को लंबे समय से वेतन नहीं मिला है. उनको कार्य करने में खासी परेशानी हो रही है. इसलिए सबसे पहले होमगार्डों का वेतन दिया जाएगा फिर नया मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरिस्का में अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. संसाधनों की कमी के चलते लंबे समय से सरिस्का में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ दिनों में राज्य सरकार से भी सरिस्का को कुछ बजट मिलेगा जिसके तहत सरिस्का में सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी और संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे.

Intro:अलवर।
बाघों की मौत के चलते लंबे समय तक विवादों में रहने वाले अलवर के सरिस्का में अब मोबाइल एप से बाघों की मॉनिटरिंग होगी। सरिस्का को केंद्र सरकार से करीब साढे नौ करोड़ रुपए का बजट मिला है। इसके तहत सरिस्का में होमगार्ड का बकाया वेतन दिया जाएगा व संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। जिससे बाघों की बेहतर मॉनिटरिंग हो सके।


Body:बाघों की मौत के चलते सरिस्का लंबे समय से विवादों में बना हुआ है। साल 2018 में चार बाघों की मौत हुई थी। तो वहीं 2019 में रणथंबोर से सिर्फ चलाए गए बाग की मौत हुई थी। जिसके चलते सरिस्का विवादों में बना हुआ है। सरिस्का में हालात सुधारने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सरिस्का को करीब 9.30 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। इसके तहत सरिस्का में कब एम स्ट्रीम मोबाइल बेस मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया जाएगा। इसके तहत सभी सरिस्का के कर्मचारियों को एक मोबाइल फोन दिया जाएगा। उसमें विशेष सॉफ्टवेयर डला होगा। प्रत्येक ग्रस्त करने वाले कर्मचारी को बाघों से जुड़ी हुई सूचना फोटो वीडियो उसमें समय-समय पर अपडेट करने होंगे। जिससे उनकी लोकेशन का सही पता चल सकेगा व बाघों की बेहतर मॉनिटरिंग हो सके। सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि इस सिस्टम के परिणाम अन्य जगहों पर बेहतर नजर आए हैं। इसलिए सरिस्का में भी यह प्रणाली लागू की जाएगी।

इससे पहले साल 2005 में सरिस्का बाघ विहीन हो चुका है। उस समय अन्य जगहों से बाघ शिफ्ट किए गए थे। इसलिए लगातार राज्य सरकार व केंद्र सरकार की नजरें सरिस्का पर बनी हुई है। दोनों ही सरकारें सरिस्का को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है।


Conclusion:सरिस्का के डीएफओ शेड्यूग्राम यादव ने बताया सरिस्का में तैनात होमगार्डों को लंबे समय से वेतन नहीं मिला है। उनको कार्य करने में खासी परेशानी हो रही है। इसलिए सबसे पहले होमगार्डों को वेतन दिया जाएगा। उसके बाद नया मॉनिटरिंग सिस्टम सरिस्का में लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरिस्का में अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। संसाधनों की कमी के चलते लंबे समय से सरिस्का में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ दिनों में राज्य सरकार से भी सरिस्का को कुछ बजट मिलेगा। उसके तहत भी सरिस्का में सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी व संसाधन बढाए जाएंगे।

बाइट- सेडूराम यादव, सरिस्का डीएफओ
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