अलवर. जिले में बाघों की मौत के चलते, सरिस्का लंबे समय से विवादों में बना हुआ है. साल 2018 में चार बाघों की मौत हुई थी तभी से सरिस्का विवादों में बना हुआ है. सरिस्का में हालात सुधारने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सरिस्का को करीब 9.30 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है. इसके तहत सरिस्का में कब एम स्ट्रीम मोबाइल बेस मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया जाएगा.
जिसमें सभी कर्मचारियों को एक मोबाइल फोन दिया जाएगा जिसमें विशेष सॉफ्टवेयर डला होगा. प्रत्येक गश्त करने वाले कर्मचारी को बाघों से जुड़ी सूचना, फोटो और वीडियो उसमें समय-समय पर अपडेट करने होंगे. जिससे उनकी लोकेशन का सही पता चल सकेगा और बाघों की बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी. सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि इस सिस्टम के परिणाम अन्य जगहों पर बेहतर नजर आए हैं. इसलिए इसे सरिस्का में भी लागू किया जाएगा.
इससे पहले साल 2005 में सरिस्का बाघ-विहीन हो चुका है. उस समय अन्य जगहों से बाघ शिफ्ट किए गए थे. इसलिए लगातार राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नजरें सरिस्का पर बनी हुई है. दोनों ही सरकारें सरिस्का को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है.
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सरिस्का के डीएफओ शेड्यूग्राम यादव ने बताया सरिस्का में तैनात होमगार्डों को लंबे समय से वेतन नहीं मिला है. उनको कार्य करने में खासी परेशानी हो रही है. इसलिए सबसे पहले होमगार्डों का वेतन दिया जाएगा फिर नया मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरिस्का में अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. संसाधनों की कमी के चलते लंबे समय से सरिस्का में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ दिनों में राज्य सरकार से भी सरिस्का को कुछ बजट मिलेगा जिसके तहत सरिस्का में सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी और संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे.