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अलवर : रेलवे पुलिस ने जंक्शन की सुरक्षा को किया अनदेखा

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Published : Aug 13, 2019, 2:08 PM IST

कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने व 15 अगस्त के चलते देशभर में हाई अलर्ट जारी किया गया है पर इसके बावजूद अलवर जंक्शन पर सुरक्षा के इंतजाम कुछ खास नजर नहीं आ रहे हैं. इस जंक्शन पर सुरक्षा सम्बंधी सुविधाएं वैसे ही नाम मात्र होने से किसी अनहोनी के होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं.

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अलवर. ए श्रेणी के अलवर जंक्शन पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. इस जंक्शन को दो बार बम से उड़ाने की आतंकी धमकी मिल चुकी है. उसके बाद भी पुलिस का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. जनता के अलावा कोई भी खुलेआम अलवर जंक्शन पर आ जा सकता है. अलवर जंक्शन पर आने जाने के कई रास्ते हैं. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने व 15 अगस्त के चलते देशभर में हाई अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन अलवर जंक्शन के हालातों में कोई बदलाव नहीं हुआ. ऐसे में किसी भी समय कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.

अलवर जंक्शन पर सुरक्षा के इंतजाम ना मात्र

पढ़ें : ईटीवी भारत टीम पहुंची जयपुर पूर्व राजपरिवार के पोथीखाने में, देखें भगवान श्रीराम के वंशज होने के दावे के आधार
एशिया डीके अलवर जंक्शन पर प्रति जे 80 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होता है. अलवर जंक्शन पर विभिन्न रूटों से लगभग 35 से 40 हजार यात्री सफर करते हैं. जैसलमेर स्थित पाकिस्तान सीमा को दिल्ली से अलवर रेल मार्ग ही जोड़ता है. इस वजह से यह हमेशा से संवेदनशील रहा है. यहां से गुजरने वाली सभी ट्रेनों पर पुलिस की खास नजर रहती है.
आए दिन जंक्शन पर तस्करी के सामान मिलते हैं. अलवर जंक्शन को दो बार पत्रों के माध्यम से बम से उड़ाने की धमकी तक मिल चुकी है, लेकिन अलवर जंक्शन पर पुलिस अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं जाता है. अलवर जंक्शन पर आने जाने के कई सारे रास्ते हैं. ऐसे में कोई भी व्यक्ति कोई घातक वस्तु अलवर जंक्शन पर रखकर आसानी से जा सकता है. इस सबके बाद भी जंक्शन पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है.

पढ़ें : चूरू के कई गांवों में मंगलवार को आ सकता है जलसंकट...ये है वजह
लंबे समय से अलवर जंक्शन पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की गई है लेकिन आज तक इस पर कोई ध्यान नही दिया गया है. रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही कैमरे लगाए जाएंगे. तो वहीं जंक्शन के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेकटर, बैगेज स्कैनर सहित अन्य सुरक्षा इंतजाम भी नहीं है. ऐसे में आने जाने वाले यात्रियों की जांच नहीं हो पाती है. इस कारण किसी भी समय इस जंक्शन पर कोई बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है. कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35 ए हटने के बाद देशभर में अलर्ट जारी है. इसके अलावा आने वाली 26 जनवरी को देखते हुए भी सभी मॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मुख्य बाजारों में जांच पड़ताल की जा रही है. इन सब के बावजूद अलवर जंक्शन पर रेलवे पुलिस का कोई ध्यान नहीं है.

अलवर. ए श्रेणी के अलवर जंक्शन पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. इस जंक्शन को दो बार बम से उड़ाने की आतंकी धमकी मिल चुकी है. उसके बाद भी पुलिस का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. जनता के अलावा कोई भी खुलेआम अलवर जंक्शन पर आ जा सकता है. अलवर जंक्शन पर आने जाने के कई रास्ते हैं. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने व 15 अगस्त के चलते देशभर में हाई अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन अलवर जंक्शन के हालातों में कोई बदलाव नहीं हुआ. ऐसे में किसी भी समय कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.

अलवर जंक्शन पर सुरक्षा के इंतजाम ना मात्र

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एशिया डीके अलवर जंक्शन पर प्रति जे 80 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होता है. अलवर जंक्शन पर विभिन्न रूटों से लगभग 35 से 40 हजार यात्री सफर करते हैं. जैसलमेर स्थित पाकिस्तान सीमा को दिल्ली से अलवर रेल मार्ग ही जोड़ता है. इस वजह से यह हमेशा से संवेदनशील रहा है. यहां से गुजरने वाली सभी ट्रेनों पर पुलिस की खास नजर रहती है.
आए दिन जंक्शन पर तस्करी के सामान मिलते हैं. अलवर जंक्शन को दो बार पत्रों के माध्यम से बम से उड़ाने की धमकी तक मिल चुकी है, लेकिन अलवर जंक्शन पर पुलिस अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं जाता है. अलवर जंक्शन पर आने जाने के कई सारे रास्ते हैं. ऐसे में कोई भी व्यक्ति कोई घातक वस्तु अलवर जंक्शन पर रखकर आसानी से जा सकता है. इस सबके बाद भी जंक्शन पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है.

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लंबे समय से अलवर जंक्शन पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की गई है लेकिन आज तक इस पर कोई ध्यान नही दिया गया है. रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही कैमरे लगाए जाएंगे. तो वहीं जंक्शन के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेकटर, बैगेज स्कैनर सहित अन्य सुरक्षा इंतजाम भी नहीं है. ऐसे में आने जाने वाले यात्रियों की जांच नहीं हो पाती है. इस कारण किसी भी समय इस जंक्शन पर कोई बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है. कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35 ए हटने के बाद देशभर में अलर्ट जारी है. इसके अलावा आने वाली 26 जनवरी को देखते हुए भी सभी मॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मुख्य बाजारों में जांच पड़ताल की जा रही है. इन सब के बावजूद अलवर जंक्शन पर रेलवे पुलिस का कोई ध्यान नहीं है.

Intro:ए श्रेणी के अलवर जंक्शन पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। इस जंक्शन को दो बार बम से उड़ाने की आतंकी धमकी मिल चुकी है। उसके बाद भी पुलिस का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। कोई भी ऐसी खुलेआम अलवर जंक्शन पर आ जा सकता है। अलवर जंक्शन पर आने जाने के कई रास्ते हैं। कश्मीर से 370 हटने व 15 अगस्त के चलते देशभर में हाई अलर्ट जारी है। लेकिन अलवर जंक्शन के हालातों में कोई बदलाव नहीं हुआ। ऐसे में किसी भी समय कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।


Body:एशिया डीके अलवर जंक्शन पर प्रति जे 80 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होता है। विभिन्न रूटों पर अलवर जंक्शन से 35 से 40 हजार यात्री सफर करते हैं। जैसलमेर स्थित पाकिस्तान सीमा को दिल्ली से अलवर रेल मार्ग जोड़ता है। इसलिए यह रेलवार हमेशा से संवेदनशील रहा है। यहां से गुजरने वाली सभी ट्रेनों पर पुलिस की खास नजर रहती है। आए दिन जंक्शन पर तस्करी के सामान मिलते हैं। लेकिन अलवर जंक्शन पर पुलिस अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। अलवर जंक्शन को दो बार पत्र के माध्यम से बम से उड़ाने तक की धमकी मिल चुकी है। अलवर जंक्शन पर आने जाने के दर्जनों रास्ते हैं। ऐसे में कोई भी यात्री कोई भी वस्तु अलवर जंक्शन पर रखकर आसानी से जा सकता है। इस सबके बाद भी जंक्शन पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है।


Conclusion:लंबे समय से अलवर जंक्शन पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग उठ गई है। लेकिन आज तक इस तरह कोई ध्यान नही है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही कैमरे लगाए जाएंगे। तो वहीं जंक्शन के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेकटर, बैगेज स्कैनर सहित अन्य सुरक्षा इंतजाम भी नहीं है। ऐसे में आने जाने वाले यात्रियों की जांच नहीं हो पाती है। ऐसे में किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। कश्मीर से धारा 370 व 35 ए हटने के बाद देशभर में अलर्ट जारी है। इसके अलावा आने वाली 26 जनवरी को देखते हुए भी सभी मॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मुख्य बाजारों में जांच पड़ताल की जा रही है। लेकिन अलवर जंक्शन पर रेलवे पुलिस का कोई ध्यान नहीं है।
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