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अलवर में किसान की 7 बीघा जमीन हड़पी...शक के दायरे में तहसीलदार, पटवारी और सरपंच

अलवर के बानसूर थाना क्षेत्र के तहसीलदार, पटवारी और सरपंच पर आरोप है कि उन्होंने षड़यंत्र पूर्वक एक किसान की 7 बीघा जमीन हड़प ली.किसान ने आरोप लगाया है कि उसे बंधक बनाकर जबरदस्ती फर्जी हस्ताक्षर करवा लिए.

गरीब किसान की फर्जी हस्ताक्षर करवा के जमीन हड़पी.
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Published : Aug 3, 2019, 9:41 AM IST

Updated : Aug 3, 2019, 10:52 AM IST

अलवर. जिले के बानसूर थाना क्षेत्र के गांव चतरपुरा में गरीब किसान को बंधक बनाकर 3 दिन तक कमरे में बंद करके दबंगों द्वारा जमीन हड़पने का मामला सामने आया हैं.

दरअसल किसान नागर सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी जमीन को तहसीलदार की मिलीभगत से मुख्तारनामा आम पर मेरे फर्जी हस्ताक्षर करवा के 7 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करवा दी गई. यह मामला ग्राम चतरपुरा, ढाणी टीबा की ऑडीगैली के पास का है. पीड़ित नागर सिंह ने बताया कि मेरी 7 बीघा जमीन जो बहरोड़ मे नोटरी मुख्तारनामा आम में दर्ज है. जिसको तहसीलदार और पटवारी की मिलीभगत से उसपे फर्जी नामांकन दर्ज करवा दिया गया.

गरीब किसान की फर्जी हस्ताक्षर करवा के जमीन हड़पी.


पढ़ें: जमीन विवाद में हत्या का आरोपी चचेरा भाई 3 बेटों समेत गिरफ्तार

दबंगों ने पीड़ित को जान से मारने की धमकिया भी दी है.ईटीवी के संवाददाता ने इस मामले को लेकर तहसीलदार से पूछा तो तहसीलदार ने बताया की मैने नागर सिंह को फोन के जरिए बात कर उनकी सहमति ली थी. उसके बाद ही मैंने रजिस्ट्री करवा दी थी. इस मामले की छानबीन होने के बाद ही पता चल पाएगा की किन अधारों पर इसकी रजिस्ट्री की गई है.


पढ़ें घरेलू विवाद में पुत्र ने पिता को मारा चाकू, हालत गंभीर

इस पूरे मामलें में पीडि़त किसान ने बानसूर थाने में 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जिनमे रामकरण जाट, गिरधारी जाट सुखराम सैनी , तहसीलदार सत्यनारायण छिपा , मुकेश सिंह, सुमेर सिंह ,सुशीला देवी, दिल कोर देवी, निवासी ऑडीगैली चतरपुरा है.तथा पीडि़त किसान ने कलेक्टर से मदद की गुहार भी लगाई है.

अलवर. जिले के बानसूर थाना क्षेत्र के गांव चतरपुरा में गरीब किसान को बंधक बनाकर 3 दिन तक कमरे में बंद करके दबंगों द्वारा जमीन हड़पने का मामला सामने आया हैं.

दरअसल किसान नागर सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी जमीन को तहसीलदार की मिलीभगत से मुख्तारनामा आम पर मेरे फर्जी हस्ताक्षर करवा के 7 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करवा दी गई. यह मामला ग्राम चतरपुरा, ढाणी टीबा की ऑडीगैली के पास का है. पीड़ित नागर सिंह ने बताया कि मेरी 7 बीघा जमीन जो बहरोड़ मे नोटरी मुख्तारनामा आम में दर्ज है. जिसको तहसीलदार और पटवारी की मिलीभगत से उसपे फर्जी नामांकन दर्ज करवा दिया गया.

गरीब किसान की फर्जी हस्ताक्षर करवा के जमीन हड़पी.


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दबंगों ने पीड़ित को जान से मारने की धमकिया भी दी है.ईटीवी के संवाददाता ने इस मामले को लेकर तहसीलदार से पूछा तो तहसीलदार ने बताया की मैने नागर सिंह को फोन के जरिए बात कर उनकी सहमति ली थी. उसके बाद ही मैंने रजिस्ट्री करवा दी थी. इस मामले की छानबीन होने के बाद ही पता चल पाएगा की किन अधारों पर इसकी रजिस्ट्री की गई है.


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इस पूरे मामलें में पीडि़त किसान ने बानसूर थाने में 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जिनमे रामकरण जाट, गिरधारी जाट सुखराम सैनी , तहसीलदार सत्यनारायण छिपा , मुकेश सिंह, सुमेर सिंह ,सुशीला देवी, दिल कोर देवी, निवासी ऑडीगैली चतरपुरा है.तथा पीडि़त किसान ने कलेक्टर से मदद की गुहार भी लगाई है.

Intro:Body:अलवर के बानसूर गरीब किसान को बंधक बनाकर 3 दिन तक कमरे में बंद कर मारपीट की दबंगों ने जमीन हड़पने का मामला सामने आया। दरअसल किसान नागर सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी जमीन को तहसीलदार की मिलीभगत से मुख्तारनामा आम पर मेरे फर्जी हस्ताक्षर कर मेरी 7 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करदी गई। पीड़ित ने थाने में 16 जनों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। यह मामला ग्राम चतरपुरा, ढाणी टीबा की ऑडीगैली के पास का है। पीड़ित नागर सिंह ने बताया कि मेरी जमीन जो बहरोड़ मे नोटरी मुख्तारनामा आम पर मेरे फर्जी हस्ताक्षर कर 7 बीघा जमीन की तहसीलदार ने 25.06.2019 को.चार बनामे कर दिऐगये।और 26.06.2019 पटवारी की मिलीभगत से नामांकन दर्ज कर दिया गया। और 28 .06. 2019 को ग्राम सरपंच द्वारा नामांकन का फैसला कर दिया।मात्र चार दिन मे सारा षडयंत्र रच दिया गया। दबंगों ने पीड़ित को जान से मारने की धमंकीया भी दी गई।ये जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। रामकरण जाट, गिरधारी जाट सुखराम सैनी , तहसीलदार सत्यनारायण छिपा , मुकेश सिंह, सुमेर सिंह ,सुशीला देवी, दिल कोर देवी, निवासी ऑडीगैली चतरपुरा, के नाम से फर्जी मुख्तारनामा कर के रजिस्ट्री हो गई। हमारे संवाददाता ने इस मामले को लेकर तहसीलदार से पूछा तो तहसीलदार ने बताया की मैने नागर सिंह को फोन के जरिए बात कर उनकी सहमति ली गई थी उसके बाद ही मैंने रजिस्ट्री कर दी । पहला पहलू मुख्तियार नामा रजिस्टर्ड होना अनिवार्य था । जबकी यह मुख्तारनामा ₹500 के स्टांप बेस पर है । दूसरा पहलू मुख्तारनामा देने वाला व्यक्ति को दूसरे अन्य तहसील में जाने की क्या जरूरत आन पड़ी । जबकि पीड़ित नागर सिंह द्वारा कोई मुख्तारनामा नहीं लिखा गया और ना ही उनके हस्ताक्षर मिलान खाते हैं। मामला सारे फर्जी तरीके से जनीम की रजिस्ट्री की गई। इस मामले में छानबीन होगी तब पता चल पाएगा किसके द्वारा इस जमीन कि किस तथ्यों के आधार पर रजिस्ट्री की गई है। उधर चतरपुरा सरपंच के द्वारा 4 दिन की रजिस्ट्री होने के बाद ही इंतकाल खोल दिया गया। जबकि पूरे राज्य मे नियमानुसार हर महीने की 5 व 20 तारीख को पंचायत की कोरम में नामांकन दर्ज कर खोला जाता है इंतकाल। इस मामले में ग्राम,सरपंच भी कहीं शक के घेरे में पडता दिखाई दे रहा है। पीड़ित नागर सिंह ने आपबीती बताई और कहा मुझे 3 दिन तक दिल्ली में एक कमरे में बंद कर मेरे से मारपीट की गई मैंने ट्रक के मारे अपने परिचित एवं रिश्तेदारों को नहीं बताया वह जब मुझे पता चला मैं तहसील कार्यालय में कर्मचारियों के जरिए मुझे पता चला। मेरी जमीन की रजिस्ट्री हो गई । लेकिन मुख्त्यारनामे पर मेरे हस्ताक्षर मिलान नहीं खा रहे । यह षडयंत्र को मेरी 7 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई है। इस मामले में मैंने बानसूर थाने में इस्तगासा 16 जनों के विरुद्ध करवाया है। अगर कार्रवाई नहीं की गई तो मै कलेक्टर के पास गुहार लगाने की बात कही
बाइट नागर सिंह पीड़ित किसान
बाइट सत्यनारायण छिपा तहसीलदार बानसूरConclusion:
Last Updated : Aug 3, 2019, 10:52 AM IST
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