अलवर. अलवर समेत देशभर में सड़क हादसों ( Road Accident Case ) पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने नई पहल की है. सरकार की ओर से अब ट्रक ड्राइवरों की आंखों की जांच कराने का फैसला लिया गया है. इस संबंध में सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं. बता दें कि जयपुर के बाद सबसे ज्यादा सड़क हादसे अलवर जिले में होते हैं. अलवर से दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे होकर गुजरता है. सड़क हादसों में अलवर रामगढ़ सड़क मार्ग प्रमुख है। साल दर साल सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी होने लगी है. ऐसे में चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक ने अलवर जिले के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को ट्रक चालकों की आंखों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत शुरुआत में हाईवे पर रेंडम ली ट्रक चालकों की आंखें चेक की जाएगी.
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जांच में अगर चालक के देखने की क्षमता कमजोर हुई, तो ऐसे चालकों को चिन्हित कर संबंधित क्षेत्र के परिवहन अधिकारियों को सूचना दी जाएगी. साथ ही चालकों को इलाज के लिए जागरूक किया जाएगा. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी मीणा ने बताया कि सड़क दुर्घटना कम करने के उद्देश्य से विभाग की तरफ से यह प्रयास किया जा रहा है. कई बार आंखों की रोशनी कम होने के बावजूद भी ट्रक चालक लगातार वाहन चलाते रहते हैं, ऐसे में हादसे होने की संभावना ज्यादा रहती है. इस तरह की दुर्घटनाओं में जनहानि को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग का कदम कारगर साबित हो सकता है. साथ ही परिवहन विभाग को भी ट्रक चालकों की आंखों की समय-समय पर जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं.
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अलवर जिले में 8 हजार से अधिक ट्रक सड़कों पर चल रहे हैं. अलवर राजस्थान की औद्योगिक राजधानी है. जिले में औद्योगिक इकाइयां ज्यादा होने के कारण यहां भारी वाहनों की संख्या भी अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा रहती है. दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश अलवर से खासा नजदीक है इसलिए कई राज्यों के ट्रकों का आवागमन भी अलवर जिले में रहता है.