सुजानगढ़ (अलवर). जिले में कुछ दिन पहले रोमानिया में फंसे सुजानगढ़ के तीन युवकों की सूचना मिली थी. जिसके बाद इन युवकों की समाचार को ईटीवी भारत पर प्रमुखता से प्रसारित किया गया था. इसके चलते जिला कलेक्टर संदेश नायक ने ओवरसीज प्लसेमेंट ब्यूरो, राजस्थान कौशल, आजीविका एवं विकास मिशन के सलाहकार बी.के. भार्गव को पत्र लिखा है. तीनों युवकों की सकुशल घर वापसी के प्रयास करने का आग्रह किया है.
जिला कलेक्टर ने पत्र में लिखा है कि इन्द्रचंद गहलोत और अन्य द्वारा सुजानगढ़ पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है. इसमें रामेन्द्र गहलोत, पंकज जांगीड़ और विकास सैनी निवासीगण सुजानगढ़ को विनोद और प्रहलाद की ओर से विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. साथ ही तीनों पीड़ितों को रोमानिया से स्वदेश बुलाने का निवेदन भी किया है.
नायक ने अपने पत्र में नियमानुसार कार्रवाई कर तीनों व्यक्तियों को स्वदेश लाने का आग्रह किया है. वहीं दूसरी ओर तीनों युवकों के परिजनों ने सुजानगढ़ पुलिस थाने में विनोद और प्रहलाद पर विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप का मामला दर्ज करवाया है. जिसकी जांच सब इन्स्पेक्टर राकेश सांखला कर रहे हैं.
इन्द्रचंद गहलोत निवासी प्रगति नगर सुजानगढ़ ने रिपोर्ट दी है कि विनोद और प्रहलाद ने उसके पुत्र रामेन्द्र उसके दोस्त पंकज और विकास को जर्मनी भेजने के बदले में साढ़े 11 लाख रुपये और पासपोर्ट लिये. विनोद ने रामेन्द्र और पंकज को जून 2019 में दिल्ली से फ्लाइट के जरिये अजहर भाइजान नामक देश भेजा. जहां दोनों को एक माह तक होस्टल में रखा. जर्मनी भेजने की बात करने पर सिस्टम सही नहीं होने का बहाना बनाया और फिर दोनों को सर्बिया भेजा. जहां पर पांच महीने तक रखा. इसके बाद रोमानिया देश जाने के लिए मजबूर करते हुए पासपोर्ट और मोबाइल छीन लिये.
उसके बाद अक्टूबर 2019 में विकास सैनी को फ्लाइट से सर्बिया भेजा. फिर तीनों को जबरन सर्बिया का बॉर्डर क्रोस करवा कर रोमानिया ले जाया गया. उसके बाद तीनों को हंगरी के बोर्डर पर छोड़ दिया गया. जहां पर हंगरी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर रोमानिया की पुलिस को सौंप दिया. तीनों रोमानिया के शरणार्थी शिविरों में हैं. वहां से तीनों ने फोन पर परिवारजनों को सारी बात बताई और विडियो भेजा, तब रामेन्द्र के पिता, पंकज का भाई, विकास के पिता आदि विनोद के घर गये और उक्त घटना का विडियो बताया और तीनों को वापस भारत लाने के लिए कहा.
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इस पर विनोद और प्रहलाद ने कहा कि 80 हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से देंगे, तभी तीनों को भारत लाया जाएगा. नहीं तो नहीं लाया जाएगा और उन लोगों ने कहीं शिकायत या मुकदमा दर्ज करवाया तो तीनों को जान से मरवा दिया जाएगा.
आपको बता दें कि इससे पूर्व तीनों युवकों के परिजनों ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल को ज्ञापन सौंप कर पीड़ितों की सकुशल स्वदेश वापसी की मांग की. परिजनों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, चूरू सांसद राहुल कस्वां को भी पत्र भेज कर तीनों युवकों की सकुशल घर वापसी की मांग की है.